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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और अमेरिका के डिफेंस सेक्रेटरी लॉएड ऑस्टीन (Loyd Austin) ने पेंटाग में मुलाकात की, दोनों देशों के बीच डिफेंस पार्टनरशिप को विकसित करने को लेकर चर्चा हुई.
पेंटागन ने बताया कि, चर्चा के विषयों में क्षेत्र और दुनिया भर में चीन और रूस द्वारा पैदा की गई समस्याएं शामिल होंगी. इसके बाद वे "टू-प्लस-टू" वार्ता के लिए फॉरेन सेक्रेटरी एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) और विदेश मंत्री जयशंकर (S Jaishankar) के साथ शामिल होने के लिए विदेश विभाग जाएंगे.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, यह बैठक और आगामी टू-प्लस-टू वार्ता वास्तव में हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है, मैं सकारात्मक हूं कि हमारी यहां यात्रा भारत-अमेरिका की व्यापक रणनीतिक साझेदारी को अगले स्तर पर ले जाएगी." ऑस्टीन ने राजनाथ सिंह को अपनी बैठक की शुरुआत में कहा,
उन्होंने आगे कहा कि, हम हमारे दृष्टिकोण में बढ़ती चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. पूरे क्षेत्र में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना अपने पड़ोसियों की संप्रभुता को चुनौती देने और कमजोर करने का प्रयास कर रहा है. भारत के साथ लगी सीमा को लेकर और चीनी नेता 'साउथ चाइना सी' को लेकर लगातार गैरकानूनी दावे करते रहते हैं. संयुक्त राज्य अमेरिका अपने संप्रभु हितों की रक्षा में भारत के साथ खड़ा है."
उन्होंने यह भी कहा कि केवल चीन ही ऐसा नहीं है जो अपने पड़ोसियों को कमजोर करने में लगा है बल्कि यूक्रेन पर रूस का आक्रमण और उसके द्वारा पैदा किया गया ह्ययून क्राइसिस, हमारे (भारत और अमेरिका) द्वारा साझा किए गए नियमों और सिद्धांतों के खिलाफ है.
"टू-प्लस-टू" वार्ता जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, डिफेंस सेक्रेटरी लॉएड ऑस्टीन, विदेश मंत्री एस जयशंकर और फॉरेन सेक्रेटरी ब्लिंकन ने मुलाकात की वहां एंटनी ब्लिंकन ने सभी देशों से अनुरोध किया है कि वे रूस के साथ हथियारों का लेनदेन न करें.
भारत पर प्रतिबंध लगाने को लेकर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने यह भी कहा "हमने अभी तक CAATSA कानून के तहत संभावित प्रतिबंधों या संभावित छूट के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है."
जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी डिफेंस सेक्रेटरी लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका भारत के साथ मिलिट्री आधुनिकीकरण पर सक्रिय रूप से चर्चा कर रहा है और भारत के लिए हथियारों को किफायती बनाने के लिए तैयार है.
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