advertisement
अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) ने जनता के बीच भारतीय मूल के भद्रेशकुमार चेतनभाई पटेल की सूचना देने पर 100,000 डॉलर के इनाम राशि की पेशकश को फिर से दोहराया है. यह व्यक्ति एफबीआई की 2017 में जारी 10 मोस्ट वॉन्टेड की लिस्ट में से एक है.
उसे 2017 में वॉन्टेड की लिस्ट में तब डाला गया था, जब उसे एफबीआई पकड़ नहीं पाई थी. उस पर 100,000 डॉलर का इनाम रखा गया है और शुक्रवार को एफबीआई ने उसके और इनाम के बारे में जानकारी देते हुए जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए ट्वीट किया.
एफबीआई ने लोगों से कहा है कि अगर वे इस व्यक्ति के बारे में जानते हैं या फिर उन्हें यह पता है कि वह कहां है, तो एजेंसी या पास के अमेरिकी वाणिज्य दूतावास से संपर्क करें.
डब्ल्यूटीओपी रेडियो ने अधिकारियों के हवाले से बताया, "घटना के दौरान पटेल 24 साल का था, उसने कथित तौर पर अपनी 21 वर्षीय पत्नी पर दुकान के पिछले हिस्से में रसोई के चाकू से कई बार प्रहार किया था, उस दौरान वहां ग्राहक भी मौजूद थे. वे दोनों वहां काम करते थे."
डब्ल्यूटीओपी ने बताया कि जांचकतार्ओं को लगता है कि जब 2017 में पटेल को वॉन्टेड की लिस्ट में रखा गया, तब वह अमेरिका में था और अल्टोमेयर के अनुसार जांचकर्ताओं का मानना है कि कोई जानबूझकर पटेल की मदद कर रहा था या फिर उसके कथित अपराध के बारे में जाने बिना उसकी मदद कर रहा था.
रेडियो ने बताया कि 2017 में एफबीआई के बाल्टीमोर क्षेत्र कार्यालय के विशेष प्रभारी एजेंट गॉर्डन जॉनसन के अनुसार, "पटेल को इस अपराध की क्रूरता के कारण लिस्ट में डाला गया था और ऐसी संभावना थी कि अमेरिका के बाहर किसी को पता है कि वह कहां है."
इस घटना के एक महीने पहले ही दोनों के वीजा की अवधि खत्म हो गई थी और जांचकतार्ओं का मानना है कि पलक पटेल भारत वापस लौटना चाहती थी, लेकिन उसके पति ने इसका विरोध किया था. एफबीआई के मुताबिक, पटेल का जन्म गुजरात में हुआ था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)