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डोकलाम पर भारत-चीन के अपने-अपने बयान, 16 जून से अबतक क्या हुआ? 

सोमवार को दोनों देशों ने अपने-अपने बयान जारी किए हैं, 16 जून से अबतक की पूरी टाइमलाइन यहां जानिए

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जून के महीने से जारी डोकलाम विवाद पर सोमवार को नया ट्विस्ट और टर्न देखने को मिला. कयास लगाए जा रहे हैं कि सिक्किम सेक्टर के डोकलाम को लेकर चल रहा ये विवाद खत्म होने की ओर है. ऐसे में सोमवार को पहले भारत ने बयान जारी किया कि दोनों देश डोकलाम से अपनी सेनाएं हटाने पर सहमत हो गए हैं.

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भारतीय विदेश मंत्रालय का पहला बयान

विदेश मंत्रालय ने जारी बयान में कहा-

बीते कुछ सप्ताह में भारत और चीन डोकलाम पर हुई घटना के बावजूद दोनों देशों ने इस मुद्दे पर राजनयिक संपर्क बनाए रखा. इस वजह से हम अपने विचारों को व्यक्त कर सके एवं अपनी चिंताओं और हितों को साझा कर पाए.

बयान के मुताबिक, इस आधार पर डोकलाम पर सेनाओं को हटाने पर सहमति बनी है, जो जारी है.

चीन सहमत नहीं ?

इसके कुछ देर बाद ही चीन ने बयान जारी कर कहा कि भारत ने डोकलाम से अपनी सेनाएं हटा दी हैं लेकिन चीन की सेना क्षेत्र में बनी रहेंगी और क्षेत्र में अपनी संप्रभुता कायम रखेंगी. चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन के सीमाबल 'डोंगलोंग में गश्त जारी रखेंगे.' डोंगलोंग को भारत डोकलाम कहता है.

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रक्ता हु चुनयिंग ने कहा-

28 अगस्त की दोपहर भारत ने डोकलाम की सीमा से अपनी सेनाएं और उपकरण हटा दिए. चीन के सुरक्षाकर्मियों ने इसकी पुष्टि की है.

चीन के विदेश मंत्रालय का ये बयान भारत के सोमवार दोपहर के उस बयान से बिल्कुल अलग है, जिसमें कहा गया था कि दोनों देशों के बीच डोकलाम से सेनाएं हटाने पर सहमति बनी है.

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भारतीय विदेश मंत्रालय का दूसरा बयान

करीब 6 बजे विेदेश मंत्रालय ने एक ओर बयान जारी किया है. इसमें पूरी बयान को ही दोहराया गया था, साथ ही ये भी कहा गया था कि डोकलाम पर सेनाओं को हटाने की प्रक्रिया के बाद से सत्यापन लगभग पूरा हो चुका है. बयान में कहा गया है कि ऐसे मुद्दे पर गतिरोध दूर करने के लिए भारत डिप्लोमेटिक चैनल्स का सहारा लेता आया है.

ये भी कहा गया है कि जुलाई में अस्ताना में दोनों देश इस बात पर राजी हुए थे कि गतिरोध को विवाद नहीं बनने दिया जाएगा, साथ ही भारत और चीन के संबंध स्थिर रखने का भरोसा भी जताया गया था. इस बयान में आगे कहा गया है कि चीन के साथ बातचीत का दौर जारी रहेगा.
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ऐसे में जानते हैं पूरे विवाद की टाइमलाइन:

16 जून: भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को डोकलाम में सड़क निर्माण करने से रोक दिया.

20 जून: दबाव बढ़ाने के लिए चीन ने 20 जून को नाथू ला इमिग्रेशन प्वाइंट पर तिब्बत में कैलाश मानसरोवर जा रहे 50 तीर्थ यात्रियों को वापस भेज दिया.

29 जून: सेना प्रमुख बिपिन रावत ने सिक्किम का दौरा किया.

7 जुलाई: जी-20 सम्मेलन में पीएम मोदी-शी जिनपिंग की मुलाकात हुई. जिनपिंग ने इस दौरान भारत की तारीफ की. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत बेहतरीन काम कर रहा है.

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17 जुलाई: चीन ने तिब्बत में 11 घंटे तक युद्ध अभ्यास किया. डिफेंस एक्सपर्ट्स ने इसे भारत के लिए चेतावनी करार दिया.

20 जुलाई: सुषमा स्वराज ने सीमा पर विवाद के शांतिपूर्ण समाधान की हिमायत करते हुए कहा कि इसपर कोई बातचीत शुरू करने के लिए पहले दोनों पक्षों को अपनी-अपनी सेना हटानी चाहिए.

24 जुलाई: चीनी सेना के प्रवक्ता ने भारत को धमकी के लिहाज में कहा कि पहाड़ को हिलाना मुमकिन है, चीन की सेना को नहीं. उन्होंने कहा-

28 जुलाई: अजीत डोभाल ब्रिक्स देशों के सुरक्षा सलाहकारों की मीटिंग में हिस्सा लेने चीन पहुंचे. ऐसे अनुमान लगाए गए कि डोभाल के इस दौरे के बाद डोकलाम पर विवाद शांत हो जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं.

2 अगस्त: चीन ने पहली बार 15 पेजों का अधिकृत बयान जारी कर भारत को चेतावनी दी. बयान में कहा गया कि मौजूदा गतिरोध खत्म करने के लिए भारत को 'बिना किसी शर्त के' डोकलाम से अपनी सेना फौरन हटाकर 'ठोस कार्रवाई' करनी चाहिए.

3 अगस्त: चीन के साथ सीमा विवाद पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को भारत का पक्ष रखा. राज्यसभा में सुषमा ने कहा कि चीन को 2012 में हुए भारत-चीन-भूटान समझौते को मानना चाहिए.

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15 अगस्त: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए अपने भाषण में इंडियन आर्मी की तारीफ करते हुए कहा कि ‘देश के खिलाफ अगर कुछ भी हो, तो उसके लिए हम ताकत रखते हैं' कहकर उन्‍होंने यह भी समझा दिया कि अगर कोई अप्र‍िय स्‍थ‍िति पैदा होती है, तो देश उसके लिए तैयार है.

17 अगस्त: डोकलाम के मुद्दे पर जापान ने भारत के पक्ष का समर्थन किया. इसके बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने फटकार भरे लहजे में कहा कि जापान को स्थिति की पूरी जानकारी हासिल किए बगैर बयानबाजी नहीं करनी चाहिए.

26 अगस्त: चीन की नौसेना ने समंदर में लड़ने की अपनी क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए हिंद महासागर में लाइव फायर ड्रिल की है. इसे भारत के लिए चेतावनी की तरह देखा गया.

28 अगस्त: डोकलाम से सेना हटाने को लेकर भारत-चीन के बयान सामने आए

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