Home News World ईरान-अमेरिका की तनातनी कहां पहुंची? आज क्या-क्या हुआ,10 बड़ी बातें
ईरान-अमेरिका की तनातनी कहां पहुंची? आज क्या-क्या हुआ,10 बड़ी बातें
ईरान ने इसे अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए जनरल कासिम सुलेमानी का बदला बताया है
क्विंट हिंदी
दुनिया
Updated:
i
ईरान ने इसे अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए जनरल कासिम सुलेमानी का बदला बताया है
(फाइल फोटो: AP)
✕
advertisement
ईरान ने इराक के उन दो सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमला किया है, जहां अमेरिकी सेना के जवान मौजूद थे. ईरान ने इसे अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए जनरल कासिम सुलेमानी का बदला बताया है. 3 जनवरी को सुलेमानी की बगदाद एयरपोर्ट पर मौत के बाद से अब तक इस मामले में क्या-क्या हुआ है, 10 प्वॉइंट्स में जानिए.
ईरान ने 8 जनवरी को इराक के इरबिल और अल-असद एयर बेस पर मिसाइल हमला किया. इन बेस पर अमेरिकी सेना के जवान मौजूद थे.
ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने हमले को अमेरिका के 'चेहरे पर तमाचा' बताया. वहीं, राष्ट्रपति हसन रूहानी ने इसे सुलेमानी की मौत का 'आखिरी जवाब' करार दिया.
हमले के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, "सब ठीक है. हमले से हुए नुकसान की समीक्षा की जा रही है."न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, ईरान ने इराक को मिसाइल हमले की जानकारी पहले दे दी थी.
ईरान के सरकारी टीवी चैनल ने दावा किया है कि हमले में कम से कम 80 अमेरिकी सैनिक मारे गए हैं. CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने कहा है कि अगर अमेरिका ने इसके बाद हमला किया तो वो दुबई और इजरायल के शहर हाइफा को निशाना बनाएगा.
इजरायल के राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि देश पर हमला करने वालों को 'करारा जवाब' दिया जाएगा.
7 जनवरी को तेहरान में कासिम सुलेमानी के जनाजे में लाखों लोग उमड़े थे. वहां मची भगदड़ में करीब 50 लोगों की मौत हो गई.
सुलेमानी की मौत पर ईरान की संसद ने अमेरिका के पेंटागन और उसकी मिलिट्री को 'आतंकी संगठन घोषित' करने के लिए एक बिल भी पास किया.
सुलेमानी की 3 जनवरी को बगदाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अमेरिकी ड्रोन स्ट्राइक में मौत हो गई थी.
भारत में ईरान के राजदूत डॉ अली चेगेनी ने कहा है कि ईरान युद्ध नहीं चाहता है. चेगेनी ने कहा, "हम भारत सहित अपने भाइयों और बहनों के साथ इस क्षेत्र में शांति से रह रहे हैं. हम इस क्षेत्र में कोई तनाव नहीं चाहते हैं."
इराकी एयरबेस पर हमले को लेकर राजदूत चेगेनी ने कहा, "जनरल कासिम सुलेमानी के अंतिम संस्कार में भाग लेने वाले लाखों लोगों ने सरकार से इसकी मांग की थी. हमने ये कर दिया. हम युद्ध नहीं चाहते." राजदूत ने ये भी कहा कि भारत अगर तनाव घटाने के लिए मध्यस्थता करना चाहे तो ईरान इसका स्वागत करेगा.