यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन Boris Johnson एक सर्वाइवर हैं- पिछले काफी समय से लगातार विवादों में घिरे रहने के बावजूद सिर उठाए घूम रहे हैं. हां, विवाद उनका पीछा नहीं छोड़ रहे. पहले कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान पार्टियां करने की वजह से उनकी फजीहत हुई. और अब 10 डाउनिंग स्ट्रीट की ढीली पड़ती कमान को लेकर वह कटघरे में खड़े हैं.
इंग्लैंड में 10 डाउनिंग स्ट्रीट पर प्रधानमंत्री का निवास और कार्यालय है. हां, अब उन्हें असल और सबसे जोरदार झटका लगा है. बोरिस जॉनसन की कैबिनेट के दो सीनियर मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है. इनमें से एक भारतीय और दूसरे पाकिस्तानी मूल के हैं.
चांसलर ऋषि सुनक और हेल्थ सेक्रेटरी साजिद जाविद दोनों ने नाटकीय रूप से एक साथ (जिससे वे इनकार करते हैं) कैबिनेट से इस्तीफा दिया तो बोरिस के भविष्य पर संहेद के बादल मंडराने लगे.
वैसे इनके इस्तीफे से कुछ मिनट पहले बोरिस ने क्रिस पिंचर को डिप्टी चीफ व्हिप बनाने के लिए माफी मांगी थी. लेकिन यह देर से उठाया गया कदम था. यह अफसोसजनक था कि 2019 में पिंचर के गलत बर्ताव को जानने के बावजूद उन्होंने पिंचर को इस पद के लिए चुना था.
इसकी सफाई कैबिनेट मंत्री माइकल एलिस ने दी थी. उन्होंने सांसदों से कहा था कि जॉनसन को "तुरंत यह याद नहीं आया" कि उन्हें पिंचर की जांच के बारे में बताया गया था.पिंचर ने शुक्रवार को इस्तीफा दिया था और यह बात कबूल की थी कि 2019 के उस बदकिस्मत दिन वह काफी पिए हुए थे और उन्होंने एक प्राइवेट क्लब में दो नौजवान लड़कों को ‘ग्रोप’ किया था, यानी उनके साथ यौन दुर्व्यवहार किया था.
चांसलर ऋषि सुनक और हेल्थ सेक्रेटरी साजिद जाविद, दोनों ने नाटकीय रूप से एक साथ कैबिनेट से इस्तीफा दिया तो बोरिस के भविष्य पर संहेद के बादल मंडराने लगे.
वैसे इनके इस्तीफे से कुछ मिनट पहले बोरिस ने क्रिस पिंचर को डिप्टी चीफ व्हिप बनाने के लिए माफी मांगी थी. लेकिन यह देर से उठाया गया कदम था. यह अफसोसजनक था कि 2019 में पिंचर के गलत बर्ताव को जानने के बावजूद उन्होंने पिंचर को इस पद के लिए चुना था.
सुनक और जाविद दोनों ने प्रधानमंत्री को एक स्पष्ट संदेश दिया है कि देश बेहतर का हकदार है और बोरिस की कोई अखंडता नहीं बची है.
कई जूनियर मंत्री पहले से ही बोरिस में अपना भरोसा खो चुके हैं और तेजी से इस्तीफा दे रहे हैं.
अगले हफ्ते, 1922 कमिटी की कार्यकारिणी के चुनाव हैं, जिससे बागियों के हाथ मजबूत होने की उम्मीद है. वे चाहते हैं कि बोरिस को एक बार फिर अविश्वास प्रस्ताव का मुकाबला करना पड़े.
यूके को बेहतर नेतृत्व चाहिए- सुनक और जाविद का संदेश साफ है
सुनक और जाविद दोनों ने प्रधानमंत्री को एक स्पष्ट संदेश दिया है कि देश बेहतर का हकदार है और बोरिस की कोई अखंडता नहीं बची है.
अपने इस्तीफे में दोनों नेताओं ने यह इशारा दिया है कि डाउनिंग स्ट्रीट की पकड़ ढीली पड़ रही है. सुनक ने तो यहां तक कहा है कि जनता को उम्मीद है कि सरकार "उचित तरीके से, कुशलतापूर्वक और संजीदगी से" काम करेगी.
सुनक ने जाविद के कुछ मिनट बाद अपना इस्तीफा दिया जिसमें उन्होंने कहा- "मुझे सरकार छोड़ने का दुख है, लेकिन मैं बेमन से इस फैसले पर पहुंचा हूं कि हम इस तरह काम नहीं कर सकते."
"जनता उम्मीद करती है कि सरकार उचित तरीके से, कुशलतापूर्वक और संजीदगी से काम करेगी. मैं सोचता हूं कि यह मेरा आखिरी मंत्री पद है. लेकिन मेरा मानना है कि मैं सही बात के लिए संघर्ष कर रहा हूं इसीलिए मैं इस्तीफा दे रहा हूं."
क्या इसका कोई गहरा मायने है? क्या सुनक राजनीति छोड़ रहे हैं?
वैसे सुनक और जाविद ने एक साथ अपनी बात कहने की योजना बनाई थी. लेकिन सुनक ने यह भी कहा है कि उनके और बोरिस के बीच आर्थिक प्रबंधन को लेकर भी मतभेद थे. इन मतभेदों का अहसास तब हो गया था जब कोविड-19 के दौरान सुनक ने जनता को वित्तीय मदद की घोषणा करके, लोकप्रियता बटोरी थी. इस दौरान बोरिस और उनके बीच की खाई और चौड़ी हो गई थी.लेकिन इसके तुरंत बाद प्रधानमंत्री और सुनक के बीच के मतभेदों को दबा दिया गया.
सुनक से अलग, जाविद ने अपने इस्तीफे में लिखा है-
“एक नेता के रूप में आपने जो रवैया अपनाया है, और जिन मूल्यों का आप प्रतिनिधित्व करते हैं, वे आपके सहयोगियों, आपकी पार्टी और अंततः देश को दर्शाते हैं.कंजरवेटिव्स को इस तरह देखा जाता है कि वे कठोर फैसले लेते हैं और उनके मूल्य बहुत मजबूत हैं.”
उन्होंने आगे कहा: "हो सकता है कि हम हमेशा लोकप्रिय न रहते हों, लेकिन हम राष्ट्रीय हित में कार्य करने के काबिल हैं. दुख की बात यह है कि वर्तमान परिस्थितियों में जनता यह सोच रही है कि हम कुछ नहीं कर रहे. पिछले महीने अविश्वास प्रस्ताव से पता चला कि हमारे सहयोगी बड़ी संख्या में इस बात से सहमत हैं. यह विनम्रता, मजबूत पकड़ और नई दिशा का क्षण था. हालांकि, मुझे यह कहते हुए खेद है कि आपके नेतृत्व में यह स्थिति नहीं बदलेगी, यह साफ हो गया है- और इसलिए आप पर मेरा आत्मविश्वास डगमगा गया है.”
वैसे अभी कुछ महीने पहले जाविद बोरिस जॉनसन की बीवी कैरी की आलोचनाओं का बहुत सख्त जवाब दे चुके हैं.
पर सुनक का इस्तीफा ज्यादा गंभीर बात है
भले ही ये इस्तीफे बोरिस जॉनसन के लिए नए झटके लेकर आए हैं, लेकिन इससे पहले भी वह कई हिचकोले खा चुके हैं. पिछले महीने उन्हें अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा था, जिसमें 40% टोरी सांसदों ने उनके खिलाफ वोट दिया था. इसके अलावा वह टिवर्टन-होनिटोन और वेकफील्ड उपचुनाव हार गए थे, जिसके बाद उनके समर्थक ओलिवर डाउडेन ने इस्तीफा दे दिया था. इन दोनों जगहों पर सरकार के खिलाफ लहर थी.
इसके बाद विदेश कार्यालय के पूर्व स्थायी सचिव साइमन मैकडॉनल्ड्स ने यह खुलासा किया कि 2019 में बोरिस जॉनसन को पिंचर की जांच के बारे में सूचित कर दिया गया था. अब सुनक औऱ जाविद के इस्तीफे बोरिस की सत्ता को नई चुनौती हैं.
जबकि सुनक और जाविद दोनों ने यह साफ कर दिया है कि उन्होंने मिलजुल कर इस्तीफा नहीं दिया, लेकिन ये सभी जानते हैं कि दोनों टोरी लीडरशिप के दावेदार हैं. सुनक का इस्तीफा दोनों में सबसे गंभीर है. बसंत में अपने बयान के बाद से सुनक स्पष्ट दावेदार तो नहीं लेकिन यह सच है कि पार्टी में वह अब भी एक ताकतवर शख्सियत हैं.
हालांकि, यह अभी भी एक खुली लड़ाई है. टोरी सांसद सर रोजर गेल ने कहा है कि जॉनसन इस बवंडर के रोकने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा है कि दोनों पूर्व प्रधानमंत्री, मार्गरेट थैचर और थेरेसा मे, सम्मानित महिला थीं और उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. लेकिन क्या जॉनसन सम्माननीय होंगे? वह सवाल करते हैं. साथ ही बोरिस जॉनसन आपराधिक जुर्माने का सामना करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं.
अभी के लिए, हालांकि हम और इस्तीफों का इंतजार कर रहे हैं, ऐसा माना जाता है कि लिज़ ट्रस, बेन वालेस, डोमिनिक राब और प्रीति पटेल सहित कई कैबिनेट मंत्रियों ने कहा है कि वे जॉनसन का समर्थन करेंगे.
लेबर नेता कीर स्टारर ने कहा है-
“अगर उनमें जरा सी भी ईमानदारी होती तो वे महीनों पहले चले जाते. ब्रिटेन की जनता को मूर्ख नहीं बनाया जाएगा. टोरी पार्टी भ्रष्ट है और एक चेहरा बदलने से सब कुछ ठीक होने वाला नहीं है. सिर्फ सरकार बदलने से ही ब्रिटेन में नई शुरुआत हो सकती है जिसकी उसे जरूरत है." स्टारर कहते हैं कि वह आम चुनाव चाहते हैं.
1922 कमिटी क्या तय करेगी?
अगले हफ्ते 1922 कमिटी की कार्यकारिणी के चुनाव हैं, जिससे बागियों के हाथ मजबूत होने की उम्मीद है. वे चाहते हैं कि बोरिस को एक बार फिर अविश्वास प्रस्ताव का मुकाबला करना पड़े.मौजूदा नियमों के तहतबोरिस अगली गर्मियों तक सुरक्षित हैं. लेकिन कमिटी की कार्यकारिणी जब चाहे नियमों में बदलाव कर सकती है.
उल्लेखनीय है कि 1922 कमिटी कंजरवेटिव पार्टी का पार्लियामेंटरी ग्रुप है जिसके पास बहुत ज्यादा अधिकार हैं.इसके सदस्य नए नेताओं के लिए चयन प्रक्रिया चलाते हैं. और अगर सांसद अपने मौजूदा नेता से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो कमिटी के सदस्य ऐसा करने के लिए वोट इकट्ठा करते हैं.
कई जूनियर मंत्री पहले से ही बोरिस में अपना भरोसा खो चुके हैं और तेजी से इस्तीफा दे रहे हैं. कंजरवेटिव पार्टी के वाइस चेयर बिम अफोलामी और सॉलिसिटर-जनरल एलेक्स चाक इस्तीफा दे चुके हैं.भले ही और बड़े इस्तीफे न हुए हों, लेकिन कंजरवेटिव पार्टी के तेवर साफ तौर से बोरिस जॉनसन के खिलाफ हो गए हैं.
लेकिन जॉनसन जिद्दी है, और एक 'सर्वाइवर' भी, और इसलिए, यह संभावना नहीं है कि वह पद छोड़ेंगे. हालांकि शतरंज की बिसात पर मोहरे आगे बढ़ रही हैं. ऐसे में क्या बोरिस अपनी जगह बचा पाएंगे? सुनक और जाविद के इस्तीफे के कुछ घंटों के भीतर उन्होंने अपने चीफ ऑफ स्टाफ, स्टीव बार्कले को हेल्थ सेक्रेटरी बना दिया.विदेश सचिव लिज़ ट्रस के साथ ओहदे को लेकर झगड़ा करने के बाद इराक में जन्मे एजुकेशन सेक्रेटरी नदीम जाहावी अब चांसलर हैं. प्रधानमंत्री अनहोनी को टाल रहे हैं. लेकिन श्रीमान बोरिस जॉनसन, ऐसा कब तक मुमकिन है?
(नबनीता सरकार लंदन में रहने वाली एक सीनियर पत्रकार हैं. उनका ट्विटर हैंडिल @sircarnabanita. है.इस लेख में व्यक्त विचार लेखक के अपने हैं. क्विंट न तो इसका समर्थन करत है और न ही इसके लिए जिम्मेदार है.)
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