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बोरिस जॉनसन: क्रिस पिंचर केस-पार्टी गेट विवाद, ऐसे 5 कारणों से देना पड़ा इस्तीफा

Boris Johnson ने साल 1987 के बाद कंजरवेटिव पार्टी को सबसे बड़ी चुनावी जीत दिलाई थी.

उपेंद्र कुमार
दुनिया
Published:
<div class="paragraphs"><p>Breaking News: बोरिस जॉनसन की सरकार से दो और मत्रियों का इस्तीफा</p></div>
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Breaking News: बोरिस जॉनसन की सरकार से दो और मत्रियों का इस्तीफा

(फोटो- ट्विटर)

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बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) सरकार ने अपने सांसद और मंत्रियों का विश्वास खो दिया है. एक के बाद एक, कई मंत्रियों ने जॉनसन सरकार से खुद को अलग कर लिया है, यानी इस्तीफा दे दिया है. 1987 के बाद से बोरिस जॉनसन ने कंजरवेटिव पार्टी को सबसे बड़ी चुनावी जीत दिलाई थी. लेकिन, 3 साल में ऐसा क्या हुआ कि जॉनसन सरकार ने अपना विश्वासमत ही खो दिया. आज उन्हीं कारणों पर चर्चा करेंगे, जो बोरिस जॉनसन सरकार के लिए मुसीबत बन गए.

क्रिस पिंचर मामला

बोरिस जॉनसन सरकार को यहां तक पहुंचाने में क्रिस पिंचर मामला सबसे बड़ा कारण बना. सांसद क्रिस पिंचर पर नशे में यौन दुराचार और लोगों से दुर्व्यवहार का आरोप लगा था. इसकी जानकारी होते हुए भी बोरिस जॉनसन ने उन्हें डिप्टी व्हिप चीफ की पदोन्नति दी, जिससे सरकार की किरकिरी हुई. इस नियुक्ति को लेकर एक तरफ विपक्ष हमला बोल रहा था, तो दूसरी तरफ बोरिस जॉनसन के सांसद भी आलोचना कर रहे थे. हालांकि, इस बीच सरकार ने अपना बयान भी बार-बार बदला था. कभी कहा कि पीएम जॉनसन को पिंचर पर लगे आरोपों की जानकारी नहीं थी तो कभी कहा कि आरोपों की जानकारी थी, लेकिन वो सच नहीं पाए गए.

बहरहाल, प्रधानमंत्री जॉनसन सांसद क्रिस पिंचर को सरकारी जिम्मेदारी देने के मामले में माफी मांग चुके हैं. ये स्वीकार किया है कि उन्होंने पिंचर को इस साल की शुरुआत में डिप्टी व्हिप चीफ बनाकर बड़ी चूक की थी.

पार्टी गेट विवाद

पार्टी गेट मामला भी बोरिस जॉनसन के लिए नासूर बन गया. दरअसल, कोरोना महामारी के दौरान जब पूरा ब्रिटेन घरों में कैद था, उस वक्त बोरिस जॉनसन पर प्रधानमंत्री के डाउनिंग स्ट्रीट कार्यालय और आवास के बगीचे में करीब 200 लोगों के साथ पार्टी करने का आरोप लगा था. इसके बाद से जॉनसन सरकार बैकफुट पर आ गई थी. इसके लिए उन्हें अविश्वास मत का भी सामना करना पड़ा था.

जॉनसन की कंजर्वेटिव सरकार पर लगातार उन नियमों की अवहेलना के आरोप लगते रहे, जो उसने दूसरों पर लागू किए थे. हालांकि, जॉनसन ने लॉकडाउन के दौरान डाउनिंग स्ट्रीट गार्डन में "अपनी खुद की शराब लाओ" पार्टी में जाने के लिए भी माफी मांग चुके हैं.

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महंगाई और टेक्स बढ़ोतरी भी बड़ा कारण

ब्रिटेन में बढ़ती महंगाई से भी लोग त्रस्त थे. ब्रिटेन में महंगाई दर आंकड़ा साल 2022 में 40 साल के अपने नए शिखर पर पहुंच गया है. इस साल इंग्लैंड में महंगाई दर अपने सबसे उच्चतम स्तर 9.1 पर पहुंच गई है. ब्रिटेन में महंगाई दर साल 1982 के बाद से अपने सर्वोच्च शिखर पर है.

वहीं, बैंक ऑफ इंग्लैंड का कहना है कि इस साल के अंत तक इंग्लैंड की महंगाई दर 11 फीसदी को पार कर सकती है. ब्रिटेन में बढ़ती महंगाई से जीवन यापन की लागत भी काफी ऊंची हो गई है. ऐसे कई कारण थे जो बोरिस जॉनसन के नियंत्रण से बाहर थे. जैसे कई यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से तेल की कीमतों और भोजन की लागत में वृद्धि. हालांकि, सरकार ने कुछ कदम उठाए लेकिन वो नाकाफी रहे.

ओवेन पैटर्सन विवाद

पिछले साल, संसद की मानक समिति ने कंजर्वेटिव सांसद और पूर्व मंत्री ओवेन पैटर्सन को 30 दिनों के लिए निलंबित करने की सिफारिश की थी, क्योंकि उन्होंने उन्हें भुगतान करने वाली कंपनियों की ओर से पैरवी करके लॉबिंग की थी. कंजरवेटिव्स ने शुरू में संसद में पैटर्सन के निलंबन को रोकने और सांसदों की जांच की प्रक्रिया को बदलने के लिए मतदान किया. सुर्खियां बनने की बजाय पैटर्सन ने इस्तीफा दे दिया और सरकार ने प्रस्तावित परिवर्तनों को छोड़ दिया. पैटरसन की सीट भरने के लिए कंजर्वेटिव चुनाव हार गए.

अन्य स्कैंडल

कंजर्वेटिव सांसद इमरान अहमद खान ने 15 साल के लड़के के यौन शोषण का दोषी पाए जाने के बाद इस्तीफा दे दिया. एक अन्य कंजर्वेटिव सांसद नील पैरिश ने यह स्वीकार करने के बाद इस्तीफा दे दिया कि उन्होंने हाउस ऑफ कॉमन्स में अपने फोन पर दो बार पोर्नोग्राफी देखी.

एक अन्य कंजर्वेटिव विधायक को बलात्कार, यौन उत्पीड़न और अन्य अपराधों के संदेह में गिरफ्तार किया गया था. विधायक को मई में जमानत मिल गई थी और कथित पीड़िता की पहचान की रक्षा के लिए मीडिया में उनकी पहचान नहीं की गई थी.

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