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इजरायल (Israel) के कई इलाकों में शनिवार, 7 अक्टूबर को गाजा पट्टी (Gaza Strip) से रॉकेट के जरिए हमला किया गया. विद्रोही गुट हमास ने इजरायल पर 5,000 रॉकेट दागे. इतना ही नहीं, हमास से जुड़े दर्जनों लड़ाकू दक्षिण की तरफ से इजरायल की सीमा के अंदर घुस गए. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने हमास के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया है. इजरायल ने पुष्टि की है कि गाजा से रॉकेट हमलों के बाद देश में 250 लोग मारे गए हैं. इजरायल का कहना है कि फिलिस्तीनी उग्रवादियों ने इजरायली सैनिकों और नागरिकों को बंधक बना लिया है.
इस बीच, फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इजरायल के जवाबी हमलों में कम से कम 232 लोग मारे गए हैं और 1,650 घायल हुए हैं.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल में हमास के हमले पर दुख जताया है. उन्होंने कहा- इस कठिन समय में हम इजरायल के साथ खड़े हैं.
इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा, ''हम युद्ध में हैं, किसी ऑपरेशन या राउंड में नहीं. आज सुबह हमास ने इजरायल और उसके नागरिकों पर एक जानलेवा हमला किया...दुश्मन को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी...हम युद्ध में हैं और हम इसे जीतेंगे.''
इसके साथ ही उन्होंने बड़े पैमाने पर भंडारन के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि हम दुश्मनों को ऐसा जवाब देंगे, जिसके बारे में उन्होंने सोचा भी नहीं होगा. हमारे दुश्मनों को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार इजरायल रक्षा बलों (IDF) ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया है कि उसने अब तक 17 सैन्य परिसरों और चार हमास हेडक्वॉटर पर हमला किया है.
उधर इजरायल में भारतीय एंबेसी ने एक एडवाइजरी जारी कर कहा है, "इजरायल के मौजूदा हालात को देखते हुए इजरायल में रह रहे भारतीयों से गुजारिश है कि सतर्क रहें और स्थानीय प्रशासन की ओर से दिए जा रहे दिशा-निर्देशों का पालन करें.''
इसके अलावा फिलिस्तीन में मौजूद भारतीय दूतावास ने भी हेल्पलाइन नंबर जारी किये हैं. दूतावास ने ट्वीट करके कहा है,
पब्लिक नोटिस
मौजूदा सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर, फिलिस्तीन में भारतीय नागरिक किसी भी आपात स्थिति या आवश्यक सहायता के लिए 24 घंटे की आपातकालीन हेल्पलाइन पर सीधे भारत के प्रतिनिधि कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं:
जव्वाल: 0592-916418
व्हाट्सएप:+970-59291641
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताय है कि गाजा से रॉकेट हमलों के बाद देश में 250 लोग मारे गए हैं.
वहीं फिलिस्तीनी हमलों में कम से कम 1800 लोग घायल हुए हैं.
AP की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायली सेना ने कहा कि वह गाजा पट्टी में टारगेट्स पर हमला कर रहा था क्योंकि यरूशलेम में हवाई हमले के सायरन बज रहे थे.
भारत में इजराइल के दूत ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि इजरायल पर यहूदी अवकाश के दौरान गाजा से हमास आतंकवादियों की रॉकेट और जमीनी घुसपैठ दोनों से संयुक्त हमला हो रहा है. स्थिति सामान्य नहीं है लेकिन इजरायल की फतह होगी.
रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल का विरोध करने वाले समूह हमास की सैन्य शाखा के नेता मोहम्मद डेफ ने एक बयान में कहा कि उन्होंने इजरायल के खिलाफ एक नया मिलिट्री ऑपरेशन शुरू किया है. "ऑपरेशन अल-अक्सा स्टॉर्म" शुरू करने के लिए शनिवार तड़के इजरायल में कुल 5,000 रॉकेट दागे गए थे.
ये रॉकेट गाजा के साथ इजरायल की अस्थिर सीमा पर कई हफ्तों तक बढ़ते तनाव और इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में तेज लड़ाई के बाद लॉन्च किए गए.
गाजा के साथ इजरायल की अस्थिर सीमा पर हफ्तों तक बढ़े तनाव और इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में भारी लड़ाई के बाद रॉकेट लॉन्च किया गया.
रॉयटर्स समाचार एजेंसी के अनुसार फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास का कहना है कि उनके लोगों को "आतंकवाद और कब्जे वाली ताकतों" के खिलाफ खुद की रक्षा करने के अधिकार हैं. ताजा हालात को लेकर उन्होंने रामल्लाह में फिलिस्तीनी प्राधिकरण के शीर्ष अधिकारियों के साथ आपातकालीन बैठक भी की है.
वहीं इजरायल और फिलिस्तीन के बीच ताजा संघर्ष को लेकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की भी पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि "आज सुबह हमास आतंकवादियों द्वारा इजरायली नागरिकों के खिलाफ किए गए हमलों से मैं स्तब्ध हूं."
2007 में हमास के इस इलाके पर कब्जा करने के बाद से इजरायल ने गाजा पर नाकेबंदी कर रखी है. उसके बाद से कुल चार जंगें हुई हैं. इजरायल और हमास और गाजा क्षेत्र में स्थित अन्य छोटे मिलिटेंट समूहों के बीच कई दौर की छोटी-मोटी लड़ाई हुई है.
गाजा की अर्थव्यवस्था नाकाबंदी के कारण पूरी तरह से खत्म हो गई है, जो इलाके और बाहर लोगों और उत्पादों के प्रवाह को प्रतिबंधित करती है. इजरायल का दावा है कि मिलिटेंट समूहों को अपने हथियार जमा करने से रोकने के लिए नाकाबंदी जरूरी है. फिलिस्तीनियों के मुताबिक नाकाबंदी सामूहिक दंड जैसा था.
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