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भारत ने यरूशलम पर अमेरिका और इजरायल के खिलाफ वोट किया

इजरायल पक्का दोस्त लेकिन संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी प्रस्ताव के खिलाफ क्योंवोट किया भारत ने

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<p> अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू.</p>
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू.

(फाइल फोटो: Reuters)

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यरूशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के अमेरिकी राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ भारत आगे आया है. डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रस्ताव लाया गया था. इसके समर्थन में भारत समेत 128 देशों ने मतदान किया. 9 देशों ने प्रस्ताव के विरोध में वोटिंग की, जबकि 35 देश इससे दूर रहे.

अमेरिका की धमकी बेअसर

ट्रंप ने अमेरिका के रूख का विरोध करने वाले देशों को चेतावनी दी थी कि जो भी देश उसके फैसले के विरोध में जाएगा, उन्हें अमेरिका की तरफ से दी जाने वाली आर्थिक मदद में कटौती की जाएगी. लेकिन ट्रंप की इस चेतावनी का कोई खास असर नहीं देखने को मिला. हालांकि हो सकता है कि ट्रंप की धमकी का ही नतीजा हो सकता है कि महसभा में मतदान के दौरान 35 देश नदारद रहे.

सुरक्षा परिषद में सोमवार को अमेरिका ने इस प्रस्ताव पर वीटो कर दिया था, जबकि बाकी अन्य सभी 14 सदस्यों ने उसके पक्ष में वोट डाला था. उसके बाद उसे संयुक्त राष्ट्र महासभा में भेजा गया था.

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क्यों शुरू हुआ विवाद

पवित्र नगरी यरूशलम का दर्जा इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के सबसे अधिक विवादास्पद विषयों में एक है. दोनों देश उसे अपनी-अपनी राजधानी होने का दावा करते रहे हैं. इस शहर को 6 दिसंबर को ट्रंप ने इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने का फैसला किया था. जो अंतरराष्ट्रीय सहमति से अलग था.

मुस्लिम देशों में अमेरिकी फैसले के विरोध में जबर्दस्त प्रदर्शन शुरू हो गया और कई देशों ने संयुक्त राष्ट्र से अपील की. लेकिन ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि अमेरिका की इस बात पर कड़ी नजर होगी कि मतदान में विभिन्न देशों का क्या रूख होता है. उसका समर्थन करनेवालों से बदला लिया जा सकता है. अरब और मुस्लिम देशों की ओर से यमन और तुर्की ने संयुक्त राष्ट्र में यह प्रस्ताव रखा था.

ये भी पढ़ें- यरूशलम के खिलाफ खड़े देशों को ट्रंप की धमकी, आर्थिक मदद रोकेगा US

(इनपुटः PTI और IANS से)

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Published: 22 Dec 2017,11:00 AM IST

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