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भारत में केंद्रीय बजट (Budget 2022) तैयार होने से लेकर संसद में वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत किए जाने तक, कई ऐसी रस्में हैं जो लिखित कानून का हिस्सा भले न हो लेकिन अब परंपरा का अंग जरूर बन गयी हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश करने जा रही हैं. ऐसे में भारत के केंद्रीय बजट से जुड़ी परंपराओं की पूरी कहानी आपको बताते हैं. भारत में केंद्रीय बजट से जुड़ी सबसे प्रमुख परंपराओं में से एक हलवा समारोह है.
बजट डिटेल की गोपनीयता सुनिश्चित करने और किसी भी लीक को रोकने के लिए लगभग 10 दिनों के लिए उन्हें पूरी दुनिया से अलग रखा जाता है. केवल वरिष्ठ अधिकारियों को ही नॉर्थ ब्लॉक छोड़ने की अनुमति होती है. हलवा समारोह के बाद ही बजट की छपाई शुरू होती है.
अब आते हैं बजट से जुड़ी परंपरा के दूसरे भाग पर- बजट ब्रीफकेस जिसका सफर अब बही-खाते से होते हुए इलेक्ट्रॉनिक टैबलेट तक आ पहुंचा है.
26 नवंबर, 1947 को भारत के पहले बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री आरके षणमुखम चेट्टी को एक ट्रेडमार्क बजट बैग के साथ देखा गया. 1974 में वित्त मंत्री यशवंतराव चव्हाण स्टील के सूटकेस के साथ संसद गए.
हालांकि भारत में सभी वित्त मंत्रियों ने बजट पेश करते समय बैग का उपयोग नहीं किया है. 1957-58 और 1964-65 में वित्त मंत्री टीटी कृष्णमाचारी और 1959-1964 और 1967-70 में मोरारजी देसाई ने अपने बजट स्पीच को फाइलों में रख कर ही संसद पहुंचे.
2019 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ब्रीफकेस को छोड़ दिया और बजट के डॉक्यूमेंट्स ले जाने के लिए 'बही खाता' का विकल्प चुना. 2020 में निर्मला सीतारमण ने फिर से सुर्खियां बटोरीं जब उनके 'बही-खाता' की जगह टैबलेट लेकर संसद पहुंची.
केंद्रीय बजट से जुड़ी खास परंपरा की बात करें तो उत्तरी अमेरिकी महादेश में स्थित कनाडा का नाम भी ऊपर आता है. कनाडा में यह परंपरा है कि वित्त मंत्री बजट पेश करते समय नए जूते पहनते हैं. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह परंपरा कैसे विकसित हुई लेकिन 1960 के दशक के बाद से लगभग हर वित्त मंत्री बजट नए जूते पहनते हैं और इसका जिक्र तक करते हैं.
2015 में तो एक रूढ़िवादी वित्त मंत्री ने न्यू बैलेंस जूते पहनकर इस बात का जिक्र किया कि कैसे उन्होंने बजट को संतुलित किया है जबकि उनके राजनीतिक विरोधियों ने अमेरिका में बने जूते पहनने के लिए तुरंत उन पर हमला किया.
यह तो कुछ नहीं, कनाडा के राज्यों के वित्त मंत्री इससे भी 2 कदम आगे निकले. एक ने अपने इको-फ्रेंडली पॉलिसी दिखाने के लिए हरे रंग के जूते पहने तो दूसरे ने बच्चों के अनुकूल बजट दिखाने करने के लिए बच्चों के जूते खरीदे.
ब्रिटेन के औपनिवेशिक शासन में रहे देशों के राजनीतिक, आर्थिक और न्यायिक तंत्र पर भी उस इतिहास का असर दिखता है. लेकिन बजट पेश करने से जुड़ी एक ऐसी परंपरा है जो अभी भी केवल लंदन की संसद में ही देखी जाती है.
वित्त मंत्री डब्ल्यू.ई. ग्लैडस्टोन ने अपने मैराथन स्पीच के दौरान ‘शैरी वाइन विथ बिटेन एग’ पसंद किया तो दूसरों ने व्हिस्की, जिन, टॉनिक और ब्रांडी का स्वाद लिया.
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