Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019World Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Freebies पर भारत में बवाल, अमेरिका-UK जैसे विकसित देश कितनी 'रेवड़ी' बांटते हैं?

Freebies पर भारत में बवाल, अमेरिका-UK जैसे विकसित देश कितनी 'रेवड़ी' बांटते हैं?

PM मोदी ने 'रेवड़ी' संस्कृति को देश के आर्थिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारकर बताकर आलोचना की थी

आशुतोष कुमार सिंह
दुनिया
Updated:
<div class="paragraphs"><p>Freebies पर भारत में बवाल, अमेरिका-UK जैसे विकसित देश कितनी 'रेवड़ी' बांटते हैं?</p></div>
i

Freebies पर भारत में बवाल, अमेरिका-UK जैसे विकसित देश कितनी 'रेवड़ी' बांटते हैं?

(फोटो- क्विंट)

advertisement

देश में पिछले कुछ हफ्तों से फ्रीबीज/Freebies (मुफ्त में देने की योजना) टर्म अचानक से सुर्खियां बटोर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री सीतारमण 'रेवड़ी' संस्कृति को देश के आर्थिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारकर बताकर आलोचना कर रहे हैं. बीजेपी नेताओं के इस हमले को अरविंद केजरीवाल की AAP पर सीधे कटाक्ष के रूप में देखा जा रहा है.

आरोप लगाया जा रहा है कि केजरीवाल दिल्ली से लेकर आगामी गुजरात चुनाव तक मुफ्त में देने की योजनाओं की घोषणा कर चुनावी माइलेज लेते हैं. दूसरी तरफ बीजेपी के नेतृत्व वाले केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने कहा है कि दरअसल केंद्र सरकार सिर्फ अपने बिजनेसमैन दोस्तों का करोड़ों का लोन माफ करती है लेकिन उसे आम आदमी को मुफ्त में मिलने वाली बुनियादी जरूरतों से परेशानी है.

यह मुद्दा अब देश के सुप्रीम कोर्ट में में भी सरगर्म है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या भारत से बाहर विकसित देशों में भी ऐसी “फ्रीबीज’ योजनाओं का चलन है? चलिए आपको ऐसे विकसित देशों की एक-एक कर जानकारी देते जहां लोगों के कल्याण के लिए सरकारें मुफ्त की सुविधाएं देती हैं:

अमेरिका

बेरोजगारी बीमा: अमेरिका के लेबर डिपार्टमेंट का बेरोजगारी बीमा कार्यक्रम (unemployment insurance programs) उन पात्र वर्कर्स को बेरोजगारी लाभ प्रदान करता है जो बिना किसी गलती के बेरोजगार हो जाते हैं. अमेरिका में बेरोजगारों को आर्थिक मंदी से पहले बेरोजगारी लाभ में प्रति सप्ताह लगभग 378 डॉलर मिलते थे.

फूड स्टैंप (SNAP फूड बेनिफिट): अमेरिका में पात्र लोगों को सरकार फूड स्टैंप जारी करती है जिसकी मदद से ऐसे परिवार हर महीने फल,सब्जी,मांस-मछली, डेयरी प्रोडक्ट, ब्रेड और अनाज ले सकते हैं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

जरूरतमंद परिवारों के लिए वेलफेयर या अस्थायी सहायता (TANF): अमेरिका में जरूरतमंद परिवारों के लिए अस्थायी सहायता (TANF) केंद्रीय सरकार द्वारा वित्त पोषित और राज्य द्वारा संचालित कार्यक्रम है. इसे वेलफेयर के रूप में भी जाना जाता है. TANF अस्थायी कठिनाइयों का सामना करने वाले परिवारों को अपने पैरों पर खड़े होने में मदद करता है.

जरूरतमंद परिवार को बिजली बिल चुकाने में मदद: Low Income Home Energy Assistance Program कम आय वाले परिवारों की सहायता करने के उद्देश्य से शुरू किया गया अमेरिकी केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित कार्यक्रम है. इसमें ऐसे परिवारों को उनका बिजली बिल चुकाने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है जो अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा इसमें खो देते हैं.

यूनाइटेड किंगडम

बिजली बिल पर £400 की छूट: यूनाइटेड किंगडम में सरकार Energy Bills Support Scheme लेकर आई है जिसमें अक्टूबर 2022 से बिजली बिलों में आर्थिक मदद के लिए पात्र परिवारों को £400 की छूट मिलेगी. यह योजना पूरे ग्रेट ब्रिटेन में लगभग 29 मिलियन परिवारों की मदद करेगी.

हाउस होल्ड सपोर्ट फंड: सरकार द्वारा भोजन-बिजली और आवश्यक चीजों के लिए पैसे की तंगी में मदद करने के लिए स्थापित एक योजना है. यह योजना अक्टूबर 2021 में कमजोर परिवारों की मदद के लिए £500 मिलियन की योजना के साथ शुरू हुई थी जिसे बाद में बढ़ा कर £1 बिलियन कर दिया गया.

फ्रांस

फ्रांसीसी सांसदों ने 3 अगस्त को पैसे की किल्लत से जूझते परिवारों को बढ़ती बिजली और खाने की कीमतों से निपटने में मदद करने के लिए 20 बिलियन यूरो (20.3 बिलियन डॉलर) के पैकेज को मंजूरी दी. डीजल-पेट्रोल पर 18 सेंट प्रति लीटर की वर्तमान सरकारी छूट को सितंबर और अक्टूबर में बढ़ाकर 30 सेंट कर दिया जाएगा.

जर्मनी

जर्मनी की सरकार ने 2018 में लगभग 996 बिलियन यूरो सार्वजनिक सामाजिक खर्च (वेलफेयर स्कीम पर) के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की थी जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 25.1 प्रतिशत के हिस्से के बराबर था. 2018 और 2019 में आर्थिक सहायता में वृद्धि के बाद जर्मनी में परिवारों को पहले और दूसरे बच्चे के लिए 204 यूरो मासिक, तीसरे के लिए 210 यूरो और अतिरिक्त बच्चों के लिए 235 यूरो मिलते हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 12 Aug 2022,07:57 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT