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कनाडा (Canada) में एक मंदिर में शनिवार (12 अगस्त) रात को कथित तौर पर खालिस्तानी समर्थकों ने तोड़फोड़ की, जिससे भारतीय समुदाय में आक्रोश फैल गया. अधिकारियों ने कहा कि लक्ष्मी नारायण मंदिर के गेट और दीवारों पर "खालिस्तान समर्थक" के पोस्टर लगाए गए थे. यह मंदिर सरे में - ब्रिटिश कोलंबिया के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है. पोस्टर्स में कनाडा से 18 जून को खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की मौत में भारत की भूमिका की जांच करने की मांग की गई.
सिक्योरिटी कैमरे द्वारा कैद किए गए वीडियो में दो नकाबपोश व्यक्तियों को मंदिर की दीवारों और गेट पर पोस्टर चिपकाते हुए देखा गया है. खालिस्तान टाइगर फोर्स और सिख फॉर जस्टिस (SFJ) की कैनेडियन ब्रांच का नेतृत्व करने वाले आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की इस साल जून में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
इस साल देश में मंदिर में तोड़फोड़ की यह चौथी घटना है. अप्रैल 2023 में, ओंटारियो में स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी. फरवरी 2023 में, कनाडा के मिसिसॉगा में राम मंदिर पर हमला किया गया था, और जनवरी 2023 में ब्रैम्पटन में एक मंदिर को भारत विरोधी भित्तिचित्रों (दीवार पर बनाई गई तस्वीर) से बिगाड़ दिया गया था.
भारत ने कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की बढ़ती गतिविधियों पर चिंता जताई है. केंद्र ने विभिन्न देशों में अलगाववादी भावना भड़काने की कोशिश करने वाले संगठनों और व्यक्तियों पर शिकंजा कस दिया है.
पिछले महीने, कनाडा में कई वरिष्ठ भारतीय राजनयिकों को हत्यारा करार देने वाले पोस्टर सामने आए थे. जिसके बाद, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका सहित साझेदार देशों से चरमपंथी खालिस्तानी विचारधारा को मंच प्रदान करने का विरोध करने का आह्वान किया था, यह कहते हुए कि यह अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए हानिकारक है.
इस धारणा को खारिज करते हुए कि उनकी सरकार खालिस्तान समर्थकों पर नरम है, प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि कनाडा ने हमेशा हिंसा की धमकियों को बेहद गंभीरता से लिया है. ट्रूडो ने कहा, "हमने आतंकवाद के खिलाफ हमेशा गंभीर कार्रवाई की है और हम हमेशा करेंगे."
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