advertisement
भारतीय मूल के ऋषि सुनक (Rishi Sunak) को ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया है. सुनक के समर्थन में 150 से ज्यादा सांसद पहले ही थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 28 अक्टूबर को ऋषि सुनक प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. इसके बाद 29 अक्टूबर को कैबिनेट का गठन किया जा सकता है. बता दें कि पूर्व पीएम बॉरिस जॉनसन ने रविवार रात प्रधानमंत्री पद की दौड़ से खुद को अलग कर लिया था. उन्होंने कहा कि वापसी के लिए यह सही वक्त नहीं है.
ऋषि सुनक भारतीय मूल के ब्रिटिश राजनेता हैं. वे साउथेम्पटन में पूर्वी अमेरिका से आए भारतीय माता-पिता की संतान हैं. जन्म 12 मई 1980 को हुआ था. ऋषि सुनक बचपन से ही मेधावी छात्र रहे हैं. उनकी पढ़ाई-लिखाई विनचेस्टर कॉलेज और लिकंन कॉलेज से हुई. ऑक्सफोर्ड से उन्होंने दर्शनशास्त्र, अर्थशास्त्र और राजनीति की पढ़ाई की, और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया.
यॉर्कशायर के रिचमंड से सांसद ऋषि सुनक 2015 में पहली बार संसद पहुंचे थे. उस समय ब्रेग्जिट का समर्थन करने के चलते टोरी पार्टी में उनका कद लगातार बढ़ता चला गया. इसके बाद फरवरी 2020 में उस समय इतिहास रच दिया था, जब बोरिस जॉनसन ने उन्हें देश का वित्त मंत्री नियुक्त किया था. सांसद के तौर पर अपने पांचवें ही साल में, सुनक को ब्रिटेन के वित्त मंत्रालय का कार्यभार सौंप दिया गया. फरवरी 2020 में, साजिद जाविद के इस्तीफा देने के बाद उन्हें ब्रिटेन का नया चांसलर ऑफ द एक्सचेकर नियुक्त किया गया. इससे पहले ऋषि सुनक ने 2019 से 2020 के बीच ट्रेजरी के मुख्य रूप में काम किया.
ऋषि सुनक भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद हैं. उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति नारायण मूर्ति की बेटी हैं. ऋषि और अक्षता की दो बेटियां हैं. राजनीति मे दाखिल होने से पहले उन्होंने इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स में काम किया और एक निवेश फर्म को भी स्थापित किया.
कई सर्वे में सामने आया है कि सुनक को लोग जॉनसन से ज्यादा पसंद करते हैं. रिएक्शन वेबसाइट के मुताबिक, कंजर्वेटिव पार्टी के नेताओं में भी सुनक पसंद किए जाते हैं. ऐसे में, वो ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री के तौर पर एक दमदार उम्मीदवार बन कर उभर रहे हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)