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ब्रिटेन का बड़ा कदम, हॉन्ग कॉन्ग के साथ प्रत्यर्पण संधि की खत्म

विवादित कानून को लेकर चीन की आलोचना कर रहे दुनियाभर के देश

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दुनिया
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विवादित कानून को लेकर चीन की आलोचना कर रहे दुनियाभर के देश
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विवादित कानून को लेकर चीन की आलोचना कर रहे दुनियाभर के देश
Photo: Reuters 

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चीन को घेरने के लिए पूरी दुनिया अब एक साथ नजर आ रही है. दुनियाभर के देश चीनी कंपनियों और उसके साथ रिश्तों को कम करने लगे हैं. इसी बीच अब ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने घोषणा कर दी है कि वो हॉन्ग कॉन्ग के साथ अपनी प्रत्यर्पण संधि खत्म कर रहे हैं. बता दें कि चीन हॉन्ग कॉन्ग के लिए एक नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लाया है, जिसके बाद कई देश इसकी आलोचना कर चुके हैं. ब्रिटेन के इस फैसले के पीछे भी यही कानून वजह है.

ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने अपनी संसद में प्रत्यर्पण संधि को निलंबित करने की घोषणा के साथ ही ये कहा कि हॉन्ग कॉन्ग पर ऐसा कानून थोपा जाना हमारी नजरों में अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का उल्लंघन है. हालांकि ब्रिटेन ने ये भी कहा कि वो चीन के साथ अच्छे संबंध चाहता है.

विवादित कानून का लगातार विरोध कर रहा है ब्रिटेन

इस विवादित राष्ट्रीय कानून का ब्रिटेन शुरू से ही विरोध करता आया है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन इसे लेकर पहले भी खुलकर बोल चुके हैं. उन्होंने कहा था कि ये कानून लोगों के अधिकारों और स्वतंत्रता पर खतरा है. यहां तक कि ब्रिटेन ने हॉन्ग कॉन्ग के लोगों को नागरिकता देने तक की बात भी कही थी. इस कानून को लेकर ब्रिटिश पीएम जॉनसन ने संसद में कहा था,

“इस राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू करना और लोगों पर लादना चीन-ब्रिटेन संयुक्त घोषणा पत्र का गंभीर उल्लंघन है. ये हॉन्ग कॉन्ग के मूल कानूनों के खिलाफ है और उसे मिली स्वायत्ता का उल्लंघन करता है.”
बोरिस जॉनसन

हालांकि ब्रिटेन के लगातार दबाव बनाए जाने के बाद चीन ने उसे धमकी भी दी थी कि ब्रिटेन उसके आंतरिक मामलों में लगातार दखल देने की कोशिश कर रहा है. चीन ने ऐसा करने पर जवाबी कार्रवाई की भी बात कही थी. लेकिन चीन की चेतावनी के बावजूद ब्रिटेन ने ये कदम उठाया है.

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अमेरिका भी दे चुका है चेतावनी

सिर्फ अकेला ब्रिटेन ही इस कानून का विरोध नहीं कर रहा है. इस विवादित कानून को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप भी कई बार चीन को चेतावनी दे चुके हैं. अमेरिका ने कहा था कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का ये कानून एकतरफा और मनमाने तरीके से लागू किया जा रहा है. अन्य देश भी इस विवादित कानून को लेकर चिंता जाहिर कर रहे हैं. लेकिन चीन का मानना है कि उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ये कानून जरूरी है.

नए कानून के तहत सैकड़ों प्रदर्शनकारी गिरफ्तार

बता दें कि कुछ सालों से हॉन्ग कॉन्ग में चीनी सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन चल रहे थे. इन प्रदर्शनों को देखते हुए चीन हॉन्ग कॉन्ग के लिए एक राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लाया, जिसे संसद से मंजूरी दी गई. जिसके बाद अब इसके तहत सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर कार्रवाई की जा रही है. सैकड़ों प्रदर्शनकारी इसके तहत गिरफ्तार किए गए हैं. जिन पर हॉन्ग कॉन्ग नहीं चीन में मुकदमा चलेगा. जबकि हॉन्ग कॉन्ग को अलग स्वायत्ता दी गई है, लेकिन चीन इस कानून के जरिए अब उस पर काबू करना चाहता है. जो काफी हद तक वो कर भी चुका है.

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