advertisement
वो वक्त आ ही गया, जब 47 साल तक यूरोपीय यूनियन (EU) का सदस्य रहने के बाद आखिरकार ब्रिटेन ईयू से अलग हो गया. भारतीय समयानुसार शनिवार तड़के लगभग साढ़े चार बजे ब्रिटेन ने इसका ऐलान किया. इस तरह ब्रिटेन ईयू से अलग होने वाला पहला देश बन गया है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इसे एक नए युग की शुरूआत बताया.
ब्रेक्जिट को लेकर जनमत संग्रह के करीब साढ़े तीन साल बाद ब्रिटेन शुक्रवार को ईयू से अलग हुआ. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इसे देश की नई शुरूआत के लिए ऐतिहासिक पल बताया है. देश के नाम दिए गए संदेश में जॉनसन ने कहा-
कंजरवेटिव पार्टी के नेता बोरिस जॉनसन पिछले साल ब्रेग्जिट यानि ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से अलग होने की कवायद को आखिरी मुकाम तक पहुंचाने के इरादे के साथ देश के प्रधानमंत्री बने थे.
एकजुटता के संदेश के साथ जॉनसन ने उत्तरी इंग्लैंड के संडरलैंड में अपने मंत्रिमंडल की बैठक की. सबसे पहले इसी शहर ने जून 2016 में ईयू से बाहर निकलने को समर्थन देने की घोषणा की थी. साल 1973 में यूरोपीय संघ में शामिल हुए ब्रिटेन ने 47 साल बाद इस समूह को अलविदा कह दिया. इस तरह, ब्रिटेन के बाहर हो जाने के बाद अब ईयू 27 देशों वाला समूह होगा.
ब्रेग्जिट का मतलब है ब्रिटेन का यूरोपीय यूनियन से एग्जिट, यानि अलग होना. यूरोपीय यूनियन 28 देशों का संगठन था. इन देशों के लोग आपस में किसी भी देश में आवाजाही कर सकते हैं, और काम कर सकते हैं. इस वजह से ये देश आपस में खुला व्यापार कर सकते हैं. 1973 में ब्रिटेन ईयू में शामिल हुआ था. ब्रिटेन में 23 जून, 2016 को आम जनता से वोटिंग के जरिए पूछा गया कि क्या ब्रिटेन को ईयू में रहना चाहिए, उस वक्त 52 फीसदी वोट ईयू से बाहर निकल जाने के लिए मिले, जबकि 48 फीसदी लोगों ने ईयू में बने रहने की पैरवी की. ब्रेग्जिट समर्थकों का कहना था कि देश से जुड़े फैसले देश में ही होने चाहिए. इसके बाद इस पर लंबी बहस हुई जिस पर संसद ने अपनी मुहर लगा दी.
(इनपुट: PTI)
ये भी पढ़ें- ब्रेग्जिट की डेडलाइन 31 जनवरी तक बढ़ी, EC ने दी मंजूरी
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)