अमेरिकी सदन की ज्युडिशियरी कमेटी ने बुधवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ चल रही महाभियोग जांच की रिपोर्ट जारी कर दी है. इस रिपोप्ट में डोनाल्ड ट्रंप को दोषी करार दिया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने अपने व्यक्तिगत और राजनीतिक मकसदों को पूरा करने के लिए 'राष्ट्रहित' से समझौता किया है.
साथ ही रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि उन्होंने अपने पावर का गलत इस्तेमाल करते हुए 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में अपने पक्ष में विदेशी मदद मांगी. बता दें कि ये रिपोर्ट डेमोक्रेटिक पार्टी के बहुमत वाली अमेरिकी सदन की ज्युडिशियरी कमेटी ने बनाई है.
हालांकि इन आरोपों को डोनाल्ड ट्रंप की ऑफिस ने खारिज कर दिया है. वाइट हाउस के प्रवक्ता ने इस रिपोर्ट की नकारते हुए इसे एकतरफा झूठी कार्रवाई बताया है.
300 पेज की रिपोर्ट
ज्युडिशियरी कमेटी की 300 पेज लंबी इस महाभियोग रिपोर्ट के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को पूर्व उप-राष्ट्रपति जो बिडेन और उनेके बेटे से जुड़ी कंपनियों के खिलाफ अपने यहां जांच शुरू करने के ऐलान के लिए लुभावने प्रस्ताव दिए थे.
साथ ही रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि ट्रंप को दोबारा राष्ट्रपति बनाने के कैंपेन में मदद के बदले यूक्रेन के राष्ट्रपति को सैन्य मदद देने का वादा किया गया था. ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति के बीच फोन पर बातचीत होने की भी बात सामने आई है.
क्या है पूरा मामला?
अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव की स्पीकर नैन्सी पलोसी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया था. ट्रंप के खिलाफ पद ग्रहण करने के दौरान ली गई शपथ के उल्लंघन और देश की सुरक्षा को ताक पर रखने के आरोप हैं. उन पर आरोप हैं उन्होंने अपने राजनीतिक फायदे के लिए देश की छवि खराब की. इसके लिए उन्होंने विदेशी ताकत की मदद ली.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)