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कनाडा (Canada) ने सोमवार को एक शीर्ष भारतीय राजनयिक पवन कुमार राय को निष्कासित कर दिया. इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और भारत सरकार के बीच संभावित कनेक्शन का दावा किया था. कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा कि अगर यह सब सच साबित होता है तो यह हमारी संप्रभुता और एक-दूसरे के साथ पेश आने के बुनियादी नियम का बड़ा उल्लंघन होगा, इसलिए हमने यह कदम उठाया.
ट्रूडो ने संसद में कहा कि
ट्रूडो ने संसद को बताया कि उन्होंने पिछले हफ्ते जी-20 में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने हत्या का मामला उठाया था. उन्होंने पीएम मोदी से कहा था कि भारत सरकार की कोई भी संलिप्तता स्वीकार्य नहीं होगी और उन्होंने जांच में सहयोग मांगा.
न्यूज एजेंसी AP ने जब ओटावा में भारतीय दूतावास से बात करने की कोशिश तो फोन कॉल का तुरंत जवाब नहीं मिला.
ट्रूडो ने कहा कि पिछले कई हफ्तों से कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां भारत सरकार के एजेंट्स और कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच संभावित संबंध के विश्वसनीय आरोपों पर सक्रिय रूप से काम कर रही हैं.
उन्होंने आगे कहा कि मैं भारत सरकार से कड़े शब्दों में इस मामले की तह तक जाने के लिए कनाडा के साथ सहयोग करने का आग्रह करता हूं.
सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री डोमिनिक लेब्लांक ने कहा कि कनाडा के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और कनाडा की जासूसी सेवा के प्रमुख ने अपने समकक्षों से मिलने और भारतीय खुफिया एजेंसियों के आरोपों का सामना करने के लिए भारत की यात्रा की है.
विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा कि ट्रूडो ने इस मामले को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के सामने भी उठाया. विपक्षी कंजर्वेटिव नेता पियरे पोइलिवरे ने कहा कि अगर आरोप सही हैं तो वे "हमारी संप्रभुता का अपमानजनक अपमान" दर्शाते हैं.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के उन आरोपों को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार हो सकती है. अब भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस पूरे मामले में अबना बयान जारी किया है.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि
आगे कहा गया कि इस तरह के निराधार आरोप खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों से ध्यान हटाने की कोशिश करते हैं, जिन्हें कनाडा में आश्रय दिया गया है और जो भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा बने हुए हैं. इस मामले पर कनाडाई सरकार की निष्क्रियता लंबे समय से चिंता का विषय रही है.
कनाडा के बाद अब भारत ने भी कनाडा के एक वरिष्ठ राजनयिक को निकाल दिया है. उन्हें भारत छोड़ने के लिए पांच दिन का समय दिया गया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्त अरिंदम बागची ने बयान जारी कर कहा कि “भारत ने कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया है. कनाडा के उच्चायुक्त को आज समन करके भारत सरकार के इस फैसले की जानकारी दे दी गई है. संबंधित राजनयिक को अगले पांच दिनों के भीतर भारत छोड़ने को कहा गया है. “यह फैसला हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है.”
संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने कनाडा के द्वारा भारत पर लगाए गए आरोपों पर "गहरी चिंता" व्यक्त की है. वहीं ब्रिटेन ने कहा कि वह "गंभीर आरोपों" के बारे में अपने कनाडाई सहयोगियों के साथ संपर्क में हैं.
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