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चीन की कंपनी सिनोवैक (Sinovac) बायोटेक के करीब 90 फीसदी कर्मचारी और उनके परिवारों ने एक एक्सपेरिमेंटल कोरोना वायरस वैक्सीन ली है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है. सीईओ ने 6 सितंबर को इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि कंपनी ने जो वैक्सीन बनाई है, उसे देश के इमरजेंसी प्रोग्राम के तहत इस्तेमाल किया गया है.
चीन ने जुलाई में इस इमरजेंसी प्रोग्राम को लॉन्च किया था लेकिन इसके आंकड़े जारी नहीं किए हैं. रॉयटर्स की रिपोर्ट कहती है कि जरूरी सेवाओं में लगे कर्मचारियों को कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी वेव से बचाने के लिए चीन सक्रिय रूप से एक्सपेरिमेंटल वैक्सीनों का इस्तेमाल कर रहा है.
इस प्रोग्राम के तहत मेडिकल कर्मचारी, फूड मार्केट में काम करने वाले लोग, ट्रांसपोर्टेशन और सर्विस सेक्टर के लोगों को वैक्सीन दी जा रही है.
सिनोवैक की CoronaVac नाम की वैक्सीन अभी क्लीनिकल ट्रायल के फेज 3 में है और इसे इमरजेंसी स्कीम में शामिल किया गया है. कंपनी के सीईओ यिन वेइडोंग ने रॉयटर्स को बताया कि वॉलंटरी आधार पर ये वैक्सीन 2000-3000 कर्मचारी और उनके परिवारों को दी गई है. यिन ने कहा, "वैक्सीन डेवलपर और मैन्युफैक्चरर के तौर पर एक नया ऑउटब्रेक हमारे वैक्सीन प्रोडक्शन को सीधे तौर पर प्रभावित कर सकता है."
यिन वेइडोंग ने कहा कि वैक्सीन लेने वालों में वो, उनकी पत्नी और माता-पिता भी शामिल हैं और सभी लोगों को संभावित साइड इफेक्ट के बारे में पहले ही जानकारी दी गई थी.
CoronaVac वैक्सीन के साइड इफेक्ट में थकान, बुखार, दर्द शामिल हैं. ये सभी सिनोवैक के मंजूर किए गए मिड-ट्रायल के नतीजों से पता चला है.
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