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ईरान में लड़कियों को पढ़ाई की सजा, स्कूल जाने पर दिया जा रहा है 'जहर'

Iran में स्कूली छात्राओं की रहस्यमय बीमारी का सिलसिला नवंबर महीने से सामने आ रहा है.

स्मिता चंद
दुनिया
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<div class="paragraphs"><p><a href="https://hindi.thequint.com/videos/women-rage-anger-emotions-patriarchy-india-iran-hijab-protests-abortion-ban-shaheen-bagh-me-too">ईरान</a> में पिछले कुछ महीनों से कई स्कूली लड़कियों की अचानक तबीयत बिगड़ रही है</p></div>
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ईरान में पिछले कुछ महीनों से कई स्कूली लड़कियों की अचानक तबीयत बिगड़ रही है

(फोटो: ट्विटर)

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ईरान में पिछले कुछ महीनों से कई स्कूली लड़कियों की अचानक तबीयत बिगड़ने की खबरें आ रही हैं. दावा किया जा रहा है कि इन लड़कियों को स्कूल जाने से डराने के लिए जहर दिया जा रहा है, सैकड़ों लड़कियों को अचानक अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है. BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक ईरान के 26 स्कूलों की लड़कियों का अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है.

खबरों के मुताबिक नवंबर महीने से अब तक 1,000 से अधिक लड़कियों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है, उन्हें सांस की समस्या, मिचली, चक्कर आना और थकान का सामना करना पड़ा है. कुछ लोग लगातार ईरान में लड़कियों का स्कूल बंद करने की मांग कर रहे हैं. इसलिए संदेह जताया जा रहा है कि लड़कियों को स्कूल जाने से डराने के लिए साजिशन ये किया जा रहा है.

सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो और फोटोज सामने आ रहे हैं, जिसमें लड़कियों को एंबुलेस में लेकर अस्पताल जाते हुए देखा जा सकता है.

अभिभावकों का दावा है कि स्कूली छात्राओं को हाल ही में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में भाग लेने के लिए टारगेट किया जा रहा है. लोकल मीडिया के मुताबिक पांच शहरों के 26 स्कूलों से जहरीले कैस से लड़कियों के बीमार पड़ने के मामले सामने आए हैं.

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लड़कियों को स्कूल ना जाने की मिलती रही है धमकी

अस्पताल में भर्ती होने की वजह से लड़कियों को स्कूल से छुट्टी लेनी पड़ रही है. बता दे कि ईरान में चरमपंथी बार-बार लड़कियों के स्कूल जाने पर पाबंदी लगाने की बात करते रहे हैं. कुछ लोगों का दावा है कि उनका मकसद इस तरह से पूरा हो रहा है और लड़कियां बीमारी की वजह से अस्पताल में हैं इसलिए वो स्कूल नहीं जा पा रही है. तो वहीं कई पैरेंट्स डर की वजह से अपनी बेटियों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं.

2022 नवंबर से शुरू हुआ ये सिलसिला

हजारों स्कूली छात्राओं की रहस्यमय बीमारी का सिलसिला नवंबर महीने से सामने आ रहा है. कई लड़कियों का स्कूलों में जहरीली गैस के हमलों के कारण देश भर के अस्पतालों में इलाज चल रहा है. पहली बार ऐसी घटना कोम शहर में रिपोर्ट की गई, जहां करीब 50 स्कूली छात्राओं को बीमार पड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, उसके बाद से अन्य शहरों में बोरुजेर्ड और अर्देबी के स्कूलों में ऐसे मामले लगातार सामने आने लगे. कोम शहर में ही फिर 22 फरवरी 2023 को 15 लड़कियों को अस्‍पताल में भर्ती कराना पड़ा.

कोम शहर निशाने पर क्यों?

11 लाख लोगों की आबादी वाला कोम राजधानी तेहरान से करीब 140 किलोमीटर की दूरी पर है, इस शहर को काफी रुढिवादी शहर माना जाता है. यहां कई मदरसे है, जहां धार्मिक पढाई की जाती है. स्‍थानीय मीडिया के मुताबिक शहर में कुछ स्‍कूलों को बंद कर दिया गया है, तो वहीं कुछ स्‍कूल ऑनलाइन क्‍लासेस चला रहे हैं.

अचानक जब इस शहर की लड़कियां बीमारी पड़ी, तो पहले ये कहा गया कि कोई रहस्यमयी बीमारी का कहर है, लेकिन जब ये सवाल उठा कि आखिर ये बीमारी सिर्फ लड़कियों को ही क्यों हो रही है, लड़को को क्यों नहीं?

पहले तो इसे मामले को टालने के लिए ये कहा गया कि लड़कियों को दौरा पड़ा है, लेकिन बाद में ईरान के उप स्वास्थ्य मंत्री ने खुद माना कि कोम शहर के कुछ लोग लड़कियों के स्कूल जाने के खिलाफ हैं, इसलिए उनके खिलाफ ये साजिश रची गई. मामला तब बढ़ा, जब दूसरे शहरों से भी ऐसी कोशिश की गई. छात्रों का दावा है कि स्कूल में अचानक उन लोगों को सांस लेने में दिक्कत हुई और उसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई

स्कूल कैंपस में कैसे अचानक तबीयत होती है खराब?

स्कूल में बीमार पड़ी लड़कियों का कहना है कि उन्हें अचानक गंध आने लगी और उसके बाद खांसी में खून आने लगा और घबराहट होने लगी. जिसके बाद लड़कियों को अस्‍पताल में भर्ती करा दिया गया.

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