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लाइव TV पर फाड़ी डिग्री- लड़कियों की शिक्षा के लिए तालिबान के सामने खड़ा प्रोफेसर

Afghanistan: "भले ही जान की कीमत चुकानी पड़े मैं इस तालिबानी आदेश से खिलाफ लडूंगा."- प्रोफेसर इस्माइल मशाल

आशुतोष कुमार सिंह
दुनिया
Published:
<div class="paragraphs"><p>लाइव TV पर फाड़ी डिग्री- लड़कियों की शिक्षा के लिए तालिबान के सामने खड़ा प्रोफेसर</p></div>
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लाइव TV पर फाड़ी डिग्री- लड़कियों की शिक्षा के लिए तालिबान के सामने खड़ा प्रोफेसर

(फोटो- Altered By Quint)

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अफगानिस्तान  (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) ने महिलाओं के लिए स्कूली शिक्षा के बाद यूनिवर्सिटी पर भी ताला लगा दिया है. इस बैन का विरोध करने के लिए लाइव टेलीविजन पर अपनी डिग्री फाड़कर तालिबान को खुली चुनौती देने वाले प्रोफेसर ने कहा है कि "भले ही जान की कीमत चुकानी" पड़े मैं इस तालिबानी आदेश से खिलाफ लडूंगा.

काबुल के तीन यूनिवर्सिटीज में एक दशक से भी अधिक समय तक पत्रकारिता के लेक्चरर रहे इस्माइल मशाल ने इस महीने तालिबान द्वारा बैन का आदेश जारी होने के बाद अपनी डिग्री लाइव टीवी पर फाड़ दी और इस्तीफा दे दिया था.

AFP की रिपोर्ट के अनुसार इस्माइल मशाल ने कहा है कि “मैं अपनी आवाज उठा रहा हूं. मैं अपनी बहनों के साथ खड़ा हूं … मेरा विरोध जारी रहेगा भले ही इसमें मुझे अपनी जान की कीमत चुकानी पड़े.'

"एक आदमी और एक शिक्षक के रूप में, मैं उनके लिए कुछ और करने में असमर्थ था, और मुझे लगा कि मेरी डिग्री बेकार हो गयी है. इसलिए, मैंने उन्हें फाड़ दिया."

TOLOnews पर मंगलवार को इस्माइल मशाल के डिग्री फाड़ने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. इसके कारण अफगानिस्तान के तालिबान अधिकारियों के कुछ समर्थकों ने आलोचना भी की थी. तालिबान के शासन में अफगानिस्तान जैसे बेहद रूढ़िवादी और पितृसत्तात्मक समाज में, किसी पुरुष को महिलाओं के समर्थन में विरोध करते देखना दुर्लभ है, लेकिन प्रोफेसर मशाल ने कहा कि वह महिलाओं के अधिकारों के लिए खड़े होंगे.

रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा है कि "एक ऐसे समाज में जहां मां-बहनों से किताबें और कलम छीन ली जाती है, यह केवल अपराध, गरीबी और अपमान को बढ़ावा देगा."

तालिबानी अधिकारियों ने कहा है कि अफगानिस्तान की यूनिवर्सिटीज में महिलाओं के प्रवेश पर बैन इसलिए लगाया गया क्योंकि वे इस्लामी ड्रेस कोड का पालन नहीं कर रही थीं. इसके विरोध में प्रोफेसर ने कहा है कि "महिलाओं के लिए शिक्षा का अधिकार अल्लाह, कुरान, पैगंबर मुहम्मद, और हमारे धर्म द्वारा दिया गया है".

अगस्त 2021 से अफगानिस्तान में शुरू तालिबानी राज में यह पहला वाकया नहीं है जब महिलाओं से उनका मानवाधिकार छीना गया है. अगर आपको तालिबान के उन 6 फरमानों पर नजर डालना है, जिन्होंने महिलाओं-लड़कियों के हितों के खिलाफ काम किया है तो नीचे दिए लिंक को क्लिक कीजिए.

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