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Eric Garcetti बने भारत में US राजदूत, किस विवाद में 2.5 साल तक लटका नाम?

भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में Eric Garcetti के नॉमिनेशन पर 13-8 की वोटिंग से मुहर लगी

आशुतोष कुमार सिंह
दुनिया
Updated:
<div class="paragraphs"><p>Eric Garcetti के भारत में अमेरिकी राजदूत बनने का रास्ता साफ,1.5 साल लटका रहा नाम</p></div>
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Eric Garcetti के भारत में अमेरिकी राजदूत बनने का रास्ता साफ,1.5 साल लटका रहा नाम

(Photo- Altered By Quint Hindi)

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अमेरिका (USA) ने आखिरकार भारत में अपने राजदूत की घोषणा कर दी है. भारत में अमेरिका के राजदूत लॉस एंजिल्स के पूर्व मेयर एरिक गार्सेटी (Eric Garcetti) ही होंगे. इसके लिए पहली बार उनके नाम की घोषणा ढाई साल पहले हुई थी. जो बिडेन के वफादार गार्सेटी को लगभग पांच साल पहले तक डेमोक्रेटिक पार्टी के उभरते सितारों में से हैं.

8 मार्च को, अमेरिकी सीनेट की विदेश संबंध समिति ने भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में एरिक गार्सेटी के नॉमिनेशन पर 13-8 की वोटिंग से मुहर लगा दिया. हालांकि इस पद के लिए एरिक गार्सेटी के नाम पर विचार किए जाने के 2.5 से अधिक वर्षों के बाद इसे हरी झंडी दिखाई गयी है और इसकी वजह है उनसे जुड़ा एक विवाद. भारत के राजदूत पद के लिए लॉस एंजिल्स के इस पूर्व मेयर को जुलाई 2021 में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नॉमिनेट किया गया था.

यहां आपको बताते हैं एरिक गार्सेटी हैं कौन और क्या हैं उनसे जुड़े विवाद.

एरिक गार्सेटी कौन हैं?

एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के अनुसार, एरिक गार्सेटी  का जन्म 1971 में लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया में हुआ था. उनके पिता 1990 के दशक के दौरान लॉस एंजिल्स काउंटी के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी (सरकारी वकील) थे. ब्रिटानिका के अनुसार उनके परिवार का एक साइड मैक्सिकन अप्रवासी था, जबकि दूसरा पक्ष रूसी यहूदी था.

एरिक गार्सेटी ने अर्बन प्लानिंग और पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी से अंतर्राष्ट्रीय मामलों में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. इसके अलावा उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में भी पढ़ाई की.

राजनीति में आने से पहले गार्सेटी ने एक लेक्चरर के रूप में साउथ कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में पब्लिक पॉलिसी, कूटनीति और विश्व मामलों को पढ़ाया है.

गार्सेटी पहली बार 2001 में 32 साल की उम्र में लॉस एंजिल्स सिटी काउंसिल के लिए चुने गए थे. वे लगातार चार बार काउंसिल के अध्यक्ष और फिर लॉस एंजिल्स के मेयर बने. उन्होंने 2005 में यूएस नेवी रिजर्व में खुफिया अधिकारी के तौर पर भी काम किया.

राष्ट्रपति जो बाइडेन के भरोसेमंद साथी रहे हैं एरिक गार्सेटी

गार्सेटी अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के चुनावी कैंपेन के सह-अध्यक्ष थे और अभी भी राष्ट्रपति के प्रमुख राजनीतिक सहयोगी बने हुए हैं. बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि वह कैबिनेट का हिस्सा होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

नवंबर 2020 में, गार्सेटी को बाइडेन सरकार में परिवहन सचिव पद के लिए एक उम्मीदवार नामित किया गया था. हालांकि इस नॉमिनेशन के खिलाफ 'ब्लैक लाइव्स मैटर' आंदोलकारी द्वारा लॉस एंजिल्स में व्यापक विरोध किया गया था. इसके बाद गार्सेटी ने बिना कोई डिटेल दिया घोषणा की, कि उन्होंने बाइडेन के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था.

बाद में भारत के राजदूत के रूप में गार्सेटी की संभावित नियुक्ति को बाइडेन के सहयोगियों में से एक को दिए जा रहे पुरस्कार के रूप में देखा गया.

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एरिक गार्सेटी से जुड़े विवाद क्या हैं?

गार्सेटी को जुलाई 2021 में भारतीय राजदूत पद के लिए व्हाइट हाउस की पसंद के रूप में घोषित किया गया था, लेकिन उनके टॉप एडवाइजर रिक जैकब्स के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर विवाद सामने आ गया.

एरिक गार्सेटी पर आरोप लगे कि उन्हें रिक जैकब्स पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की जानकारी थी और उसपर कोई एक्शन लेने की जगह उन्होंने उसे नजरअंदाज किया. अमेरिकी सीनेट न्यायपालिका समिति, में बैठे शीर्ष रिपब्लिकन नेता चक ग्रासले की एक रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि गार्सेटी को "संभवतः पता था या पता होना चाहिए था" कि जैकब्स कथित रूप से शहर के कर्मचारियों का यौन उत्पीड़न कर रहे थे और उन्होंने नस्लवादी टिप्पणियां भी की थीं.

इन आरोपों के बाद राजदूत पद के लिए एरिक गार्सेटी रेस में पिछड़ गए थे. हालांकि गार्सेटी ने लगातार कहा है कि उन्होंने कभी भी जैकब को यौन उत्पीड़न करते नहीं देखा था.

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Published: 10 Mar 2023,04:53 PM IST

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