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पाकिस्तान (Pakistan) में इस वक्त सियासी भूचाल मचा है. प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की कुर्सी पर तलवार लटक रही है. कब इमरान की विदाई हो जाए किसी को नहीं पता. हर दिन नए सियासी समीकरण देखने को मिल रहे हैं. एक तरफ इमरान को सहयोगी पार्टी MQM ने झटका दिया है तो दूसरी तरफ बुधवार शाम इमरान खान की आर्मी चीफ बाजवा (Qamar Javed Bajwa) और ISI के डीजी के साथ एक अहम बैठक हुई है.
पाकिस्तान में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं. बुधवार को पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा (Qamar Javed Bajwa) अचानक इमरान खान (Imran Khan) के घर उनसे मिलने पहुंच गए. उनके साथ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के डीजी नदीम अंजुम (Nadeem Anjum) भी थे. माना जा रहा है कि इस दौरान तीनों के बीच पाकिस्तान के ताजा सियासी घटनाक्रम को लेकर चर्चा हुई है. इसके बाद सियासत में नया मोड़ आया और प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम संबोधन टाल दिया गया.
पाकिस्तानी सीनेटर फैसल जावेद खान ने ट्वीट कर कहा कि, पीएम इमरान खान 100% जीत रहे हैं.
इस बीच पाकिस्तान के मंत्री फवाद चौधरी ने ट्वीट किया कि इमरान खान ऐसे खिलाड़ी हैं, जो आखिरी गेंद तक लड़ते हैं. इस्तीफा नहीं होगा. एक मैच होगा, दोस्त और दुश्मन दोनों इसे देखेंगे.
प्रधानमंत्री की कुर्सी बचाने में जुटे इमरान को तगड़ा झटका लगा है. मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान ने इमरान सरकार से अपना गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया है. पार्टी के 2 मंत्रियों फारूक नसीम और अमिनुल हक ने कैबिनेट से इस्तीफा भी दे दिया है.
विपक्षी दलों ने एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में MQM पार्टी के इमरान सरकार का साथ छोड़ने की आधिकारिक ऐलान किया है.
PPP अध्यक्ष ने दावा किया कि अब इमरान खान पास कोई और विकल्प नहीं बचा है. वह अब प्रधानमंत्री नहीं हैं. उन्हें प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देना ही होगा.
अब जरा पाकिस्तान की सियासी गणित भी समझ लीजिए. पाकिस्तान असेंबली में 342 सदस्य हैं. बहुमत के लिए 172 सदस्य होने जरूरी हैं. MQM-P के इमरान खान का साथ छोड़ने के बाद विपक्ष के पास 176 सदस्यों का समर्थन. जिसके बाद इमरान की कुर्सी जानी तय मानी जा रही है.
बता दें कि इमरान खान के खिलाफ नो कॉन्फिडेंस मोशन पर गुरुवार 31 मार्च शाम 4 बजे से बहस शुरू होगी. इस पर वोटिंग 3 और 4 अप्रैल को वोटिंग हो सकती है.
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