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अमेरिकी नेवी सील टीम की ये तैयारी काफी पहले ही शुरू हो चुकी थी. 2 मई 2011 को 3.5 घंटे के ऑपरेशन में सील टीम ने अपनी तैयारियों को मुकाम तक पहुंचाया और दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान स्थित उसके घर में ही मौत की नींद सुला दी. अमेरिका को ये भनक पहले से ही थी कि लादेन पाकिस्तान में छिपा हुआ है. ऐसे में उसकी लोकेशन का ठीक-ठीक पता लगाने का जिम्मा सीआईए ने पाकिस्तान के एक डॉक्टर शकील अफरीदी को सौंपा, एबटाबाद में नकली टीकाकरण अभियान के जरिए लादेन के पते को ट्रेस किया गया. शकील अफरीदी पिछले 7 साल से पाकिस्तान की जेल में कैद है.
इस्लामाबाद से करीब 130 किलोमीटर दूर स्थिति एबटाबाद शहर के एक बड़े मकान में लादेन अपने पत्नी, बच्चों और कुछ सहयोगियों के साथ रहता था. इस मकान को भी ऐसे चुना गया था जिससे बाहरी दखल कम से कम हो, इंटरनेट और फोन नहीं था. मैसेज भेजने के लिए कुछ लोगों का इस्तेमाल किया जाता था, जो एक जगह से दूसरी जगह जाकर लादेन का मैसेज पहुंचाते. कुछ ऐसे ही लादेन के सहयोगी, सीआईए के चंगुल में आ गए और इससे लादेन के पाकिस्तान में छिपे होने का पता लगा था.
क्यों पाक में घुसकर किया गया ढेर...
9/11 हमले के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन ने अमेरिका के खिलाफ एक तरह के 'युद्ध' का ऐलान किया था, ऐसे में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा पूरी शिद्दत से लादेन को ढूंढ निकालने में जुटे हुए थे. साल 2001 में ही अमेरिकी और अफगानिस्तानी सेना तोरा बोरा में लादेन को पकड़ने के करीब पहुंच गई थी लेकिन वो अफगानिस्तानी सीमा से होते हुए पाकिस्तान भाग गया था. लिहाजा, अपने सबसे बड़े दुश्मन लादेन को ढेर करने का ये 2 मई का ऑपरेशन व्हाइट हाउस में बैठे-बैठे ओबामा देख रहे थे.
अमेरिकी नेवी सील के एक पूर्व शूटर ने पिछले साल दावा किया था कि लादेन का सिर गोलियों से इस कदर खराब हो गया था कि पहचान करने के लिए सिर के सभी टुकड़ों को एक साथ रखना पड़ा. शूटर राबर्ट ओ नील ने अपनी किताब में किए गए दावे को दोहराया कि उन्होंने अकेले ही ओसामा को 3 गोलियां मारी थी और 9/11 हमलों के जिम्मेदार आतंकी को ढेर कर दिया था. लादेन को ढेर करने के बाद उसके शव को हेलीकॉप्टर में लादकर नेवी सील ने पाकिस्तान से उड़ान भर ली. इसी के साथ दुनिया में आतंक का पर्याय बन चुके ओसामा बिन लादेन का खौफ खत्म कर दिया गया.
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