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चीन ने डोकलाम विवाद के समाधान को इस साल अंतरराष्ट्रीय सहयोग में अपनी बड़ी उपलब्धि बताई है.
चीन की सेना ने गुरुवार को कहा कि भारत को सीमा पर शांति और स्थायित्व बनाए रखने के लिए अपनी सैनिकों को कड़ाई से नियंत्रण में रखना चाहिए. साथ ही ,चीन का कहना है कि भारत को सीमा समझौतों को लागू करना चाहिए.
चीन के रक्षा प्रवक्ता कर्नल रेन गुआछियांग ने कहा कि साल 2017 में उनके देश के अंतरराष्ट्रीय सैन्य सहयोग के अहम मुद्दों में डोकलाम जैसा गंभीर मुद्दों से निबटना शामिल रहा.
उन्होंने कहा इस साल इंटीग्रेटेड तैनाती के तहत सेना ने चीन की संप्रभुता और सुरक्षा हितों की दृढ़ता से रक्षा की.
भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी बाॅर्डर लाइन जम्मू कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक फैली है.
उन्होंने 73 दिनों के डोकलाम गतिरोध के बाद पहली बार 22 दिसंबर को दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी स्टेट काउंसलर यांग जीची के बीच हुई सीमा वार्ता के बारे में कहा-
जब उनसे हाल ही में सिक्किम सेक्टर में चीनी क्षेत्र में एक भारतीय ड्रोन के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने ब्योरा देने से मना कर दिया. उन्होंने ये भी नहीं बताया कि चीनी सैनिकों को मिले कलपुर्जे भारत को लौटाए गए या नहीं.
कर्नल रेन ने कहा, ये हमारा रुख है कि भारत को इस घटना से सबक सीखना चाहिए था.
7 दिसंबर को चीन ने राजनयिक विरोध दर्ज कराया था जिसमें दावा किया था कि एक भारतीय ड्रोन उसके विमान क्षेत्र में प्रवेश कर गया और सीमा के सिक्किम क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. भारत ने सफाई दी है कि उसका मानवरहित वायुयान तकनीकी गड़बड़ी का शिकार हो गया और उसने चीन से उसे लौटाने को कहा.
डोकलाम विवाद 16 जून को शुरु हुआ क्योंकि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने भूटान के दावे वाले इलाके में सड़क निर्माण का काम शुरु कर दिया था. भारतीय सैनिकों ने इस सड़क निर्माण को रोकने के लिए दखल दी क्योंकि ये चिकेन नेक के लिए सुरक्षा जोखिम पैदा कर रहा था.
ये विवाद 28 अगस्त को खत्म हुआ जब एक सहमति बनी और उसके तहत चीन ने सड़क निर्माण रोक दिया और भारत ने अपने सैनिक वापस बुला लिये.
(-इनपुट IANS से)
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