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"बच्चों के लिए दूध नहीं, परिवार ब्रेड पर जिंदा"- गाजा से एक फिलिस्तीनी ने बताई आपबीती

Isarel-Hamas War: गाजा पट्टी पर इजरायली सेना की जवाबी कार्रवाई ने शहर के कई इलाकों को नष्ट कर दिया है.

माज़ हसन
दुनिया
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<div class="paragraphs"><p>'बच्चों के लिए दूध नहीं, ब्रेड पर जिंदा'- गाजा से एक फिलिस्तीनी ने बताई आपबीती</p></div>
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'बच्चों के लिए दूध नहीं, ब्रेड पर जिंदा'- गाजा से एक फिलिस्तीनी ने बताई आपबीती

(द क्विंट द्वारा एक्सेस की गई तस्वीर)

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"यह मेरे लिए आपसे बात करने का आखिरी मौका हो सकता है"- गाजा (Gaza) में जिंदा रहने के लिए संघर्ष कर रहे 58 साल के अहमद (बदला हुआ नाम) ने द क्विंट से बातचीत में ये बातें कहीं.

उन्होंने कहा आगे कहा कि, "दोपहर 2 बजे अल कुद्स समय के मुताबिक (भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे) गाजा पावर प्लांट शायद बंद हो जाएगा और कुछ घंटों के अंदर मेरे फोन का चार्ज खत्म हो जाएगा."

द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने फिलिस्तीनी एन्क्लेव के ऊर्जा प्राधिकरण (Energy Authority) के प्रमुख के हवाले से बताया कि 11 अक्टूबर, बुधवार को अहमद के द क्विंट से बात करने के कुछ ही घंटों बाद, गाजा में अंतिम ऑपरेटिंग पॉवर प्लांट ने काम करना बंद कर दिया है, क्योंकि इसमें ईंधन खत्म हो गया था.

इजरायल पर हमास के 'आश्चर्यजनक हमले' के बाद से, गाजा पट्टी पर इजरायली सेना की जवाबी कार्रवाई ने शहर के कई इलाकों को नष्ट कर दिया है. तेल अल-हवा, एक जानी मानी जगह जहां अहमद रहते हैं, उसे इजरायली सेना ने मलबे में बदल दिया है.

अहमद के फ्लैट की स्पष्ट रूप से नष्ट हो चुकी बालकनी से गाजा के तेल अल-हवा इलाके का दृश्य.

(द क्विंट द्वारा एक्सेस की गई तस्वीर)

"मैं और मेरा परिवार अनहोनी के डर से एक कमरे में छिप गए"

एक बंकर के डरावनेपन को याद करते हुए, जहां वह और उनका परिवार अभी छिपा हुआ है, अहमद ने बताया कि,

"सोमवार, 9 अक्टूबर को, मैं एक निश्चित मौत की स्थिति से बच गया. यह शायद मेरे द्वारा देखे गए सबसे बुरे हमलों में से एक था. मेरा फ्लैट गाजा के तेल अल-हवा इलाके में एक बिल्डिंग के सातवें फ्लोर पर था. घर में हम दो पुरुष, तीन महिलाएं और सात बच्चे थे जब इजरायली सेना ने हमारे इलाके पर बमबारी शुरू की तो बमों की तेज आवाज... टकराती, बिखरती हमारे चारों ओर गिरने वाली इमारतों की आवाजे बेहद तकलीफ देने वाली थीं."

इजरायली हमलों में गाजा का तेल अल-हवा इलाका पूरी तरह से तबाह हो गया है.

(द क्विंट द्वारा एक्सेस की गई तस्वीर)

अहमद और उनके परिवार का कहना है कि वे उन दिनों की गिनती कर रहे हैं जब किस्मत उनका साथ नहीं देगी.

एक एनजीओ के लिए काम करने वाले अहमद ने कहा कि...

"एक बम हमारी इमारत के बहुत करीब गिरा, जिससे विस्फोट हो गया. इस विस्फोट की तीव्रता से पड़ोसी इमारत ढह गई और हमारी इमारत की बालकनी टूट गई."

फिलिस्तीनी तेल अल-हवा में अपने नष्ट हुए घरों को अपने सामान के साथ छोड़ रहे हैं.

(द क्विंट द्वारा एक्सेस की गई तस्वीर)

उसी पल अहमद को यकीन हो गया कि वह और उनका परिवार अगला दिन देखने के लिए जिंदा नहीं रह पाएगा. इसलिए, अनहोनी के डर से वे सभी बिना किसी आशा के फ्लैट के एक कमरे में इकठ्ठा हो गए.

अहमद के बेटे का गाजा में यूनिवर्सिटी स्ट्रीट पर एक फ्लैट था. मंगलवार, 10 अक्टूबर को, अहमद गिरी हुई इमारतों के मलबे के बीच से होते हुए अपने बेटे के फ्लैट तक गए और उन्हें पता चला कि उनका भी ऐसा ही हश्र हुआ था. उनका बेटा मिसाइल हमले से बचने में कामयाब रहा था.

गाजा की यूनिवर्सिटी स्ट्रीट को भी जमींदोज कर दिया गया है.

(द क्विंट द्वारा एक्सेस की गई तस्वीर)

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"कम से कम इस्तेमाल के साथ, हम और दो दिनों तक जिंदा रह सकते हैं"

उन्होंने कहा, "तब से मैं और मेरे दोस्त का परिवार आधे टैंक से भी कम पानी वाली एक इमारत में छिपे हुए हैं. चीजों के कम से कम इस्तेमाल के साथ, हम दो और दिनों तक जिंदा रह सकते हैं. बिजली के बिना, न तो हम पानी पंप करने के लिए मोटर का इस्तेमाल कर सकते हैं और न ही रेफ्रिजरेटर काम कर रहे हैं. परिवार ब्रेड पर जिंदा है."

लेकिन अहमद के मुताबिक, उनकी असली चुनौती अपने बच्चों को खाना खिलाना है, जिनमें से एक सिर्फ एक साल का है. अहमद ने निराशा में कहा,

"दुकानें, मिनी-बाजार, सुपरमार्केट - सब कुछ बर्बाद हो गया है. जो अभी भी सलामत हैं, उनमें अब जरुरी चीजें खत्म हो रही हैं. हमें अपने बच्चों को पिलाने के लिए दूध भी नहीं मिल पा रहा है."

गाजा में यूनिवर्सिटी स्ट्रीट पर गिरी इमारतों का मलबा.

(द क्विंट द्वारा एक्सेस की गई तस्वीर)

हमास के हमले के बाद इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने गाजा में जमीनी हमले शुरू करने की प्रतिज्ञा ली और क्षेत्र की पूर्ण नाकाबंदी का आह्वान किया. स्थिति और खराब हो गई है.

बुधवार, 11 अक्टूबर को, गाजा पट्टी में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इजरायल के हवाई हमलों से मरने वालों की संख्या बढ़कर 950 हो गई है. मंत्रालय ने कहा कि 5,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 60 प्रतिशत महिलाएं और बच्चे हैं.

अहमद ने कहा, "एक बार गाजा पावर प्लांट बंद हो गया, तो अस्पतालों के लिए भारी संख्या में मरीजों का इलाज करना मुश्किल हो जाएगा."

अहमद अपने फोन को घरेलू बैटरी की मदद से चार्ज कर सकते थे, लेकिन वह भी अब चार्ज से बाहर हो गई है.

गाजा की खाली इमारतें जो इजरायली सेना के बम हमले से बच गईं.

(द क्विंट द्वारा एक्सेस की गई तस्वीर)

अहमद ने कहा, "यह पहली बार नहीं है जब मैंने ऐसी स्थिति देखी है. इस बार फर्क सिर्फ इतना है कि इजरायल खुद को हमास से बचाने के लिए हम पर हमला कर रहा है. 2014 में इजरायली बमबारी में मैंने अपनी मां को खो दिया था."

जब उनसे भविष्य के लिए उनकी योजनाओं के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "हमारे पास कभी कोई योजना नहीं थी. हम दशकों से इजरायलियों की घेराबंदी में हैं. यह उन कई विनाशों में से एक है जो मैंने देखा है."

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