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India-Canada: "अमेरिका की वजह से भारत के सुर बदले, अब उसके रुख में नरमी"- ट्रूडो

India-Canada: भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था.

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India-Canada: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बुधवार 20 दिसंबर को कहा कि, खलिस्तानी आतंकवादी पन्नू मामले के बाद भारत के मिजाज में नरमी आई है. कनाडा और भारत के संबंधों में अब खुलापन आया है जो शायद पहले नहीं था. ट्रूडो ने कहा अमेरिका में एक भारतीय नागरिक पर एक खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगने के बाद कनाडा के साथ भारत के संबंधों में "एक महत्वपूर्ण बदलाव" आया है.

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ट्रूडो ने भारत को लेकर क्या कहा?

ट्रूडो ने कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन से बातचीत में कहा...

"मुझे लगता है कि एक समझ की शुरुआत हुई है. इस तरह का सहयोग और खुलापन हमारे संबंधों में शायद पहले नहीं था. ऐसा लगता है कि अमेरिका ने भारत सरकार को अधिक शांत रुख अपनाने के लिए राजी कर लिया है. भारत को शायद समझ आ गया है कि, कनाडा के खिलाफ लगातार हमले करने से यह समस्या दूर नहीं होने वाली है. हम अभी इस मुद्दे पर भारत के साथ किसी भी प्रकार की लड़ाई की स्थिति में नहीं रहना चाहते. हम व्यापार समझौते पर काम करना चाहते हैं और इंडो-पैसिफिक रणनीति को आगे बढ़ाना चाहते हैं."
कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो

ट्रूडो ने कहा- कनाडा के लिए लोगों के अधिकारों, लोगों की सुरक्षा और कानून के शासन के लिए खड़ा होना जरूरी बात है और यही हम करने जा रहे हैं.

भारत-कनाडा के संबंधों में तल्खी क्यों आई?

सितंबर में ट्रूडो ने ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को हुए खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारतीय एजेंटों पर लगाया था. जिसके बाद से भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव आ गया. भारत ने इस आरोप को खारिज करते हुए इसे "बेतुका" कहा था. भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था.

US ने भारत पर क्या आरोप लगाये?

नवंबर में, अमेरिकी संघीय अभियोजकों (US federal prosecutors)  ने आरोप लगाया कि निखिल गुप्ता नामक व्यक्ति एक सिख अलगाववादी को मारने की साजिश में एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ काम कर रहा था. जिसके पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है. हालांकि अलगाववादी सिख नेता का नाम नहीं बताया गया. लेकिन मीडिया रिपोर्टों में उनकी पहचान भारत में प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू के रूप में की गई है.

हलांकि, आरोपों की जांच के लिए भारत पहले ही एक जांच समिति गठित कर चुका है.

ट्रूडो के पास सबूत नहीं

पिछले हफ्ते, ट्रूडो ने कहा था कि सार्वजनिक रूप से आरोप लगाने के उनके फैसले का उद्देश्य उन्हें इसी तरह की कार्रवाई को दोहराने से रोकना था.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस महीने की शुरुआत में राज्यसभा में कहा था कि कनाडा ने भारत के साथ कोई विशेष सबूत या इनपुट साझा नहीं किया है.

सितंबर में ट्रूडो के आरोपों के कुछ दिनों बाद, भारत ने कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करना अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया और भारत में अपनी राजनयिक उपस्थिति को कम करने के लिए कहा.

भारत ने कनाडा में कुछ वीजा सेवाओं को निलंबित होने के एक महीने से अधिक समय बाद पिछले महीने फिर से शुरू किया.

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