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भारत ने 'खालिस्तान स्वतंत्रता रैली' के चलते कनाडा को जारी किया समन

Canada ने अपनी ओर से खालिस्तान स्वतंत्रता रैली से पहले प्रसारित होने वाली प्रचार सामग्री को अस्वीकार्य बतया है.

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भारत ने कैनेडियन हाई कमिश्नर को समन जारी किया है, क्योंकि खालिस्तान समर्थक संगठनों (Pro-Khalistan Organizations) ने 8 जुलाई को होने वाली रैली के लिए एक पोस्टर जारी किया है. इस पोस्टर में भारतीय राजनयिकों को हत्यारा बताया गया है, जिससे देश में पंजाबी प्रवासियों में आक्रोश फैल गया है.

कनाडा ने अपनी ओर से खालिस्तान स्वतंत्रता रैली से पहले प्रसारित होने वाली प्रचार सामग्री को अस्वीकार्य बतया है. उसका कहना है कि वह राजनयिकों की सुरक्षा के संबंध में अपने दायित्वों को बहुत गंभीरता से लेता है.

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कैनेडियन विदेश मंत्री मेलानी जोली ने मंगलवार (4 जुलाई) को एक ट्वीट शेयर किया जिसमें उन्होनें कहा

"कनाडा राजनयिकों की सुरक्षा के संबंध में वियना कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों को बहुत गंभीरता से लेता है. कनाडा भारतीय अधिकारियों के साथ निकट संपर्क में है, क्योंकि 8 जुलाई को प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन के संबंध में ऑनलाइन प्रसारित हो रही कुछ प्रचार सामग्री कनाडा के लिए भी अस्वीकार्य है."
मेलानी जोली, कैनेडियन विदेश मंत्री

उन्होंने कहा, "हम जानते हैं कि कुछ लोगों की हरकतें पूरे समुदाय या कनाडा के बारे में नहीं दर्शाती."

कनाडा में खालिस्तान समर्थक नेताओं द्वारा जारी एक पोस्टर जिसका टाइटल "किल इंडिया" रखा गया, उसमें इंडियन हाई कमिश्नर संजय कुमार वर्मा और टोरंटो में भारत के वाणिज्य दूतावास जनरल अपूर्व श्रीवास्तव पर खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया गया है, इससे कनाडा में प्रवासी पंजाबियों में आक्रोश फैल गया है.

भारतीय अधिकारियों पर आरोप लगाने वाला पोस्टर 8 जुलाई को होने वाली "खालिस्तान फ्रीडम रैली" नामक रैली का निमंत्रण है. पोस्टर के अनुसार, रैली ग्रेट पंजाब बिजनेस सेंटर माल्टन से शुरू होगी और टोरंटो में इंडियन एंबेसी में समाप्त होगी.

हालांकि, टोरंटो में भारत के कांसुलेट जनरल है लेकिन भारतीय दूतावास नहीं है. पोस्टर में कनाडा के दोनों भारतीय अधिकारियों की तस्वीरें लगाकर उन्हें टोरंटो में निज्जर के हत्यारे के रूप में लेबल किया गया.

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इससे पहले भी 4 जून 2023 को ब्रैंपटन में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाने वाली रैली निकालने पर भारत सरकार ने नाराजगी जताई थी कि कनाडा खालिस्तान समर्थकों का गढ़ बनता जा रहा है, जो कि भारत-कनाडा रिश्तों के लिए सही नहीं है. भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने इस घटना पर कड़ी टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था

उन्होंने कहा, "कनाडा लगातार अलगाववादियों, चरमपंथियों और हिंसा का समर्थन करने वालों को फलने-फूलने मौका दे रहा है. मुझे लगता है कि ये आपसी रिश्तों और कनाडा के लिए ठीक नहीं है."

उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है और साथ ही उन्होंने इस मामले पर कनाडा सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की थी.

हमने कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे अपने साझेदार देशों से पहले ही अनुरोध किया है कि वे खालिस्तानियों को जगह न दें, क्योंकि खालिस्तानियों की कट्टरपंथी, चरमपंथी सोच न तो हमारे लिए अच्छी है न ही उनके और हमारे संबंधों के लिए.
एस जयशंकर, विदेश मंत्री

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