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पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री और PTI पार्टी के संस्थापक इमरान खान (Imran Khan) की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. 8 फरवरी को होने वाले संसदीय चुनाव से पहले उन्हें तीसरे मामले में सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही उनकी पत्नी बुशरा बीबी (Bushra Bibi) को भी सजा सुनाई गई है. बता दें कि पूर्व प्रधान मंत्री राजधानी इस्लामाबाद से 90 किमी दक्षिण में रावलपिंडी की अदियाला जेल में कैद हैं. वहीं उनकी पत्नी हाउस अरेस्ट हैं.
रावलपिंडी की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और बुशरा बीबी को 'गैर-इस्लामिक निकाह' मामले में 7-7 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने दोनों पर 5-5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
आदेश में आगे कहा गया कि अगर दोनों जुर्माने की राशि अदा नहीं करते हैं तो उन्हें चार और महीने की कैद होगी.
बता दें कि बुशरा बीबी के पूर्व पति खावर फरीद मनेका ने नवंबर 2023 में PPC की धारा 34 (सामान्य इरादा), 496 और 496-बी (व्यभिचार) के तहत एक शिकायत दायर की थी, जिसपर कोर्ट का फैसला आया है. इस मामले में इस्लामाबाद हाईकोर्ट (IHC) ने 496-बी का आरोप हटा दिया था.
सीनियर सिविल जज कुदरतुल्लाह ने बुशरा बीबी के पूर्व पति खावर फरीद मनेका की शिकायत पर फैसला सुनाया है.
बुशरा बीबी के पहले पति ने आरोप लगाया था कि बुशरा बीबी ने दो शादियों के बीच जरूरी विराम यानी 'इद्दत' का पालन नहीं किया था, जो कि एक इस्लामिक प्रथा है. ऐसे में इस्लामिक प्रथा का उल्लंघन करने के चलते यह शादी गैर इस्लामिक है.
31 जनवरी, 2024 को इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को तोशाखाना मामले यानी अवैध रूप से सरकारी गिफ्ट बेचने के मामले में 14 साल जेल की सजा सुनाई गई है. फैसले के तहत खान अगले 10 साल तक किसी सरकारी पद पर भी नहीं रह सकते. यही नहीं इमरान खान पर 78 करोड़ 70 लाख पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. सजा के ऐलान के बाद बुशरा बीबी ने सरेंडर कर दिया. वह फिलहाल हाउस अरेस्ट हैं.
बाद में उस सजा को निलंबित कर दिया गया, लेकिन खान अन्य मामलों के सिलसिले में जेल में रहे. इमरान ने दावा किया था कि उन्होंने कानूनी रूप से सामान खरीदा था, जबकि सरकारी अधिकारियों ने आरोप लगाया था कि खान के सहयोगियों ने दुबई में गिफ्ट बेचे थे.
पूर्व सूचना मंत्री द्वारा साझा किए गए गिफ्ट्स की लिस्ट में इत्र, हीरे के आभूषण, डिनर सेट और सात घड़ियां शामिल थीं, उनमें से छह रोलेक्स की घड़ियां थी. जबकि सबसे महंगी घड़ी "मास्टर ग्रेफ लिमिटेड एडिशन" थी, जिसकी कीमत 8.5 करोड़ पाकिस्तानी रुपये थी.
तोशाखाना मामले में सजा होने से ठीक एक दिन पहले यानी 30 जनवरी 2024 को इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी को सिफर मामले में 10-10 साल जेल की सजा सुनाई है. इमरान खान पर 2022 में वाशिंगटन में पाकिस्तान के राजदूत द्वारा इस्लामाबाद भेजे गए एक क्लासिफाइड केबल यानी सिफर को सार्वजनिक करने का आरोप लगा. इसके बाद खान और कुरेशी को 23 अक्टूबर, 2023 को एक पाकिस्तानी अदालत ने दोषी करार दिया था.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका स्थित समाचार संस्थान द इंटरसेप्ट ने अगस्त 2023 में "सिफर" के हवाले से एक रिपोर्ट छापी थी जिसमें दावा किया गया था कि अमेरिकी प्रशासन इमरान खान को सत्ता से हटाना चाहता था. खान ने अरोप लगाते हुए कहा था कि अप्रैल 2022 में उन्हें सत्ता से हटाने में देश की सेना और उनके राजनीतिक विरोधियों का हाथ था.
क्लासिफाइड केबल क्या था?: विवाद के केंद्र में मौजूद दस्तावेज में 7 मार्च, 2022 को दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो सहायक सचिव डोनाल्ड लू और अमेरिका में तत्कालीन पाकिस्तानी राजदूत असद मजीद खान सहित अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों के बीच हुई एक बैठक का विवरण था.
इमरान खान को अल-कादिर ट्रस्ट के माध्यम से रिश्वत के रूप में जमीन लेने के आरोप में पिछले साल मई महीने में चार दिनों के लिए गिरफ्तार किया गया था. बता दें कि अल-कादिर ट्रस्ट- खान और उनकी तीसरी पत्नी बुशरा वाटो द्वारा 2018 में पद पर रहते हुए स्थापित किया गया था.
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी अधिकारियों ने इमरान खान पर प्रॉपर्टी डेवलपर को लाभ पहुंचाने के बदले में जमीन हासिल करने का आरोप लगाया. इमरान खान पर आरोप है कि उन्होंने प्रॉपर्टी डेवलपर के खिलाफ अदालत द्वारा लगाए गए जुर्माने का भुगतान करने के लिए 190 मिलियन पाउंड का इस्तेमाल किया था जो मनी लॉन्ड्रिंग जांच में ब्रिटेन द्वारा लौटाया गया था.
खान के सहयोगियों ने पहले कहा था कि जमीन ट्रस्ट को चैरेटी के तहत दान की गई थी. रियल एस्टेट डेवलपर ने भी किसी भी गलत काम से इनकार किया है.
इमरान खान को 9 मई को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में उनकी गिरफ्तारी के बाद भड़की सेना के खिलाफ हिंसा के संबंध में पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी कानून के तहत दोषी ठहराया गया है.
पाकिस्तान के 1997 के आतंकवाद विरोधी अधिनियम की एक धारा में अधिकतम सजा के रूप में मृत्युदंड का प्रावधान है. खान ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि जब हिंसा हुई तब वह हिरासत में थे.
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