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फेस-स्कैनिंग सर्विलांस: पत्रकार से छात्र तक...चीन अपने ही नागरिकों पर रख रहा नजर

सर्विलांस सिस्टम फेस-स्कैनिंग की मदद से इनको "ट्रैफिक-लाइट" सिस्टम में वर्गीकृत करता है - ग्रीन, येलो और रेड.

आशुतोष कुमार सिंह
दुनिया
Published:
<div class="paragraphs"><p>पत्रकार से स्टूडेंट तक...चीन नागरिकों पर रख रहा नजर, फेस-स्कैनिंग से सर्विलांस</p></div>
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पत्रकार से स्टूडेंट तक...चीन नागरिकों पर रख रहा नजर, फेस-स्कैनिंग से सर्विलांस

(फोटो-अलटर्ड बाई क्विंट)

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चीन (China) में मानवाधिकार का ट्रैक रिकॉर्ड हमेशा से खतरे के निशान से ऊपर माना जाता रहा है. खासकर शी जिनपिंग के नेतृत्व वाली कम्युनिस्ट सरकार के आलोचक- पत्रकार से लेकर सोशल एक्टिविस्ट- निशाने पर रहे हैं. खबर है कि चीन का हेनान प्रांत फेस-स्कैनिंग टेक्नोलॉजी (face-scanning technology) के साथ एक सर्विलांस सिस्टम (surveillance system) का निर्माण कर रहा है, जो पत्रकारों, स्टूडेंट्स सहित दूसरे "चिंता के कारण वाले लोगों" का पता लगा सकता है.

बीबीसी न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार उसके हाथ ऐसे डाक्यूमेंट्स लगे हैं जिसमे ऐसे सर्विलांस सिस्टम का डिटेल है. यह सर्विलांस सिस्टम पत्रकारों को फेस-स्कैनिंग की मदद से "ट्रैफ़िक-लाइट" सिस्टम में वर्गीकृत करता है - ग्रीन, येलो और रेड.

डाक्यूमेंट्स के अनुसार "रेड" कैटेगोरी के पत्रकारों के साथ प्रशासन "उसी के अनुसार व्यवहार" करेगा.

डॉक्युमेंट्स में क्या है ?

29 जुलाई को प्रकाशित ये डॉक्यूमेंट्स एक निविदा प्रक्रिया (टेंडर प्रोसेस) का हिस्सा हैं. ये चीनी कंपनियों को फेस-स्कैनिंग टेक्नोलॉजी सिस्टम के निर्माण के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट के लिए बोली लगाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. इस टेंडर को NeuSoft नाम की कंपनी ने 17 सितंबर को जीता.

इस टेक्नोलॉजी की मदद से हेनान प्रान्त में हजारों कैमरों से फेस-स्कैनिंग की जाएगी ताकि "चिंता के कारण वाले लोगों" का पता लगने पर अधिकारियों को सतर्क किया जा सके. इसके लिए इन सबका डेटाबेस तैयार किया जाएगा जिसमे उनकी विस्तृत जानकारी और तस्वीर भी होगी. यह प्रणाली चीन के राष्ट्रीय डेटाबेस से भी जुड़ेगी.
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क्यों है यह तकनीक चिंताजनक ?

चीन के इस प्रांत की जांच एजेंसी-हेनान पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो के निशाने पर पत्रकार हैं, जिनमें विदेशी पत्रकार भी शामिल हैं. डॉक्यूमेंट्स में कहा गया है कि प्राथमिक उद्देश्य चिंताजनक पत्रकारों को तीन स्तरों में वर्गीकृत करना है.

  • पहला लेवल- रेड कैटेगोरी के लोग प्रमुख चिंता का विषय हैं.

  • दूसरा लेवल- येलो कैटेगोरी में चिह्नित लोग सामान्य चिंता के लोग हैं.

  • तीसरा लेवल- ग्रीन कैटेगोरी में चिह्नित वो पत्रकार हैं जो हानिकारक नहीं हैं.

और जैसे ही रेड कैटेगोरी या येलो कैटेगोरी के पत्रकार हेनान प्रांत में यात्रा करने के लिए टिकट बुक करेंगे, वैसे ही एक अलर्ट शुरू हो जाएगा.

यह सर्विलांस सिस्टम विदेशी छात्रों का भी आकलन करेगा और उन्हें जोखिम की तीन कैटेगोरी में विभाजित करेगा - "एक्सकिलेंट विदेशी छात्र, सामान्य, और प्रमुख लोग या अस्थिर".

डॉक्यूमेंट में कहा गया है, "विदेशी छात्रों के अटेंडेंस, एग्जाम रिजल्ट, वो किन देशों से आए हैं, और स्कूल-अनुशासन का कितना अनुपालन करते हैं को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा मूल्यांकन किया जायेगा."

राजनीतिक रूप से संवेदनशील समय के दौरान, जैसे कि नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की वार्षिक बैठक, "एक युद्धकालीन अलार्म सिस्टम" सक्रिय हो जाएगा और "प्रमुख चिंता वाले" छात्रों की ट्रैकिंग में वृद्धि होगी, जिसमें उनके मोबाइल फोन को ट्रैक करना भी शामिल है.

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