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कनाडा में अब नहीं पढ़ पाएंगे प्रवासी, सरकार ने तय की लिमिट- कौन होगा प्रभावित?

जस्टिन ट्रूडो सरकार ने साल 2024 के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्र प्रवेश में 35% की कटौती की घोषणा की.

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कनाडा में अब नहीं पढ़ पाएंगे प्रवासी, सरकार ने तय की लिमिट- कौन होगा प्रभावित?

(फोटो: PTI)

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कनाडा (Canada)  में पढ़ने का सपना संजोए प्रवासी छात्रों को बड़ा झटका लगा है. सरकार ने कनाडा के बाहर से आने वाले छात्रों की संख्या में एक तिहाई कटौती करने का ऐलान किया है. जस्टिन ट्रूडो सरकार ने सोमवार (22 जनवरी) को 2024 के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्र प्रवेश में 35% की कटौती की घोषणा की. इसका मतलब है कि अब 3, 60,000 छात्र ही साल 2024 में कनाडा में शिक्षा ले पाएंगे, जो साल 2023 में करीब 9,00,000 परमिट सीटों की तुलना कम है.

इससे पहले भी साल 2023 अक्टूबर में आवास संकट के बीच कनाडाई आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने छात्रों के प्रवेश में कटौती के संकेत दिये थे.

कनाडाई आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने कहा, "सितंबर 2024 सेमेस्टर से पहले हम वीजा को सीमित करने सहित आवश्यक उपाय करने के लिए तैयार हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नामित शिक्षण संस्थान शैक्षणिक अनुभव के हिस्से के रूप में उचित और पर्याप्त छात्र सहायता प्रदान करें."

NDTV के अनुसार, यह लिमिट सिर्फ दो वर्षों के लिए लगाई गई है. इसका असर अभी कनाडा में पढ़ रहे छात्रों पर नहीं पड़ेगा.

यह सीमा मास्टर और डॉक्टरेट छात्रों पर लागू नहीं होगी, न ही प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय के छात्रों पर.
मार्क मिलर, कनाडाई आव्रजन मंत्री

कैसी पाबंदी लगाई गई है?

  • प्रांतीय कोटा: प्रत्येक प्रांत को उसकी आवास और आवास क्षमता के आधार पर सीमा निर्धारित की गई है.

  • संस्थागत वितरण: फिर प्रांत विभिन्न संस्थानों के बीच अंतरराष्ट्रीय छात्र प्रवेश की आवंटित संख्या बांटेंगे.

  • सत्यापन की आवश्यकता: छात्रों को अब अनिवार्य रूप से कनाडाई प्रांत या क्षेत्र से एक सत्यापित लेटर लाना होगा. यह पत्र उस छात्र को एडजस्ट करने की प्रांत की क्षमता की पुष्टि करता है.

  • प्रभावी तिथि: यह नियम 22 जनवरी, 2024 से लागू है.

  • कार्यान्वयन की समय सीमा: आवश्यक सत्यापन दस्तावेज जारी करने के लिए एक व्यवस्था स्थापित करने के लिए प्रांतों के पास 31 मार्च, 2024 तक का समय है.

  • ग्रेजुएट प्रोग्राम और वर्क परमिट: कनाडा सरकार ने कहा कि वह योजना का साल 2025 में फिर मूल्यांकन करेगा. हालांकि, अधिकांश नियम स्नातक, पेशेवर और डॉक्टरेट कार्यक्रमों पर लागू नहीं होते हैं.

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  • पोस्ट ग्रेजुएट वर्क परमिट: सरकार ने कहा है कि नए नियम के तहत जो अंतर्राष्ट्रीय छात्र अभी पढ़ रहे हैं, वो अब आगे पोस्ट ग्रेजुएट की शिक्षा के लिए पात्र नहीं होंगे.

  • पति-पत्नी के ओपन वर्क परमिट: ओपन वर्क परमिट अब केवल मास्टर या डॉक्टरेट कार्यक्रमों में नामांकित अंतरराष्ट्रीय छात्रों के जीवनसाथियों के लिए उपलब्ध होंगे. स्नातक और कॉलेज के छात्रों के पति या पत्नी अब पात्र नहीं होंगे.

  • जीवन-यापन की लागत में वृद्धि: दिसंबर में, आप्रवासन, शरणार्थी और नागरिकता कनाडा (IRCC) ने अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए जीवन-यापन की आवश्यकता को CAD 10,000 से दोगुना करके CAD 20,635 कर दिया.

बढ़ती महंगाई और कई अंतरराष्ट्रीय छात्रों के सामने आने वाली वित्तीय चुनौतियों का हवाला देते हुए, सरकार का दावा है कि इस बदलाव का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्र कनाडा में रहने की वास्तविक लागत के लिए बेहतर तरीके से तैयार हों.

भारतीय छात्रों पर पड़ेगा असर

जानकारी के अनुसार, कनाडा सरकार के फैसले का सबसे ज्यादा भारतीय छात्रों पर पड़ेगा.

सीबीसी न्यूज के अनुसार,साल 2023 में करीब 3,00,000 से अधिक भारतीय छात्र कनाडा गए. और मौजूदा समय कनाडा में भारत के करीब साढ़े तीन लाख छात्र हैं. कनाडा में पढ़ने वाले सबसे अधिक भारतीय छात्र पंजाब और गुजरात के हैं.

इस बीच, कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या दस लाख से अधिक हो गई है.

कनाडा सरकार ने क्यों किया फैसला?

कनाडा में आवास संकट की वजह से लिबरल पार्टी की जस्टिन ट्रूडो सरकार आलोचनाओं से घिरी हुई है. जानकारों ने चेतावनी दी है कि कनाडा में अस्थायी निवासियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है. इसके कारण घरों के किराए में भी बढ़ोतरी हुई है.

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