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अमेरिका में 3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग होनी है. इस चुनाव में मौजूदा राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के सामने डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन हैं.
दोनों ही उम्मीदवार चुनाव में जीत हासिल करने के लिए पूरा जोर लगाते दिख रहे हैं, लेकिन प्रमुख नेशनल ओपिनियन पोल्स में बाइडेन का पलड़ा भारी दिख रहा है. मगर अमेरिका का अगला राष्ट्रपति कौन होगा, इस वक्त यह अनुमान लगाने के लिए कई पहलुओं को ध्यान में रखना होगा. चलिए एक-एक कर हर अहम पहलू के जरिए देखने की कोशिश करते हैं कि राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप और बाइडेन की मौजूदा स्थिति क्या है?
सबसे पहले नेशनल पोल्स की बात करते हैं. रियल क्लियर पॉलिटिक्स के 15 अक्टूबर के नेशनल पोल एवरेज के मुताबिक, बाइडेन को 51.7 फीसदी समर्थन हासिल है, वहीं ट्रंप के लिए यह आंकड़ा 42.3 फीसदी है. ये आंकड़े 10 प्रमुख नेशनल पोल्स का औसत निकालकर सामने आए हैं.
वहीं फाइव थर्टी ऐट वेबसाइट पर दिए गए नेशनल पोल एवरेज के मुताबिक, बाइडेन को 52.4 फीसदी समर्थन हासिल है, जबकि ट्रंप के पास 41.9 फीसदी समर्थन है.
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में पूरे देश में जनता के वोट यानी पॉपुलर वोट से ज्यादा अहमियत इलेक्टोरल वोट की होती है क्योंकि अब तक 5 चुनावों में ऐसा देखने को मिला है कि कोई उम्मीदवार पॉपुलर वोट में जीत गया हो, लेकिन वह इलेक्टोरल वोट में हारने की वजह से राष्ट्रपति चुनाव हार गया. अगर आपके मन में सवाल उठ रहा है कि इलेक्टोरल वोट के आधार पर राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है तो उसे समझने के लिए आप ये वीडियो देख सकते हैं:
इलेक्टोरल वोट की अहमियत को पिछले राष्ट्रपति चुनाव से भी समझा जा सकता है. जब वोटिंग से ठीक पहले तक नेशनल पोल्स में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन बढ़त बनाए हुए थीं, यह बढ़त नतीजे में भी बदली जब हिलेरी को ट्रंप से ज्यादा पॉपुलर वोट मिले, मगर वह इलेक्टोरल वोट में पिछड़ने की वजह से राष्ट्रपति चुनाव हार गईं.
अमेरिका में किसी भी उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनने के लिए कुल 538 इलेक्टोरल वोट में से कम से कम 270 इलेक्टोरल वोट हासिल करने होते हैं.
बार चार्ट में ‘भारी संभावना’ से लेकर ‘टॉस अप्स’ तक जो अलग-अलग कैटिगरी दी गई हैं, वो किसी उम्मीदवार के लिए किसी राज्य के इलेक्टोरल वोट जीतने की अलग-अलग संभावनाओं पर आधारित हैं. ‘भारी संभावना’ वाली कैटिगरी में कैलिफॉर्निया जैसे राज्य हैं, जहां बाइडेन को ट्रंप पर 31.7 प्वाइंट की बढ़त हासिल है.
197 इलेक्टोरल वोट ‘टॉस अप्स’ कैटेगरी में हैं. यहां अगर एक उम्मीदवार को दूसरे पर बढ़त हासिल भी है, तो वो इतनी कम है कि वोटिंग होते-होते उसके बदलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. फ्लोरिडा जैसा राज्य इस कैटिगरी में आता है, जहां बाइडेन को ट्रंप पर महज 2.7 प्वाइंट की बढ़त हासिल है.
31 अगस्त को इसी बेवसाइट के अनुमान के मुताबिक, बाइडेन के जीतने की संभावना 67 फीसदी थी, जबकि ट्रंप के जीतने की संभावना 32 फीसदी थी.
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