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News Overdose: युद्ध, महामारी, भूकंप, बाढ़ जैसी समस्याओं की खबरें मीलों दूर बैठे इंसान को भी परेशान कर देती हैं. बीते 3 सालों में दुनिया को कई तरह के वैश्विक संकट का सामना करना पड़ा है.
कोविड महामारी, यूक्रेन-रुस युद्ध, दुनिया के कई हिस्सों में आये विनाशकारी भूकंप-बाढ़ और अब इजराइल-हमास युद्ध. इनसे होती मौत, बीमारी और तबाही के मंजरों से भरी खबरों की पहुंच लगभग दुनिया के हर कोने में बैठे इंसान तक है. अक्सर ये खबरें चिंता, मायूसी, डर और घबराहट को और ज्यादा बढ़ा देती है.
फिट हिंदी ने एक्सपर्ट्स से बात की और जाना इस तरह के डर और हताशा का कैसे सामना किया जाए.
युद्ध-महामारी की खबरों का असर हम पर काफी गहरा असर हो सकता है. मन पर असर पड़ता है, चिंताएं बढ़ती हैं, घबराहट और बेचैनी भी बढ़ती है.
जब आप किसी नई चीज का सामना करते हैं, तो जाहिर है कि आप सबसे पहले असामान्य प्रतिक्रियाएं और काउंटर मेजर्स महसूस करेंगे.
वहीं डॉ. समीर मल्होत्रा ऐसी खबरों का अचानक पता चलने पर कहते हैं, "जब कभी अचानक दुखद समाचार का सामना किया जाता है, तो व्यक्ति की मानसिक स्थिति विभिन्न चरणों और प्रतिक्रियाओं से गुजरती है. लोग इनकार, प्रतिरोध, क्रोध, असहायता, चिंताएं, विश्वास से संबंधित समस्याएं, निराशा और उदासीनता के चरणों से गुजरते हैं.
पूजा नायर फिट हिंदी से कहती हैं, "अपनी चिंता के पीछे के कारणों को समझने का एक तरीका यह है कि आप वास्तव में अपनी चिंता के बारे में विचार करें. वे परिस्थितियों क्या हैं, जिसमें मुझे चिंता का अनुभव होता है. मेरे चिंता को बढ़ा देने वाले वातावरण क्या हैं, या मेरे आसपास के लोग क्या कह रहे हैं या कर रहे हैं, जो मेरी चिंता को बढ़ाते हैं. यह कार्य वाकई मुश्किल है क्योंकि आप इसे अनुभव करते समय सोच नहीं सकते.".
मिलते-जुलते विषय से जुड़े एक दूसरे आर्टिकल के दौरान कुछ समय पहले हैदराबाद की मनोचिकित्सक डॉ. प्रिया आर. नायर कहती हैं, “आप जैसा महसूस कर रहे हैं उसकी बुनियादी वजहों का पता लगाने की कोशिश करें. क्या ऐसा है कि कोई और बात आपको परेशान कर रही थी और उसी समय खबर आई थी?"
एक्सपर्ट के अनुसार, जानकारी तब उपयोगी होती है जब यह लोगों को खुद को सुरक्षित और सुरक्षित बनाने या सुरक्षा और सुधार की प्राकृतिक कदमों की ओर ले जाने में मदद करती है.
एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह हरेक व्यक्ति के ऊपर निर्भर करने वाला सवाल है. बहुत से लोगों के लिए न जानना डरावना हो सकता है और विभिन्न प्रकार की चिंताओं का कारण बन सकता है. जानकारी होना कुछ व्यक्तियों को खुद को मानसिक रूप से तैयार करने में मदद करता है. तो यह उनके लिए काम कर सकता है.
दूसरों के लिए, वे इसे ओवरलोड के रूप में अनुभव कर सकते हैं, ऐसा लग सकता है कि वे बहुत ज्यादा जान रहे हैं और वे बहुत अधिक जानना नहीं चाहते.
अगर आप ज्यादा जानकारी प्राप्त कर रहे हैं, तो ध्यान रखें ये मिस इनफार्मेशन भी हो सकता है. सही तरह की वेबसाइट और सही तरह के सूत्रों/सोर्सेज पर विश्वास करें.
कामना कहती हैं कि कई बार लोग इस बात को छोड़ नहीं पाते हैं और उससे जुड़ी जानकारियां जानते रहना चाहते हैं क्योंकि जब जानते हैं उन बातों के बारे में तब उन्हें लगता है कि वो ज्यादा प्रिडिक्टेबल हो जाते हैं.
कामना छिब्बर आगे कहती हैं कि इस तरह के हालात में अपने आपको संभालने के लिए जो चीज बहुत जरुरी है वो ये है कि आप याद रखें जिस सिचुएशन से आप एक्सपोज हो रहे हैं वो सिचुएशन आपके साथ हो नहीं रही है इस बात को अपने दिमाग में रखना बहुत जरुरी है साथ में जरुरी है कि आप इंश्यूर करें कि आप इन बातों को अपने साथ न जोड़ें, अपने ऊपर न लें.
बच्चों से झूठ बोलना अच्छा विचार नहीं है. महत्वपूर्ण है कि हम जानें बच्चों से कैसे बातचीत करनी है, किस तरह से कठिन परिस्थितियों के बारे में बताना है. यह भी महत्वपूर्ण है कि हम जानें कैसे अपनी खुद की भावनाओं का ध्यान रखें, और उन्हें बिना फिल्टर के बच्चों के सामने न लाएं क्योंकि यह भी बच्चे के अंदर डर पैदा कर सकता है.
ऐसे समय पर बच्चे के लिए एक ऐसे बड़े का साथ होना बेहद जरुरी है, जो सही जानकारी और दृष्टिकोण दे सके. बच्चों के लिए संघर्ष, हिंसा और मृत्यु के बारे में जानना बहुत कठिन काम हो सकता है, उन्हें समझें और उनका साथ दें.
मेंटल हेल्थ की देखभाल के लिए बहुत सारे कदम शामिल होते हैं कोई एक कदम नहीं है, कई कदम साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता होती है, जिससे कष्ट का सामना करने में मदद मिले.
अपनी चिंताओं के पहलुओं को समझना महत्वपूर्ण हैं.
हेल्दी लाइफस्टाइल पर ध्यान देने की कोशिश करें
समस्या का समाधान करने के एक दृष्टिकोण का पालन करें
स्ट्रेस से जूझ रहे व्यक्ति कि मदद करने के लिए वास्तविक संभावित कदम उठाने की कोशिश करें
नेगेटिव न्यूज से जहां तक हो सके बचें.
जिन चीजों पर आपका वश है, उन पर ध्यान दें
खुद को हकीकत से जोड़ने वाले काम करें
मन शांत रखने के लिए अपने पसंद का काम करें जैसे किताबें पढ़ें, हौसला बढ़ाने वाली फिल्में देखें, परिवार के साथ समय बिताएं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
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