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G7 आउटरीच सेशन में एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी ने वैक्सीन उत्पादन में जरूरी कच्चे माल का मुद्दा उठाया. प्रधानमंत्री ने दुनिया की 7 अहम इकनॉमी वाले देशों से कच्चे माल की सप्लाई चेन को खोलने की अपील की. बता दें भारत की इस मांग को वैश्विक समर्थन मिला है.
शनिवार को ही फ्रांस के राष्ट्रपति ने भी G7 देशों से सप्लाई चेन खोलने की अपील की थी. इमेनुएल मैक्रों ने यह भी कहा था कि दक्षिण अफ्रीका के साथ मिलकर फ्रांस समिट में कच्चे माल और पेटेंट्स के टेंपरेरी सस्पेंशन को लेकर एक प्रस्ताव भी लाएगा.
मैक्रों ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में कच्चे माल के चलते वैक्सीन उत्पादन में आ रही समस्याओं का जिक्र भी किया था.
बता दें पीएम ने WTO में भारत और दक्षिण अफ्रीका द्वारा पेश किए गए TRIPS (द एग्रीमेंट ऑन ट्रेड रिलेटेड ऑस्पेक्ट्स ऑफ इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स) समझौते में छूट संबंधी प्रस्ताव पर भी संबंधित देशों से समर्थन मांगा है. हाल में अमेरिका ने भी इस समझौते का समर्थन करने की बात कही थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में वैश्विक स्वास्थ्य प्रबंधन में भारत की तरफ से पूरी प्रतिबद्धता जताई. यहां मोदी ने "वन अर्थ वन हेल्थ" की एप्रोच पर भी जोर दिया.
बता दें फिलहाल वैश्विक स्तर पर कोरोना के खिलाफ जंग में बहुत अंतर समझ में आ रहा है. एक तरफ यूरोपीय देश और अमेरिका अपनी बड़ी आबादी का वैक्सीनेशन कर चुका है. वहीं दूसरी तरफ अफ्रीका महाद्वीप में बेहद कम आबादी का टीकाकरण हुआ है.
प्रधानमंत्री ने अपनी बात "बिल्डिंग बैक स्ट्रांगर-हेल्थ" नाम के सेशन में रखी, जो कोरोना से दुनिया के उभार और भविष्य की महामारियों से मजबूती से निपटने के विषय पर केंद्रित था.
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