advertisement
अमेरिकी दक्षिणी राज्य वर्जिनिया के लॉडाउन कांउटी के एशबर्न क्षेत्र में कोरोना महामारी के कारण बढ़ी बेरोजगारी अब वापस से निचले स्तर पर आ चुकी है. फेडरल ब्यूरो ऑफ लेबर के अनुसार एशबर्न,लॉडाउन कांउटी में बेरोजगारी दर अप्रैल 2020 में जहां 9.9% थी वहीं 1 साल ,अप्रैल 2021 में यह कम होकर 3.1% हो गई है.
अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ लेबर का लेटेस्ट डेटा यह दिखाता है कि लॉडाउन कांउटी के एशबर्न क्षेत्र में महामारी की शुरुआत,अप्रैल 2020 से लेकर अप्रैल 2021 के बीच बेरोजगारी दर 9.9% से 3.1% तक आ गई है. यहां तक कि मार्च 2021 में भी यह 4.1% थी. यानी 1 महीने में बेरोजगारी दर में 1% की कमी आई है.लॉकडाउन कांउटी(3.1%) में अप्रैल महीने में बेरोजगारी दर पूरे वर्जिनिया क्षेत्र(3.9%) से भी नीचे रही.
बढ़ते रोजगार अवसरों का एक कारण इस क्षेत्र में बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन है .अब तक पूरे लॉडाउन में 4,27,251 लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है. यानी 48% जनसंख्या पूरी तरह से वैक्सीनेटेड है.
मार्च 2021 में यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया के एक रिसर्च टीम ने Penn Wharton Budget Model का प्रयोग करके नया विश्लेषण प्रस्तुत किया था. टीम ने पाया था कि अगर अमेरिका उस समय के अपने डेली वैक्सीनेशन स्पीड को दुगना करके 30 लाख वैक्सीन प्रतिदिन लगाने लगता तो उस से अमेरिका में 20 लाख नए रोजगार और गर्मी खत्म होने तक अमेरिकी GDP में 1% का देखने को मिल सकता था.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी (CMIE) के अनुसार भारत में रोजगार प्राप्त लोगों की संख्या अप्रैल 2021 में जहां 39.07 करोड़ थी वही वह मई 2021 में 37.54 करोड़ रह गई ,यानी 1 महीने के अंदर 1.53 करोड लोगों ने अपना रोजगार खो दिया.
कई अर्थशास्त्रियों ने सरकार को बजट घाटे की चिंता छोड़ इकॉनमी रिवाइव करने के लिए खुलकर खर्च और मास वैक्सीनेशन पर ध्यान देने को कहा है.एशबर्न की तरह बेरोजगारी पर काबू पाने के लिए उसकी तरह वैक्सीनेशन के मोर्चे पर मुस्तैदी व्यवहारिक उपाय नजर आता है
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)