advertisement
भारत में चल रहे किसान आंदोलन का असर ब्रिटेन की संसद में भी दिखा. बता दें कि आंदोलकारी किसानों की सुरक्षा और मीडिया की स्वतंत्रता को लेकर ब्रिटेन की संसद में एक याचिका डाली गई थी, जिसके बाद वहां चर्चा हुई. 90 मिनट तक चली चर्चा के दौरान कंजर्वेटिव पार्टी की थेरेसा विलियर्स ने साफ कहा कि कृषि भारत का आंतरिक मामला है और उसे लेकर किसी विदेशी संसद में चर्चा नहीं की जा सकती.
भारतीय हाईकमीशन ने बयान में कहा है, कि यह चिंता का विषय है कि एक बार फिर ब्रिटिश भारतीय समुदाय को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है. वहीं मीडिया की स्वतंत्रता पर उठाए गए सवालों के जवाब भारत की ओर से कहा गया है कि ब्रिटिश मीडिया सहित तमाम विदेशी मीडिया भारत में मौजूद है. ऐसे में भारत में मीडिया की स्वतंत्रता की कमी का सवाल ही नहीं उठता.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)