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रूस की वैक्सीन सुरक्षित, एंटीबॉडी रेस्पॉन्स करती है शुरू: स्टडी  

इस वैक्सीन पर दुनियाभर में सवाल उठाए गए कि इसका ठीक से ट्रायल नहीं हुआ है

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इस वैक्सीन पर दुनियाभर में सवाल उठाए गए कि इसका ठीक से ट्रायल नहीं हुआ है
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इस वैक्सीन पर दुनियाभर में सवाल उठाए गए कि इसका ठीक से ट्रायल नहीं हुआ है
(प्रतीकात्मक फोटो)

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पिछले महीने अगस्त में रूस ने अपनी कोरोना वायरस वैक्सीन को मंजूरी दी थी. स्पुटनिक V नाम की इस वैक्सीन के बारे में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि उनकी बेटी को भी ये ट्रायल के तौर पर दी गई है. इस वैक्सीन पर दुनियाभर में सवाल उठाए गए कि इसका ठीक से ट्रायल नहीं हुआ है. अब एक स्टडी में सामने आया है कि इस वैक्सीन ने बिना किसी बड़े साइड-इफेक्ट के इंसानी शरीर में एंटीबॉडी रेस्पॉन्स शुरू किया.

लांसेट जर्नल में छपी इस स्टडी में रूसी वैक्सीन के प्रिलिमिनरी ट्रायल के नतीजे दिए गए हैं. इसमें बताया गया है कि वैक्सीन सुरक्षित लगती है और ये इम्यून रेस्पॉन्स शुरू करती है.

कैसे हुए थे ट्रायल?

स्टडी दो छोटे फेज ट्रायल पर आधारित है. ये ट्रायल 42 दिन तक चले थे. इसमें 76 वॉलंटियर शामिल हुए. ये सभी 18 से 60 साल के बीच के वयस्क लोग थे. इन लोगों ने वैक्सीन के लिए रजिस्टर होने के तुरंत बाद खुद को सेल्फ-आइसोलेट किया. वैक्सीन दिए जाने के 28 दिन बाद तक ये सब अस्पताल में रहे थे.

ट्रायल्स में वैक्सीन के दो तरह के फॉर्मुलेशन इस्तेमाल किए गए थे. ये दोनों ही फॉर्मुलेशन वैक्सीन के बड़े स्तर पर प्रोडक्शन के लिए इस्तेमाल होने हैं. इसमें से एक था फ्रोजन वर्जन और दूसरा रिमोट इलाकों के लिए फ्रीज-ड्राइड वर्जन.

ट्रायल्स में क्या पाया गया?

वैक्सीन ने 42 दिनों में कोई भी गंभीर साइड-इफेक्ट पैदा नहीं किया. ट्रायल्स में हिस्सा लेने वाले सभी लोगों में 21 दिनों में वैक्सीन ने एंटीबॉडी रेस्पॉन्स शुरू किया.  

स्टडी में रिसर्चर्स ने बताया कि 28 दिनों में वैक्सीन ने टी-सेल रेस्पॉन्स भी शुरू किया. ये सेल वायरस से लंबे समय में सुरक्षा देने में महत्वपूर्ण होते हैं.

'प्रोडक्शन के लिए भारत से हो रही बातचीत'

रूस ने सबसे पहले कोरोना वायरस वैक्सीन होने का दावा किया है. वैसे तो दुनियाभर में कई वैक्सीन ट्रायल स्टेज पर हैं और इनमें से कुछ ने भारत के सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के साथ प्रोडक्शन के लिए टाईअप किया है. अब रूस के एक सरकारी अधिकारी ने कहा है कि स्पुटनिक V वैक्सीन के प्रोडक्शन के लिए भारत से 'बातचीत' चल रही है.

रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड के सीईओ किरली दिमिट्रीव ने कहा है कि 'रूस ने लीडिंग कंपनियों के साथ कुछ एग्रीमेंट किए हैं.'

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