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गाजा में कैसी जिंदगी? 41 KM की पट्टी में भोपाल जितनी आबादी, 70% युवा बेरोजगार..

Israel-Hamas War: गाजा में 13 लाख लोगों को खाद्य सहायता की आवश्यकता होती है.

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<div class="paragraphs"><p>गाजा में किस हालत में रहते हैं लोग? </p></div>
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गाजा में किस हालत में रहते हैं लोग?

(Photo- PTI/ Altered By Quint Hindi)

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इजरायल और हमास (Israel-Hamas War) के बीच जंग जारी है और इस जंग के केंद्र में है 41 किलोमीटर की जमीन की पट्टी- गाजा. एक तरफ फिलिस्तीन का एक हिस्सा गाजा है, जिसका नियंत्रण हमास नाम के संगठन के हाथ में है और दूसरी तरफ दुनिया की सबसे आधुनिक सेनाओं में शुमार- इजरायल.

साफ है कि मुकाबला बराबरी का नहीं है. इस जंग से गाजा पर बुरा असर पड़ रहा है. यहां रहने वाले लोगों की माली हालत काफी हद तक इजरायल पर ही निर्भर करती है और मौजूदा जंग की स्थिती उनकी हालत को और बदतर बना सकती है.

आइए देखते हैं गाजा की आर्थिक हालत कैसी है और लोग यहां किस तरह की जिंदगी गुजारते हैं.

गाजा में किन हालातों में रहते हैं लोग?

अमेरिकी मानवाधिकार संस्था- ह्यूमन राइट्स वॉच के अनुसार, इजरायल ने मिस्र की मदद से गाजा को "खुली हवा वाली जेल" में बदल दिया है. इसमें 40 किलोमीटर की पट्टी में करीब 23 लाख लोग रहते हैं. आपको बता दें कि मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की जनसंख्या भी 23 लाख के आसपास ही है.

2023 की एक रिपोर्ट में, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने अनुमान लगाया है कि गाजा पट्टी के 58% निवासियों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है, जबकि 29% गाजा परिवार विनाशकारी परिस्थितियों में रह रहे हैं, जबकि 2022 में यह आंकड़ा 10% था.

मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (OCHA) का कहना है कि गाजा में 1.3 मिलियन लोगों को खाद्य सहायता की आवश्यकता है. फिलिस्तीनी जल प्राधिकरण का कहना है कि गाजा में 90% से ज्यादा पानी पीने लायक नहीं है.

बहुत कम फिलिस्तीनियों को वेस्ट बैंक में रिश्तेदारों या दोस्तों से मिलने की अनुमति मिलती है, लेकिन इजरायल ने हाल ही में गजावासियों के लिए वर्क परमिट की संख्या बढ़ा दी थी. अधिकांश गाजा निवासियों के लिए, राफा क्रॉसिंग मिस्र तक जाने का एकमात्र एंट्री प्वाइंट है, लेकिन लोगों को हफ्तों पहले रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है, और वेटिंग लिस्ट बहुत बड़ी होती है.

संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में मिस्र ने गाजा से 19,608 लोगों को बाहर निकलने का परमिट दिया था, जो जुलाई 2012 के बाद से सबसे अधिक ज्यादा है. इजरायल ने मुख्य रूप से दिहाड़ी मजदूरों के लिए 58,606 परमिट दिए. ये 2022 के मासिक औसत से 65% ज्यादा है, लेकिन सन 2000 के स्तर से देखें तो 88% कम है.

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बेरोजगारी दर 46%

लंबे समय से चल रहे प्रतिबंधों के कारण इजरायल के लेबर मार्केट तक फिलिस्तीनी पहुंच को गंभीर रूप से सीमित कर दिया है, जो 2000 के विद्रोह से पहले रोजगार का एक बड़ा स्रोत था.

OCHA के अनुसार, गाजा दुनिया में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर वाले क्षेत्रों में से एक है. फिलिस्तीनी केंद्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के नए आंकड़ों के अनुसार, यहां बेरोजगारी दर 46% है, और युवाओं में ये अभी भी 70% से ज्यादा है.

IMF के अनुमान के मुताबिक, गाजा में प्रति व्यक्ति आय इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक के स्तर के लगभग एक चौथाई है.

इजरायल ने गाजा में उन वस्तुओं के आयात पर भी प्रतिबंध लगा दिया है, जिनके बारे में उसका मानना ​​है कि इसे सैन्य उपयोग में लाया जा सकता है. इसमें कंक्रीट और लोहे की छड़ों जैसी चीजें शामिल हैं. हमास के हमले से पहले, इस साल आयात में वृद्धि देखी गई थी.

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