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अमेरिकी सरकार ने शनिवार (23 दिसंबर) को कैलिफोर्निया में एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की निंदा की हैं. कैलिफोर्निया के नेवार्क में श्री स्वामीनारायण मंदिर हिंदू मंदिर में भारत विरोधी ग्रैफिटी के साथ तोड़फोड़ की गई. पुलिस संभावित हेट क्राइम के रूप में मामले की जांच कर रही है.
अमेरिकी विदेश विभाग के दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो ने सोशल मीडिया 'X' पर एक पोस्ट में कहा, ''हम कैलिफोर्निया में श्री स्वामीनारायण मंदिर को नुकसान पहुंचाने की घटना की निंदा करते हैं. हम नेवार्क पुलिस विभाग के प्रयासों का स्वागत करते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाए.''
कैलिफोर्निया के नेवार्क में सिटी ऑफ नेवार्क पुलिस विभाग ने PTI को एक ईमेल बयान में कहा कि शुक्रवार सुबह लगभग 8:35 बजे, नेवार्क पुलिस को श्री स्वामीनारायण मंदिर हिंदू मंदिर में भारत विरोधी ग्रैफिटी की रिपोर्ट मिली.
बयान में कहा गया है कि ग्रैफिटी की सामग्री के आधार पर यह माना जाता है कि यह एक जानबूझकर किया गया काम था, संभावित हेट क्राइम के रूप में जांच की जा रही है.
सैन फ्रांसिस्को में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने मंदिर को विरूपित करने की कड़ी निंदा की.
वाणिज्य दूतावास ने 'X' पर पोस्ट किया, "हम कैलिफोर्निया के नेवार्क में एसएमवीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर को भारत विरोधी ग्रैफिटी की कड़ी निंदा करते हैं."
बयान में आगे कहा गया, "इस घटना से भारतीय समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं. हमने इस मामले में अमेरिकी अधिकारियों द्वारा त्वरित जांच और तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई के लिए दबाव डाला है."
सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीरों के अनुसार, 'खालिस्तान' शब्द को अन्य आपत्तिजनक ग्रैफिटी के साथ मंदिर के बाहर एक साइन पोस्ट पर स्प्रे-पेंट किया गया था.
वहीं, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को कैलिफोर्निया के नेवार्क में एसएमवीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर को नुकसान पहुंचाने की निंदा की और कहा कि अलगाववादियों को जगह नहीं मिलनी चाहिए.
एस. जयशंकर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "मैंने इसे देखा है. जैसा कि आप जानते हैं कि हमें इस बात की चिंता है कि भारत के बाहर उग्रवाद और अलगाववादियों को जगह नहीं मिलनी चाहिए. वहां हमारे वाणिज्य दूतावास ने सरकार और पुलिस से शिकायत की. मुझे लगता है कि जांच चल रही है."
जानकारी के अनुसार, यह पहली बार नहीं है, जब किसी हिंदू मंदिर को निशाना बनाया गया है. इससे पहले भी अमेरिका और उसके पड़ोसी कनाडा दोनों जगहों पर ऐसी ही घटनाएं हो चुकी हैं.
(इनपुट-NDTV, IANS)
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