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पेगासस पर फॉरबिडन स्टोरीज (Forbidden Stories) के खुलासे ने पूरे देश में हलचल मचा दी है. Forbidden Stories ने एमनेस्टी इंटरनेशनल के साथ पेगासस प्रोजेक्ट (Pegasus Project) पर काम किया और पता लगाया कि सरकारें पत्रकारों, नेताओं और कानूनविदों की जासूसी कर रही हैं. कुल 50 हजार लोगों की जासूसी का दावा किया गया है. फिलहाल पत्रकारों के नाम निकले हैं, आने वाले दिनों में बाकी नामों के खुलासा होने की उम्मीद है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर फॉरबिडन स्टोरीज है क्या जिसने इतने बड़े काम को अंजाम दिया है.
मंच का उद्देश्य पत्रकारों के उस संवेदनशील जानकारी की रक्षा करना है, जिसकी वजह से उन्हें खतरा है. अगर पत्रकार को ऐसी स्थिति में कुछ हो जाता है, तो यह मंच उनकी स्टोरी को पब्लिश करता है.
इसके अलावा यह पत्रकारों के बीच समन्वय का काम भी करता है. इसके तहत स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया का कंसोर्टियम भी बनाया जाता है. मंच यह तय करता है कि इसके द्वारा उठाई गई अहम स्टोरी अलग-अलग देशों में कई मीडिया हाउस से पब्लिश हो सके.
फॉरबिडन स्टोरीज की एडिटर-इन-चीफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट सांद्रिन रिगाउद हैं. इसमें ICIJ में काम कर चुकीं सेशिल शीलिस-गाल्लेगो, ऑउड्रे ट्रेवेरे, पॉलोमा डि डिनेशिन और अन्य पत्रकार भी शामिल हैं.
फॉरबिडन स्टोरीज को मेक्सिको से संबंधित कार्टेल प्रोजेक्ट के लिए जाना जाता है, जिसके तहत मेक्सिको के पत्रकार रेजिना मार्टिनेज का काम प्रकाशित किया गया था. बता दें मार्टिनेज की ड्रग्स माफिया ने हत्या कर दी थी.
मंच ने डाफने प्रोजेक्ट के नाम से माल्टा की पत्रकार डाफने करूना गालजिया की स्टोरीज उनकी हत्या के बाद पब्लिश की थीं. बताया जाता है मंच के जरिए यह स्टोरीज करीब 7.4 करोड़ लोगों तक पहुंची थीं. इसके अलावा ग्रीन ब्लड प्रोजेक्ट समेत मंच कई प्रोजेक्ट पर काम कर चुका है.
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