मैं गाजा बोल रहा हूं...

Gaza History Explained: मैं आज जंग के दौर में हूं और मेरी इस हालत की वजह भी इतिहास में हुई जंग ही है.

प्रतीक वाघमारे
दुनिया
Published:
<div class="paragraphs"><p>Gaza story History</p></div>
i

Gaza story History

(फोटो- क्विंट हिंदी)

advertisement

Gaza history of war and Israel-Palestine conflict: जोरों से बजते सायरन, बम धमाके की आवाज, रॉकेट से होते हमले, बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं समेत हजारों मासूम लोगों की मौत, काले रंग में बदलता आसमान, हर तरफ निकलती शव यात्राएं, बिलखते परिवार... ये तस्वीर दुनिया के मध्य पूर्व की है. ये दृश्य गाजा के हैं.

मैं गाजा बोल रहा हूं. ये मेरी कहानी है, तबाह होते गाजा की, मेरे लोगों की, उनके भविष्य की. मैं दुनिया का नर्क कहलाने लगा हूं, जैसा कि संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गाजा पट्टी में बच्चों की स्थिति को "पृथ्वी पर नरक" बताया था.

मैं ईरान-इराक से ज्यादा दूर नहीं. मिस्र, जॉर्डन, भूमध्य सागर, सीरिया और हां इजरायल से घिरा हुआ हूं. इस समय मेरे लोग खाने को तरस रहे हैं, अंधेरे की छत में रह रहे हैं और सारी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. अमन, आराम, चैन की सांस तो जैसे मेरा बीता कल हो गया है. इस वक्त मेरी हालत ऐसी हो गई जैसे मुझे किसी घने जंगल में आदमखोर जानवरों के बीच छोड़ दिया गया हो.

सोचिए मेरे 40 किलोमीटर की पट्टी में करीब 23 लाख लोग रहते हैं. UN के अनुमान के मुताबिक, मेरे 58% निवासियों को मानवीय सहायता की जरूरत है, जबकि 29% परिवार विनाशकारी परिस्थितियों में रह रहे हैं. मेरे जल प्राधिकरण का कहना है कि मेरे पास 90% से ज्यादा पानी पीने के लिए उपयुक्त नहीं है. वहीं बेरोजगारी दर 46% है और युवाओं में ये अभी भी 70% से ज्यादा है.

मैं आज जंग के दौर में हूं और मेरी इस हालत का कारण भी इतिहास में हुई जंग ही है.

1914-18 के बीच हुए प्रथम विश्व युद्ध से पहले मैं फिलिस्तीन के नाम से जाना जाता था, मैं ओटोमन साम्राज्य के अधीन था. ओटोमन साम्राज्य एक तुर्क साम्राज्‍य था, आज का तुर्की. तब इसका विस्तार दक्षिणी पूर्वी यूरोप, पश्चिमी एशिया और उत्तरी अफ्रीका तक माना जाता था जिसमें मैं भी आता था.

लेकिन फिर दुनिया के देशों के बीच जंग हुई और जीत ब्रिटेन की हुई, फिलिस्तीन पर ब्रिटेन का कब्जा हो गया. फिर ब्रिटेन ने ऐलान किया कि फिलिस्तीन की जमीन पर रहे अल्पसंख्यक यहूदी लोगों के लिए जगह बनाने की जरूरत है. दशकों से यहां फिलिस्तीनी रह रहे हैं. लेकिन धीरे-धीरे ये मसला जमीन का बन गया. और केंद्र में आया मेरा एक खूबसूरत शहर यरुशलम.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

मान्यताओं की बात करें तो - तीन धर्म - इस्लाम, ईसाई और यहूदी. तीनों की जड़ें पैगंबर अब्राहम से जुड़ती हैं. ये तीनों ही यरुशलम को अपना पवित्र स्थान बताते हैं. यहूदियों यानी इजरायल वासियों का मानना है कि उनकी मजहबी किताब के अनुसार उनके पूर्वज यहीं रहा करते थे, इसलिए उन्हें ये जमीन मिलनी चाहिए, तो इस्लाम कहता है कि ये हमारे तीन सबसे पाक जगहों में से एक है.

लेकिन इतिहास में झांकें तो ब्रिटेन की घोषणा के बाद धीरे-धीरे यहूदियों की संख्या इस जगह पर बढ़ती चली गई. 29 नवंबर, 1947 को संयुक्त राष्ट्र ने एक प्रस्ताव के तहत ब्रिटिश शासन के अधीन फिलिस्तीन को यहूदी और अरब राज्यों में विभाजित करने का फैसला किया. हालांकि, यरूशलेम को UN के नियंत्रण के अधीन रखा गया.

सालभर भी नहीं हुआ कि इजरायल ने अपनी आजादी का ऐलान कर दिया. 14 मई, 1948 को यहूदी एजेंसी के प्रमुख डेविड बेन-गुरियन ने इजरायल राज्य के स्थापना की घोषणा तक कर दी. और तो और अमेरिका जैसे बड़े देश के राष्ट्रपति हैरी एस ट्रूमैन ने उसी दिन इस नए राष्ट्र को मान्यता भी दे दी.मैंने फिर एक जंग देखी. इजरायल की आजादी को लेकर घोषणा के 24 घंटे के अंदर ही अरब देशों की संयुक्त सेनाओं ने उस पर हमला कर दिया. इसमें मिस्र, इराक, जॉर्डन, लेबनान और सीरिया शामिल रहे. 

जंग एक साल तक चली और इजरायल की जीत हुई. इस जंग के बाद ही मेरी यानी गाजा पट्टी की सीमाएं अस्तित्व में आई थीं. जंग में मिस्र की सेना ने मुझ पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद करीब 2 दशकों तक मिस्र का मुझ पर नियंत्रण रहा. जंग फिर हुई और 1967 में इजरायल ने मिस्र से छीनकर मुझ पर अपना कब्जा जमा लिया. एक के बाद एक जंग होती ही रही. इसी दौरान ये इलाका इजरायल,  फिलिस्तीन का एक हिस्सा वेस्ट बैंक और दूसरा हिस्सा गाजा पट्टी में बंट गया.

पहले अधिकतर हिस्सा मेरे पास था लेकिन धीरे-धीरे इजरायल ने मेरी जमीन पर अपनी कॉलोनियां बसानी शुरू कर दी और मेरी कई जगहों पर कब्जा जमाना शुरू कर दिया. मेरे एक बड़े हिस्से पर इजरायल का कब्जा और एक छोटा हिस्सा मेरे नाम पर. बस इसके बाद मैंने विवाद पर विवाद, हिंसा, इजरायली सेना का दमन झेला. इस प्रताड़ना के बीच ही मेरी जमीन पर हमास का जन्म हुआ, जिसने इजरायल के खिलाफ हथियार उठा लिए.

साल 2006 में हमास ने चुनाव जीता और फिर फिलिस्तीनी प्राधिकरण को हटा कर मुझ पर पूरी तरह से नियंत्रण पा लिया. उधर वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने सत्ता संभाली जिसे इजरायल समेत दुनियाभर के देशों ने मान्यता दी.

UN बताता है कि इजरायल के साथ हुई छोटी-बड़ी हिंसा की वजह से 2008 से 2021 के बीच कम से कम 5,739 फिलिस्तीनी और 251 इजरायली मारे गए. लाखों फिलिस्तीनी और हजारों इजरायली घायल हुए.

आज फिर से मैं एक और जंग देख रहा हूं, एक बार फिर मेरे अपनों को मरते हुए देख रहा हूं. मुझे नहीं पता आप किसके साथ खड़े हैं. किसे खारिज कर रहे हैं और किसका समर्थन कर रहे हैं, लेकिन मैं.... वाकई में एक बार फिर नरक में आ पहुंचा हूं. मैं गाजा बोल रहा हूं, क्या कोई मुझे सुन रहा है?

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT