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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में महाभियोग प्रस्ताव पास हो गया. विपक्षी डेमोक्रेट्स के बहुमत वाले हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में महाभियोग के पक्ष में 230 और विरोध में 197 वोट पड़े. अब ट्रंप को ऊपरी सदन सीनेट में महाभियोग प्रक्रिया को सामना करना होगा. ट्रंप देश के इतिहास में तीसरे ऐसे राष्ट्रपति होंगे जिन पर महाभियोग चलेगा.
हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में महाभियोग पर डेमोक्रेट्स ने कहा कि उनके पास इसके अलावा 'कोई विकल्प ही नहीं' था. यह ट्रंप के रिकार्ड पर एक कभी न मिटने वाला धब्बा है. वोटिंग से पहले डेमोक्रैट सांसद ऐडम सिफ ने कहा, 'यहां आइडिया ऑफ अमेरिका ही खतरे में है.'
डेमोक्रेट्स का आरोप है कि ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति पर जो बाइडेन और उनके बेटे के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने का दबाव बनाया. और ऐसा ना करने पर यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य मदद रोकने की धमकी दी.इस आरोप के बाद अमरीकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पलोसी ने राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की .
शुरुआत संसद में राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव से शुरू होती है. संसद का कोई भी सदस्य महाभियोग प्रस्ताव ला सकता है या जांच शुरू कराने के लिए पूरा सदन वोट दे सकता है. इसके बाद स्पीकर सदन के ज्यूीडिशयरी पैनल को यह जांच करने के लिए कह सकता है कि महाभियोग चलाया जा सकता है या नहीं. प्रस्ताव पर पूरा सदन वोट करता है.
अगर यह मंजूर हो गया तो प्रक्रिया सीनेट में जाती है. सुनवाई के दौरान प्रेसिडेंट खुद हाजिर हो सकते हैं या फिर उनका वकील हाजिर हो सकता है.
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