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अमेरिका (America) और पूरा विश्व श्वेत पुलिस अधिकारी द्वारा जैकब ब्लेक नामक अश्वेत व्यक्ति की हत्या के बाद नस्लवाद के विरोध में आंदोलन कर रहा था. तब 17 वर्षीय श्वेत नवयुवक काइल रिटनहाउस (Kyle Rittenhouse) ने अमेरिका के विस्कॉन्सिन में प्रदर्शनरत दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी जबकि तीसरे को बुरी तरह घायल कर दिया.
एक साल से अधिक समय तक चले इस केस के बाद एक जूरी ने शुक्रवार, 19 नवंबर को काइल रिटनहाउस को सभी आरोपों में निर्दोष पाते हुए बरी कर दिया. इसके साथ ही एक बार फिर खुद को मानवाधिकार का तथाकथित अगुआ कहने वाले अमेरिका में श्वेतों और अश्वेतों के बीच गैर-बराबरी के सवाल पर बहस तेज हो गयी है.
काइल रिटनहाउस पर लगे हरेक आरोप के लिए उसके द्वारा खुद से चुनी हुई जूरी ने उसके दोषी नहीं होने के फैसले पढ़ा. आमतौर पर अमेरिका के ज्यादातर अदालतों में काइल रिटनहाउस पर मर्डर का केस चलता, लेकिन विस्कॉन्सिन में उसपर मौजूदा कानून के कारण जानबूझकर हत्या, लापरवाह हत्या और जानबूझकर हत्या का प्रयास का केस फाइल किया गया था.
काइल रिटनहाउस 17 वर्ष का था जब वह अगस्त 2020 में अमेरिकी राज्य इलिनोइस में अपने घर से विस्कॉन्सिन के केनोशा आया था और कर्फ्यू के बाद बाहर रहकर, सड़कों पर गश्त करना शुरू कर दिया. प्रदर्शनकारियों का मनना है कि उस समय ड्यूटी पर मौजूद कुछ पुलिस अधिकारियों ने रिटनहाउस जैसे तमाम श्वेत और हथियारबंद आम नागरिकों को स्पष्ट स्वीकृति दे रखी थी.
मुकदमे में महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब तीसरे और जिन्दा बचे पीड़ित ने अभियोजन पक्ष की तरफ से गवाही दी, लेकिन स्वीकार किया कि उसने रिटेनहाउस की तरफ बंदूक तानी थी, इससे पहले कि 17 वर्षीय ने अपनी राइफल से उसे हाथ में मार दिया. दूसरों ने भी गवाही दी कि रिटनहाउस का पीछा उन पुरुषों द्वारा किया गया था जिनकी उसने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
रिटनहाउस श्वेत नवयुवक है और जिनको उसने गोली मार दी थी वो भी. लेकिन इस मामले ने नस्लीय न्याय, असमान पुलिस व्यवस्था और गन रखने के अधिकारों के सवालों पर ध्यान केंद्रित किया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने फैसले पर कहा कि "जूरी ने जो निष्कर्ष निकाला है, मैं उस पर कायम हूं...जूरी सिस्टम काम करती है. हमें इसका पालन करना होगा"
NAACP नागरिक अधिकार समूह ने ट्वीट करते हुए कहा कि “काइल रिटनहाउस मामले में आया फैसला एक मजाक है और उन लोगों को न्याय देने में विफल रहा जिन्होंने पुलिस की बर्बरता और हिंसा के विरोध में शांतिपूर्वक इकट्ठा होकर अपनी जान गंवाई."
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अखबार “द गार्डियन” में Michael Harriot ने फैसले पर अपने ओपिनियन पीस में लिखा है कि “शिक्षा, हथियार रखने और पूर्व आपराधिक इतिहास जैसे फैक्टर को शामिल करने के बाद, अमेरिकी सजा आयोग ने पाया कि फेडरल जज अमेरिका में अश्वेत पुरुषों को समान परिस्थितियों वाले श्वेत पुरुषों की तुलना में औसतन 20% अधिक जेल की सजा देते हैं.”
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