Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019World Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी पर बोले सालेह- 'सुपरपावर बना मिनी पावर'

अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी पर बोले सालेह- 'सुपरपावर बना मिनी पावर'

31 अगस्त को, अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान से वापसी कर 20 साल के लंबे संघर्ष को खत्म किया.

क्विंट हिंदी
दुनिया
Updated:
<div class="paragraphs"><p><strong>अफगानिस्तान के उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह</strong></p></div>
i

अफगानिस्तान के उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह

(फोटो: विकीपीडिया)

advertisement

अफगानिस्तान में तालिबान के राज और अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद, देश के पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह (Amrullah Saleh) ने ट्वीट कर कहा कि एक सुपरपावर ने मिनी पावर बनने का फैसला किया. 31 अगस्त को, अपनी डेडलाइन के आखिरी दिन अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान से वापसी (US Troops Return) कर 20 साल के लंबे संघर्ष को खत्म किया.

अमेरिकी सेना की वापसी के बाद सालेह ने लिखा, "अफगानिस्तान को पैक कर आखिरी अमेरिकी सैनिक के बैग में नहीं रख दिया गया. देश आज भी वहीं है. नदियां बह रही हैं और पहाड़ वहीं मौजूद हैं. तालिबान एक अनपॉपुलर प्रॉक्सी फोर्स है और लोग उनसे नफरत करते हैं, इसलिए पूरा देश उनसे बचना चाहता है, एक सुपर पावर ने मिनी पावर बनने का फैसला किया, ठीक है."

(स्क्रीनशॉट: ट्विटर)

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
15 अगस्त को अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद, सालेह ने काबुल छोड़ दिया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वो पंजशीर घाटी में हैं. ये इकलौती जगह है जहां तालिबान आज तक कब्जा नहीं कर पाया है. कहा जा रहा है कि सालेह पंजशीर घाटी में मिलिट्री कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे, अहमद मसूद के साथ तालिबान से मुकाबले के लिए लड़ाकों की फौज तैयार कर रहे हैं.

सालेह ने कहा कि पंजशीर का प्रतिरोध, पंजशीर के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए है. "अफगान राष्ट्रीय ध्वज सरकारी भवनों में फहराया जाता है. हमारा प्रतिरोध अधिकारों और मूल्य के लिए है. गैर-तालिब अफगान राजनीतिक और भावनात्मक रूप से प्रतिरोध के साथ हैं."

(स्क्रीनशॉट: ट्विटर)

तालिबान के राज पर कहा था- 'नहीं झुकूंगा'

तालिबान के कब्जे के बाद, 15 अगस्त को सालेह ने एक ट्वीट में कहा था, "मैं तालिबान के आतंकियों के आगे किसी भी परिस्थिति में नहीं झुकूंगा. मैं अपने नायक अहमद शाह मसूद, कमांडर, लेजेंड और गाइड की आत्मा और विरासत के साथ कभी विश्वासघात नहीं करूंगा. मैं उन लाखों लोगों को निराश नहीं करूंगा, जिन्होंने मेरी बात सुनी. मैं तालिबान के साथ कभी भी एक छत के नीचे नहीं रहूंगा. कभी नहीं."

(स्क्रीनशॉट: ट्विटर)

अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी की कमान संभाल चुके सालेह को, मार्च 2017 में, राष्ट्रपति अशरफ गनी ने सुरक्षा सुधार राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था. दिसंबर 2018 में, गनी ने उन्हें आंतरिक मंत्री के रूप में नियुक्त किया. अशरफ गनी की चुनावी टीम में शामिल होने के लिए 19 जनवरी, 2019 को आंतरिक मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. वो 19 फरवरी 2020 से अफगानिस्तान के उप-राष्ट्रपति थे.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 31 Aug 2021,06:15 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT