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Kyle Rittenhouse केस: 2 की हत्या फिर भी बरी, अमेरिका में फिर उठा नस्लवाद का सवाल

जूरी ने माना आत्मरक्षा में की हत्या, उठ रहा सवाल - अगर आरोपी अश्वेत होता तो क्या फैसला यही होता ?

आशुतोष कुमार सिंह
दुनिया
Published:
<div class="paragraphs"><p>Kyle Rittenhouse केस: 2 की हत्या फिर भी बरी, अमेरिका में फिर उठा नस्लवाद का सवाल</p></div>
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Kyle Rittenhouse केस: 2 की हत्या फिर भी बरी, अमेरिका में फिर उठा नस्लवाद का सवाल

(फोटो- अलटर्ड बाई क्विंट)

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अमेरिका (America) और पूरा विश्व श्वेत पुलिस अधिकारी द्वारा जैकब ब्लेक नामक अश्वेत व्यक्ति की हत्या के बाद नस्लवाद के विरोध में आंदोलन कर रहा था. तब 17 वर्षीय श्वेत नवयुवक काइल रिटनहाउस (Kyle Rittenhouse) ने अमेरिका के विस्कॉन्सिन में प्रदर्शनरत दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी जबकि तीसरे को बुरी तरह घायल कर दिया.

एक साल से अधिक समय तक चले इस केस के बाद एक जूरी ने शुक्रवार, 19 नवंबर को काइल रिटनहाउस को सभी आरोपों में निर्दोष पाते हुए बरी कर दिया. इसके साथ ही एक बार फिर खुद को मानवाधिकार का तथाकथित अगुआ कहने वाले अमेरिका में श्वेतों और अश्वेतों के बीच गैर-बराबरी के सवाल पर बहस तेज हो गयी है.

क्या “ब्लैक लाइफ मैटर” जैसे वैश्विक आंदोलन के बाद अमेरिकी समाज में कोई बदलाव आया है? दुनियाभर की सिविल सोसाइटी इस सवाल के जवाब के लिए इस केस को टेस्ट के रूप में देख रही थी.

काइल रिटनहाउस पर लगे हरेक आरोप के लिए उसके द्वारा खुद से चुनी हुई जूरी ने उसके दोषी नहीं होने के फैसले पढ़ा. आमतौर पर अमेरिका के ज्यादातर अदालतों में काइल रिटनहाउस पर मर्डर का केस चलता, लेकिन विस्कॉन्सिन में उसपर मौजूदा कानून के कारण जानबूझकर हत्या, लापरवाह हत्या और जानबूझकर हत्या का प्रयास का केस फाइल किया गया था.

जब हत्या से दहला था “ब्लैक लाइफ मैटर” प्रोटेस्ट

काइल रिटनहाउस 17 वर्ष का था जब वह अगस्त 2020 में अमेरिकी राज्य इलिनोइस में अपने घर से विस्कॉन्सिन के केनोशा आया था और कर्फ्यू के बाद बाहर रहकर, सड़कों पर गश्त करना शुरू कर दिया. प्रदर्शनकारियों का मनना है कि उस समय ड्यूटी पर मौजूद कुछ पुलिस अधिकारियों ने रिटनहाउस जैसे तमाम श्वेत और हथियारबंद आम नागरिकों को स्पष्ट स्वीकृति दे रखी थी.

श्वेत हथियारबंद आम नागरिकों ने दावा किया कि वे अपनी संपत्ति की रक्षा कर रहे हैं और अनौपचारिक चिकित्सा और अनौपचारिक सुरक्षा के रूप में काम कर रहे हैं.

मुकदमे में महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब तीसरे और जिन्दा बचे पीड़ित ने अभियोजन पक्ष की तरफ से गवाही दी, लेकिन स्वीकार किया कि उसने रिटेनहाउस की तरफ बंदूक तानी थी, इससे पहले कि 17 वर्षीय ने अपनी राइफल से उसे हाथ में मार दिया. दूसरों ने भी गवाही दी कि रिटनहाउस का पीछा उन पुरुषों द्वारा किया गया था जिनकी उसने गोली मारकर हत्या कर दी थी.

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रिटनहाउस श्वेत नवयुवक है और जिनको उसने गोली मार दी थी वो भी. लेकिन इस मामले ने नस्लीय न्याय, असमान पुलिस व्यवस्था और गन रखने के अधिकारों के सवालों पर ध्यान केंद्रित किया है.

किसने दी कैसी प्रतिक्रिया ?

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने फैसले पर कहा कि "जूरी ने जो निष्कर्ष निकाला है, मैं उस पर कायम हूं...जूरी सिस्टम काम करती है. हमें इसका पालन करना होगा"

“जबकि केनोशा के फैसले से कई अमेरिकियों को गुस्सा आएगा और वो चिंतित महसूस करेंगे,जिसमें मैं भी शामिल हूं, लेकिन हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि जूरी ने फैसला दिया है."
राष्ट्रपति बाइडेन

NAACP नागरिक अधिकार समूह ने ट्वीट करते हुए कहा कि “काइल रिटनहाउस मामले में आया फैसला एक मजाक है और उन लोगों को न्याय देने में विफल रहा जिन्होंने पुलिस की बर्बरता और हिंसा के विरोध में शांतिपूर्वक इकट्ठा होकर अपनी जान गंवाई."

चर्च की मंत्री और मारे गए नागरिक अधिकार आइकन मार्टिन लूथर किंग जूनियर की बेटी बर्निस किंग ने ट्विटर पर कहा

"न्याय केवल फैसले के बारे में नहीं है. यह एक अबाध श्रृंखला है. हम अपनी संस्कृति को बदलने के लिए प्रेरित कर सकते हैं, जिसमें इस अंतर को चुनौती देना भी शामिल है कि केनोशा में अगर यह ब्लैक पुरुष किशोर होता तो क्या होता ”

उठ रहा सवाल - अगर आरोपी ब्लैक होता तो फैसला यही होता ?

अखबार “द गार्डियन” में Michael Harriot ने फैसले पर अपने ओपिनियन पीस में लिखा है कि “शिक्षा, हथियार रखने और पूर्व आपराधिक इतिहास जैसे फैक्टर को शामिल करने के बाद, अमेरिकी सजा आयोग ने पाया कि फेडरल जज अमेरिका में अश्वेत पुरुषों को समान परिस्थितियों वाले श्वेत पुरुषों की तुलना में औसतन 20% अधिक जेल की सजा देते हैं.”

“यही कारण है कि पुलिस अधिकारी रस्टन शेस्की पर जैकब ब्लेक को पीठ और बाजू में सात बार गोली मारने के अपराध का आरोप नहीं लगाया गया था. ब्लेक के जेब में मौजूद पॉकेटनाइफ ने पुलिस अधिकारी शेस्की को अपने जीवन के लिए भयभीत कर दिया, लेकिन रिटनहाउस को अराजक विरोध के दौरान हथियार लेकर उसी पुलिस विभाग के पिछले अधिकारियों के साथ चलने की अनुमति दी गई थी. उन्होंने बंदूक चलाने वाले किशोर को खतरे के रूप में नहीं देखा. वह ब्लैक नहीं है. वह डरावना नहीं था”
Michael Harriot

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