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लादेन की वसीयत में लिखा था, जेहाद...जेहाद और सिर्फ जेहाद!

जरुर पढ़िएगा लादेन की वसीयत में आखिरी शब्द क्या थे?

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अमेरिका की सबसे सुरक्षित इमारत पेंटागन और वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले के लिए जिम्मेदार एक समय सबसे बड़े आतंकी संगठन के प्रमुख रहे आतंक के आका ओसामा बिन लादेन की वसीयत को जब आप पढ़ेंगे तो यकीन मानिए आपको भी यही लगेगा कि उसके जीवन का एक ही मकसद था, जेहाद. यही वजह थी कि उसने अपनी वसीयत में अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा जेहाद पर खर्च किए जाने की इच्छा जताई थी.

अमेरिकी प्रशासन की ओर से हाल ही में जारी किए गए दस्तावेजों में से एक खत ऐसा भी है जिसमें अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन ने अपनी इच्छाओं के बारे में लिखा है.

यह खत उन्हीं दस्तावेजों के बीच से बरामद किया गया है, जिन्हें 2 मई 2011 को अमेरिकी सेना के जवानों ने पाकिस्तान स्थित ऐबटाबाद में खुफिया ऑपरेशन के दौरान अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को खत्म करने के बाद जब्त किया था. इस ऑपरेशन के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों को ओबामा सरकार की ओर से मंगलवार को जारी किया गया है.

जेहाद के लिए छोड़े 197 करोड़

ओसामा बिन लादेन ने अपने पीछे 2.9 करोड़ डॉलर (करीब 197 करोड़ रुपए) की प्रॉपर्टी छोड़ी है. लादेन ने अपने हाथ से लिखी एक वसीयत में संपत्ति का ज्यादातर हिस्सा अल्लाह के नाम जेहाद पर खर्च किए जाने की इच्छा जताई थी.

लादेन की ये वसीयत मंगलवार को अमेरिकी सरकार द्वारा जारी किए गए दस्तावेजों में शामिल है. वसीयत से अंदाजा लगाया जा रहा है कि मरने के कई साल पहले ही लादेन को लगने लगा था कि वह कभी भी मारा जा सकता है.

अगर मैं मारा जाऊं तो मेरे लिए खूब दुआ करना. मेरे नाम पर खूब खैरात बांटना. क्योंकि मैं आखिरी घर तक पहुंचने के लिए मदद चाहता हूं. अगर मेरी मौत हो जाती है तो मेरी पत्नी और बच्चों का ख्याल रखा जाए.
ओसामा बिन लादेन की वसीयत का अंश

ये दस्तावेज अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस एजेंसी के डायरेक्टर ने जारी किए हैं. इन दस्तावेजों में अल कायदा के कई संगठनों का जिक्र है. साथ ही उस अलकायदा का भी जिक्र है जो अब आईएसआईएस के नाम से इराक और सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्जा कर चुका है.

सूडान का मेहमान रहा था लादेन

लादेन 1990 के दशक में सूडान सरकार के मेहमान के तौर पर वहां पांच साल रहा था. अपने पत्रों में लादेन ने पश्चिमी देशों के खिलाफ जंग और अफगानिस्तान में अमरीकी अभियान के बारे में भी लिखा है.

लादेन ने लिखा, “उन्होंने सोचा था कि ये युद्ध आसान होगा और वो चंद दिनों या चंद हफ्तों में अपने लक्ष्य हासिल कर लेंगे.”

अमेरिकी लोगों के नाम लिखे गए इस खत पर न तो कोई तारीख मौजूद है और ना ही ओसामा बिन लादेन का कोई हस्ताक्षर, लेकिन खत में जिन घटनाक्रमों का जिक्र किया गया है उसके आधार पर अमेरिकी खुफिया विभाग के अधिकारियों का दावा है कि यह खत ओसामा बिन लादेन ने साल 2009 में बराक ओबामा के बतौर राष्ट्रपति पदभार संभालने के बाद ही यह खत लिखा गया था.

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