advertisement
इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर ईरान के मिसाइल हमलों के बाद पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मीडिया को संबोधित कर रहे हैं. 8 जनवरी की सुबह ईरान ने इराक के इरबिल और अल-असद में मौजूद अमेरिकी फौज के ठिकानों पर कई मिसाइल दागी थीं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हमले में 80 से ज्यादा लोग मारे गए थे, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कहा था कि ‘सब ठीक है’ और नुकसान का आंकलन किया जा रहा है.
ट्रंप के आदेश के बाद 3 जनवरी को बगदाद एयरपोर्ट पर ईरान की कुद्स फोर्स के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी पर हमला किया गया था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी.
ईरान के सरकारी टेलीविजन के मुताबिक बगदाद में अमेरिकी हवाई हमले में ईरान के सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद यह कार्रवाई की गई.
अमेरिका के पूर्व उप राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, ‘‘इराक और ईरान में आज जो कुछ भी हो रहा है, उसका अनुमान लगाया जा सकता था’’. उन्होंने ईरान के परमाणु समझौते से अलग होने और जनरल सुलेमानी की हत्या का आदेश देने के ट्रंप के फैसलों की आलोचना की.
जनरल सुलेमानी ईरान की कुद्स फोर्स के प्रमुख थे. ये फोर्स एक तरह से विदेश में ईरान की सेना के जैसी है जो अलग-अलग देशों में ईरानी हितों के हिसाब से काम करती थी. सुलेमानी को ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई के बाद दूसरा सबसे शक्तिशाली शख्स माना जाता था, जबकि अमेरिका उन्हें अपने सैनिकों की मौत के लिए जिम्मेदार 'आतंकवादी' मानता था.
अमेरिका ने कुद्स फोर्स को 25 अक्तूबर 2007 को ही आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था. इसके अलावा इस संगठन के साथ किसी भी अमेरीकी के लेनदेन किए जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)