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गलवान घाटी में सोमवार रात भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद चीन ने कहा है कि वो और ज्यादा झड़प नहीं देखना चाहता. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने बुधवार को कहा, ''हम कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों के जरिए संवाद कर रहे हैं.'' उन्होंने दावा किया, ''इस मामले में सही और गलत बिल्कुल साफ है... ये घटना वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीन की तरफ हुई और इसके लिए चीन को दोष नहीं देना चाहिए.''
झाओ ने दावा किया कि गलवान घाटी क्षेत्र की संप्रभुता हमेशा चीन से संबंधित रही है. उन्होंने कहा, ''हम भारत से सीमा पर तैनात उसके सैनिकों को सख्ती से अनुशासित करने, उल्लंघन और उत्तेजक गतिविधि को रोकने, चीन के साथ काम करने और बातचीत के जरिए मतभेदों को सुलझाने के सही रास्ते पर वापस आने के लिए कहते हैं.''
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि पहले शीर्ष स्तर पर जो सहमति बनी थी, अगर चीनी पक्ष ने गंभीरता से उसका पालन किया होता तो दोनों पक्षों की ओर जो हताहत हुए हैं उनसे बचा जा सकता था.
सोमवार रात पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल समेत 20 सैनिक शहीद हो गए. सेना ने मंगलवार को इस बात की जानकारी देते हुए पहले बताया कि एक अधिकारी और दो जवान शहीद हुए हैं. इसके बाद देर शाम जारी बयान में सेना ने 17 और सैनिकों के शहीद होने की जानकारी दी. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सेना ने कहा कि हिंसक झड़प में दोनों पक्षों के (अधिकारी/सैनिक) हताहत हुए हैं.
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