Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019World Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019कमला हैरिस भारत की पर्याप्त मदद कर रहीं? भारतीय-अमेरिकियों की राय

कमला हैरिस भारत की पर्याप्त मदद कर रहीं? भारतीय-अमेरिकियों की राय

कमला हैरिस की मां श्यामला गोपालन भारतीय अप्रवासी थीं

क्विंट हिंदी
दुनिया
Published:
कमला हैरिस की मां श्यामला गोपालन भारतीय अप्रवासी थीं
i
कमला हैरिस की मां श्यामला गोपालन भारतीय अप्रवासी थीं
(फोटो: @KamalaHarris/Twitter)

advertisement

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद जब कमला हैरिस ने अपनी मां श्यामला गोपालन हैरिस को याद किया तो भारतीय-अमेरिकी समुदाय खुशी से झूम उठा. श्यामला गोपालन भारतीय अप्रवासी थीं.

हैरिस के उपराष्ट्रपति बनने के बाद से भारतीय-अमेरिकी लोगों का प्रतिनिधित्व बढ़ गया. लेकिन हैरिस के उदय के साथ ही उम्मीदों का बोझ भी बढ़ गया है.

द वाशिंगटन पोस्ट के साथ इंटरव्यू में 20 से ज्यादा लोगों ने कहा कि भारत के कोविड संकट को लेकर हैरिस की प्रतिक्रिया पर बातचीत बढ़ रही है. इन लोगों में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के नेता, राजनीतिक एक्टिविस्ट, अधिकारी शामिल रहे.

ज्यादा मुखर नहीं

यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो की 53 साल की बिजनेस छात्र सुजाता शिनॉय ने द पोस्ट से कहा, "वो बहुत से लोगों के लिए बहुत कुछ हैं. तो अगर आप किसी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और वो समुदाय दुख से गुजर रहा है तो आपको बोलना पड़ेगा."

22 साल की छात्र अदिति खरोड ने कहा कि हैरिस के उपराष्ट्रपति होने के बावजूद प्रतिनिधित्व का ‘कोई मतलब नहीं है’ क्योंकि संकट को लेकर उनकी प्रतिक्रिया धीमी थी.  

मार्च में जब भारत में कोविड आंकड़े बढ़ने शुरू हुए थे तो कई देशों ने भारत की मदद की. भारतीय-अमेरिकी समुदाय ने भी मदद की. डॉक्टर ऑनलाइन परामर्श दे रहे थे. संगठन मेडिकल मदद भेज रहे थे, कई जाने-पहचाने लोग और उनके बिजनेस भारत को सहायता देने को तैयार थे.

उसी समय भारतीय-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति, रो खन्ना, प्रमिला जयपाल और एमी बेरा जैसों ने बाइडेन प्रशासन पर भारत की मदद करने का दबाव बनाया. लेकिन मदद की इस कवायद के बीच कमला हैरिस की सतही प्रतिक्रिया ने समुदाय को 'निराश' किया.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
“भारत में कोविड मामले और मौतों का बढ़ना दिल तोड़ देता है. जैसे ही स्थिति साफ होगी हमारा प्रशासन कार्रवाई करेगा.” 
कमला हैरिस

अमेरिकी सरकार की भारत को मदद पर हैरिस की कूटनीतिक प्रतिक्रिया वो नहीं रही, जिसकी समुदाय को उम्मीद थी. वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, भारतीय-अमेरिकी चाहते थे कि हैरिस 'अमेरिका पहले' की नीति छोड़कर 'भारत के दर्द पर ज्यादा ध्यान दें.'

खरोड ने कहा, "मुझे लगा था वो इस बारे में भावनाओं के साथ बोलेंगी. ये दिखाता कि सरकार के सभी स्तरों पर विविधता क्यों जरूरी है."

बेजा उम्मीदें?

कुछ लोगों ने कहा कि अमेरिका के उपराष्ट्रपति की अपनी सीमाएं होती हैं और हैरिस सिर्फ बाइडेन के एजेंडे के हिसाब से काम कर सकती हैं. उन्हें लगता है कि हैरिस को उस तरह की आलोचना से नहीं गुजारना चाहिए, जिससे बराक ओबामा को गुजरना पड़ा था. जेसी जैक्सन जैसे लोगों ने ओबामा पर अपनी अश्वेत पहचान को नहीं अपनाने का आरोप लगाया था.

ब्राउन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डीन आशीष के झा ने कहा, "भारतीय-अमेरिकी लोगों के लिए सत्ता के गलियारे बंद थे, जैसे कि बाकी अल्पसंख्यक समूहों के लिए. अब हमारे जैसे नाम वाला कोई सत्ता में है, वो इंसान हमारी आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व कर रहा है."

हालांकि, झा ने कहा, "लेकिन हमें ध्यान रखना होगा कि बेजा उम्मीदों का भार न पड़े."

अमेरिका पहले

हैरिस खुद को सिर्फ 'अमेरिकी' कहती हैं, जो कि उनके कुछ समर्थकों के मुताबिक समुदाय के प्रति सच्चे रहने का सबसे अच्छा तरीका है, जिससे किसी एक समूह के लिए आप मुखर नहीं होते.

हालांकि, प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक हैरिस व्हाइट हाउस की बातचीत में उच्च-स्तर पर भारत के कोविड संकट और अमेरिकी प्रतिक्रिया से जुड़ी हुई हैं.  

संसद में सबसे लंबे समय से मौजूद भारतीय-अमेरिकी एमी बेरा ने वाशिंगटन पोस्ट से कहा हैरिस पर्दे के पीछे मदद के लिए काम कर रही हैं और भारत से निजी रिश्ता होने का मतलब ये नहीं कि वो भारत के प्रति अमेरिका की नीति के लिए जिम्मेदार होंगी. ये नजरिया कई सांसदों का है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT