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तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्जा होते ही दुनियाभर के देश इस चिंता में थे कि अब आतंक को एक और पनाह मिलने वाली है. इसी बीच इसका सबूत भी मिल गया, आतंकियों ने काबुल एयरपोर्ट पर किसी तरह जान बचाने के लिए देश छोड़ने आए लोगों के बीच बम धमाका कर दिया. लेकिन ये काम तालिबान का नहीं, तालिबान से परे एक और आतंकी गुट है जो तालिबान और उसके सहयोगियों हक्कानी नेटवर्क और अल कायदा से भी ज्यादा कट्टर और चरमपंथी होने का दावा करता है. इसे ISIS-K के नाम से जाना जाता है.
ISIS-K ऐसा आतंकी संगठन है जो करीब 6 साल पहले अफगानिस्तान और पाकिस्तान की जमीन पर पनपा. एक अनुमान के मुताबिक इस समूह के पास करीब 3000 घातक लड़ाके हैं.
ISIS-K या IS-K का पूरा नाम इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत है. ये आतंकी समूह अफगानिस्तान और पाकिस्तान में सबसे ज्यादा सक्रिय है यह समूह अफगानिस्तान के सभी जिहादी आतंकवादी समूहों में सबसे ज्यादा चरमपंथी और हिंसक होने का दावा करता है. इस आतंकवादी गुट की स्थापना 2015 में उस वक्त हुई जब इराक और सीरिया में आईएस की शक्ति अपने चरम पर थी.
1. इसका एक बड़ा हमला 14 मई 2020 को हुआ जब काबुल के बाहरी इलाके में एक मस्जिद के अंदर विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई. जब ये हमला हुआ तो मस्जिद में जुमे की नमाज हो रही थी. इस हमले की जिम्मेदारी बाद में इस्लामिक स्टेट ISK ने ली.
2. काबुल में एक स्कूल के बाहर एक कार बम और मोर्टार के कारण हुए विस्फोट में कम से कम 80 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर छात्राएं थीं. इस घटना में भी ISIS-K के आतंकवादियों का हाथ था.
3. 2 मार्च को पूर्वी अफगान शहर जलालाबाद में तीन महिला मीडियाकर्मियों की गोली मारकर निर्ममता से हत्या कर दी गई. इस बेखौफ घटना की जिम्मेदारी भी ISIS-K ने ही ली.
4. दिसंबर, 2020 को ISIS-K ने अफगानिस्तान के जलालाबाद में मलाला मैवन्द की हत्या कर दी. वो एक एंकर और महिला अधिकार कार्यकर्ता थीं. बड़ी बेरहमी से उनकी हत्या कर दी गई. इस घटना की जिम्मेदारी भी इस्लामिक स्टेट ने ही ली थी.
5. 2 नवंबर को इस्लामिक स्टेट ने काबुल विश्वविद्यालय पर हमले की जिम्मेदारी ली. इस हमले में सरकारी सूत्रों के अनुसार, कम से कम 35 लोग मारे गए. इस हमले में मारे गए लोगों में ज्यादातर ज्यादातर छात्र ही थे.
6. 24 अक्टूबर को इस्लामिक स्टेट ने काबुल में एक शिक्षा केंद्र पर एक आत्मघाती बम विस्फोट किया. इस घटना में किशोर छात्रों सहित 24 लोग मारे गए और दर्जनों अन्य घायल हो गए.
7. 2 अगस्त को इस्लामिक स्टेट के बंदूकधारियों ने पूर्वी शहर जलालाबाद की एक जेल पर हमला किया, जिसमें कम से कम 29 लोग मारे गए. इस हमले के बाद कम से कम 300 से अधिक कैदियों को जेलों से मुक्त कर लिया गया.
8. ISIS-K के सबसे बड़े आतंकी हमलों में से एक जनवरी 2021 में अफगानिस्तान में अमेरिका के शीर्ष राजदूत की हत्या की कोशिश भी शामिल है, जिसके बाद से इस्लामिक स्टेट अमेरिका के निशाने पर है.
9. श्रीलंका में अब तक के सबसे भयानक आतंकवादी हमले के लिए ISIS सहयोगी जिम्मेदार थे, जब आठ आत्मघाती हमलावरों ने कई हमलों में 250 से अधिक लोगों की हत्या कर दी थी. यह घटना अप्रैल 2019 की है.
10. 26 अगस्त 2021 का काबुल एयरपोर्ट धमाका. हाल ही में हुए इस धमाके में लगभग 80 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. इसमें अमेरिका के भी 13 सैनिक मारे गए हैं. इन आत्मघाती बम धमाकों की जिम्मेदारी भी ISIS- K ने ही ली है.
तालिबान और आईएस-के को एक-दूसरे के कट्टर दुश्मन के रूप में जाना जाता है और वे अफगानिस्तान में एक-दूसरे से क्षेत्र में लड़ रहे हैं. दोनों ने 2017 में खूनी लड़ाई देखी जब IS-K ने तालिबान के लिए धन जुटाने के लिए अफीम बेचने वाले तीन ड्रग डीलरों को पकड़ लिया. संघर्ष IS-K के लिए एक महत्वपूर्ण हार में समाप्त हुआ और अफगान और अमेरिकी सेना द्वारा बाद के हमलों ने उन्हें और भी पीछे धकेल दिया.
इसके अलावा, अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट के नेताओं ने देश के तालिबान के अधिग्रहण की निंदा की है. 15 अगस्त 2021 के दिन जब तालिबान अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज हुआ तब हक्कानी नेटवर्क समेत तालिबान के तमाम कट्टरपंथी सहयोगियों ने शासन संभालने की बधाई दी लेकिन IS-K ने इस पर भी कोई बधाई नहीं दी थी.
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