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चीन ने पाकिस्तान को अपना एयरक्राफ्ट कैरियर 'लाउनिंग' बेचने की खबर का खंडन किया है. मीडिया में चल रही खबरों को खारिज करते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन हमेशा से दूसरे देशों को अपना नेवी युद्धपोत बेचने से पहले कड़ाई से नियमों का पालन करता है.
पाकिस्तानी मीडिया में 10 फरवरी को चीनी और रूसी मीडिया के हवाले से छपी खबर में बताया गया था कि चीन सरकार ने अपना पहला और इकलौता एयरक्राफ्ट वाहक युद्धपोत पाकिस्तान को बेचने का फैसला किया है. साथ ही खबर में ये भी दावा किया गया था कि पाकिस्तान की नौसेना की क्षमता को बढ़ाने के लिए चीन की सरकार इसे कम दामों में पाकिस्तान को बेच रही है.
इसमें ये भी बताया गया था कि चीन की सेना इस एयरक्राफ्ट कैरियर को अपग्रेड करके पाकिस्तान को बेचेगी और इससे पाकिस्तान की नौसेना भारत के मुकाबले बेहद मजबूत स्थिति में आ जाएगी.
हालांकि चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस तरह के किसी भी खबर की जानकारी होने से इनकार किया है.
चीनी सेना के विशेषज्ञों के मुताबिक, यह खबर सरासर गलत है. चीन के आधिकारिक अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' के मुताबिक, चीन की सरकार ने ऐसी कोई सैन्य डील की हो, ऐसी कोई जानकारी नहीं है और न ही इस तरह की पुष्टि हुई है.
ग्लोबल टाइम्स से बात करते हुए चीनी सैन्य एक्सपर्ट और कमेंटेटर सांग जोंग पिंग ने इस आरोप को सरासर बेबुनियाद और झूठा बताया
चीन में पूर्ण रूप से निर्मित और विकसित युद्धपोत 'लाउनिंग' एकलौता ऐसा एयरक्राफ्ट कैरियर है, जो अभी काम कर रहा है. इसका इस्तेमाल ट्रेनिंग और युद्ध दोनों में किया जाता है. इसे टाइप 001A के नाम से भी जाना जाता है और यह अभी भी समुद्री ट्रायल पर है.
खबरों के मुताबिक, चीन अपना तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर बना रहा है. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि 2030-35 तक चीन ऐसे पांच एयरक्राफ्ट कैरियर बना लेगा और इसमें से दो परमाणु हथियारों से लैस होंगे.
(इनपुट: PTI)
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