Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019World Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Polexit: क्या EU से निकलना चाहता है पोलैंड, समझिए ये इतना मुश्किल क्यों है?

Polexit: क्या EU से निकलना चाहता है पोलैंड, समझिए ये इतना मुश्किल क्यों है?

Poland के अदालत के फैसले ने उस कानूनी स्तंभ पर ही सवाल खड़ा किया जिस पर 27 देशों का European union खड़ा है

आशुतोष कुमार सिंह
दुनिया
Updated:
<div class="paragraphs"><p>European Union और Poland के बीच बढ़ रहीं दूरियां&nbsp;&nbsp;</p></div>
i

European Union और Poland के बीच बढ़ रहीं दूरियां  

(फोटो- क्विंट)

advertisement

ब्रेक्जिट के सदमे से बाहर आए यूरोपीय यूनियन (European Union) के सामने अब “पोलेक्जिट” (Polexit) का खतरा है. पोलैंड (Poland) के अंदर यूरोपीय यूनियन के कानूनों की सर्वोच्चता को चुनौती देने वाले अदालत के फैसले ने ब्लॉक के अस्तित्व को संकट में डाल दिया है. यूरोपीय यूनियन के नीति निर्माता और पोलैंड निवासियों के बीच भी यह आशंका बढ़ रही है कि पोलैंड अंततः बाहर निकल सकता है.

पूरे यूरोप से राजनेताओं ने शुक्रवार, 8 अगस्त को पोलैंड के संवैधानिक ट्रिब्यून के उस फैसले पर निराशा व्यक्त की, जिसने कहा कि यूरोपीय यूनियन के कानूनों के कुछ हिस्से पोलैंड के संविधान के साथ खिलाफ हैं.

पोलैंड के इस संवैधानिक ट्रिब्यून के फैसले ने उस कानूनी स्तंभ पर ही सवाल खड़ा कर दिया है जिस पर 27 देशों का यूरोपीय यूनियन खड़ा है.

क्या था अदालत का फैसला?

यूरोपीय एकीकरण के एक प्रमुख सिद्धांत को धता बताते हुए, पोलैंड के संवैधानिक ट्रिब्यून ने 7 अक्टूबर को यूरोपीय यूनियन की संधि के कुछ हिस्सों को राष्ट्रीय संविधान और कानून के खिलाफ बताया.

अदालत ने यूरोपीय यूनियन के संस्थानों को पोलैंड की न्यायपालिका में हस्तक्षेप करके अपने अधिकार क्षेत्र के दायरे से बाहर कार्य नहीं करने की चेतावनी दी. पोलैंड और ब्रुसेल्स (इसे EU की राजधानी माना जाता है) के बीच यह विवाद का एक प्रमुख कारण रहा है.

पोलैंड और यूरोपीय यूनियन के बीच क्यों बढ़ा तनाव ?

2004 से ही पोलैंड यूरोपीय यूनियन का सदस्य है और उसके बाद से यूरोप के कुछ सबसे तेज आर्थिक विकास करने वाले देशों में से एक है. दशकों से कम्युनिस्ट शासन के अधीन रहे इस देश के अधिकांश निवासी यूरोपीय यूनियन को राष्ट्रीय सुरक्षा के एक अनिवार्य हिस्से के रूप में देखते हैं.

लेकिन हाल में पोलैंड और ब्रुसेल्स के बीच दूरी बढ़ गयी हैं. पोलैंड की सरकार EU के साथ अपने देश में अदालतों और मीडिया की स्वतंत्रता से लेकर LGBTQ अधिकारों तक के मुद्दों पर उलझी हुई है. इस तनाव ने उन चिंताओं ने हवा दी है कि पोलैंड EU छोड़ने की राह पर है. यह फैसला ब्लॉक की स्थिरता को प्रभावित कर सकता है.

इसके अलावा पोलैंड को COVID-19 के आर्थिक संकट से निकालने के लिए यूनियन का ग्रांट रोक लिया गया है. 23 बिलियन यूरो (26 बिलियन डॉलर) और सस्ते ऋणों में 34 बिलियन यूरो (39 बिलियन डॉलर) को मंजूरी देने पर यूरोपीय यूनियन ने रोक लगा दी है.

यूरोपीय यूनियन के अधिकारियों ने कहा है कि यह पैसा अगले महीने वितरित किया जा सकता है, लेकिन इसके साथ सख्त कानूनी शर्तें भी होंगी. इसने भी तनाव बढ़ाने का काम किया है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

“पोलेक्जिट” के विचार को क्यों मिल रहा बल

इस पूरे एपिसोड में यूरोपीय यूनियन के नेताओं के लिए चिंता की सबसे बड़ी वजह यह है कि अदालत के इस फैसले को पोलैंड की सरकार का समर्थन है. यहां तक कि इस मामले को संवैधानिक ट्रिब्यून में ले जाने वाली पार्टी खुद वहां की केंद्रीय सरकार ही है.

पोलैंड सरकार ने इस फैसले का स्वागत किया. उसके प्रवक्ता पियोट्र मुलर ने कहा कि यह "कानून के अन्य स्रोतों पर संवैधानिक कानून की प्रधानता" की पुष्टि करता है. सत्ताधारी पार्टी- लॉ एंड जस्टिस पार्टी- के लीडर Jaroslaw Kaczynski ने भी फैसले का स्वागत किया.

पोलैंड का यूरोपीय यूनियन से अलग होना मुश्किल क्यों है ?

“पोलेक्जिट” की आशंका को वास्तविकता में बदलने से रोकने वाला सबसे बड़ा कारण है- पोलैंड में यूरोपीय यूनियन के लिए समर्थन. यही बात पोलैंड की स्थिति को ब्रेक्जिट वाले ब्रिटेन से अलग करती है.

23 जून 2016 को यूके ने यूरोपीय यूनियन की सदस्यता पर एक जनमत संग्रह आयोजित किया था. इसमें 51.89% मतदाताओं ने यूरोपीय यूनियन छोड़ने के लिए मतदान किया था. ब्रिटेन ने 31 जनवरी 2020 को आधिकारिक तौर पर EU छोड़ दिया.

इसके विपरीत पोलैंड की आम जनता यूरोपीय यूनियन में बनी रहनी चाहती है. जून और जुलाई 2021 में किए गए यूरोबैरोमीटर सर्वे से पता चला है कि लगभग पोलैंड में यूरोपीय यूनियन पर भरोसा करने वाले नागरिकों की संख्या अपनी राष्ट्रीय सरकार पर भरोसा करने वालों से दोगुनी है.

सत्ताधारी पार्टी ने भी कहा है कि उसका पोलैंड को EU से बाहर निकालने का कोई विचार नहीं है.

इसके अलावा पोलैंड को 2028 तक EU से लगभग 193 बिलियन डॉलर प्राप्त होने वाला है. “पोलेक्जिट” के आलोचकों का कहना है कि सरकार EU विरोधी रुख अपनाकर उस फंडिंग को जोखिम में डाल रही है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 09 Oct 2021,10:29 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT