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ब्रेग्जिट की डेडलाइन 31 जनवरी तक बढ़ी, EC ने दी मंजूरी 

19 अक्टूबर को ब्रिटिश सांसदों ने ब्रेग्जिट में देरी के पक्ष में वोट डाला था 

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ब्रेग्जिट की डेडलाइन अगले साल 31 जनवरी तक बढ़ा दी गई है. यूरोपियन काउंसिल के चीफ डोनल्ड टस्क ने कहा कि संगठन ब्रेग्जिट की डेडलाइन 31 जनवरी, 2020 तक बढ़ाने के लिए राजी हो गया है. टस्क ने कहा कि 31 जनवरी से पहले ब्रिटिश संसद किसी समझौते को मंजूरी देती है तो ब्रिटेन यूरोपीय यूनियन से अलग हो सकता है.

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ब्रिटिश सांसदों ने ब्रेग्जिट डील में देरी के लिए डाला था वोट

19 अक्टूबर को ब्रिटिश सांसदों ने ब्रेग्जिट डील में देर करने के समर्थन में वोट दिया था. उनका कहना था कि 31 अक्टूबर की डेडलाइन से पहले उन्हें डील के ब्योरों को पढ़ने के लिए और वक्त चाहिए. डील के समर्थन के लिए पार्लियामेंट का खास सेशन बुलाया गया था. लेकिन सांसदों ने 306 के मुकाबले 322 वोट से इसे रोक दिया. उनका कहना था कि जब तक इस एग्रीमेंट को लागू करने का कानून पारित नहीं हो जाता है तब तक इसका समर्थन नहीं किया जा सकता.

पीएम बोरिस जॉनसन के लिए यह एक बड़ा झटका था. ब्रिटिश सांसदों की मौजूदा वोटिंग ने लगभग यह पक्का कर दिया है कि ब्रिटेन 31 अक्टूबर तक बगैर किसी डील के ईयू से अलग न हो. हालांकि जॉनसन सरकार को उम्मीद है कि इस महीने के अंतर तक वो ईयू से अलग होने का कानून पारित करवा लेगी

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ब्रिटिश पीएम ने कहा था , हार से निराश नहीं

बोरिस जॉनसन ने कहा था कि वे इस हार से निराश नहीं हैं. वह अगले सप्ताह ब्रेग्जिट डील को संसद में पेश करेंगे.उन्होंने यह भी कहा है कि वह ईयू से और वक्त नहीं मांगेंगे. जॉनसन के इस दावे को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि बेन एक्ट के तहत सांसदों के अनुरोध करने पर उनके लिए ऐसा करना जरूरी है.

लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने कहा कि प्रधानमंत्री को अब कानून के हिसाब से चलना चाहिए. वे अब नो डील ब्रेग्जिट के शिगूफे का इस्तेमाल सांसदों को ब्लैकमेल करने के लिए नहीं कर सकते हैं.अगले सप्ताह इससे ब्रिटेन की राजनीति में और गर्माहट आने की उम्मीद है.

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